Ara News: आरा में बर्ड फ्लू से हड़कंप, 48 मुर्गी और बतख को मारकर किया दफन; बरतें सावधानी
आरा शहर में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैल रहा है। संक्रमण रोकने के लिए 48 मुर्गियों और बत्तखों को मारकर दफना दिया गया। प्रभावित क्षेत्र को सैनिटाइज किया गया है। पशुपालन विभाग के अनुसार जिले में अब तक 500 से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है। लोगों को सतर्क रहने और पक्षियों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।
जागरण संवाददाता, आरा। शहर में बर्ड फ्लू संक्रमण फैल रहा है। इस वजह से 48 मुर्गी और बतख को मारकर उसे जमीन में दफना दिया गया। उनके अंडों को भी नष्ट कर दिया गया।
कलेक्ट्रेट के आसपास के क्षेत्र को सैनेटाइज किया गया, ताकि इसका संक्रमण इंसान तक नहीं पहुंचे। पशुपालन विभाग के अनुसार इसके बारे में सर्तक रहने की जरूरत है। जिले में बर्ड फ्लू के कारण अब तक पांच सौ से अधिक मुर्गी और अन्य पक्षियों की मौत हो चुकी है।
बतख मरने की मिली थी जानकारी
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. दिनकर कुमार ने बताया कि कलेक्ट्रेट के पीछे स्थित माउंट मिलिट्री पुलिस यानी घुड़सवार पुलिस शिविर के पास स्थित तालाब में मार्च के अंतिम सप्ताह से लगातार बतख मरने की जानकारी मिल रही थी।
भोपाल से वायरस की हुई पुष्टि
इसमें एक बतख के मरने के कारणों की जांच के लिए पटना में इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन में भेजा गया था। पटना कार्यालय ने वायरस की जांच के लिए भोपाल में भेजा था। 10 दिनों के बाद 15 अप्रैल को रिपोर्ट आई, जिसमें बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लूएंजा), आईए एचपी वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की गई है।
इसलिए पटना से इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन के तीन सदस्यीय दल आया और घुड़सवार पुलिस के आसपास के मोहल्ले के मुर्गी और बतख को पकड़ कर मार दिया और पास के जमीन में दफना दिया।
डॉक्टरों के अनुसार संक्रमित मुर्गी और बतख और उसके अंडे खाने से इंसान को भी बर्ड फ्लू का वायरस संक्रमित कर सकता है। इसके कारण आदमी को फीवर और दर्द हो सकता है, जो ठीक होने में समय लग सकता है।
पक्षियों से मनुष्य में करता है प्रवेश
जहां ऐसा मामला आता है, उसके आसपास के पांच से एक किलोमीटर के दायरे में सभी पक्षियों, अंडे और चारे का नष्ट कर दिया जाता है। इसी वजह से कलेक्ट्रेट के आसपास के सभी मुर्गियों को नष्ट कर दिया गया।
पशुपालन विभाग द्वारा बताया गया कि एक किलोमीटर के अंदर के सभी पक्षियों को खत्म करने का नियम है। अगर ऐसा निर्देश आता है तो उसे पूरा किया जाएगा।
डॉ. दिनकर ने बताया कि यह पक्षियों से मनुष्य में भी प्रवेश सकता है। हालांकि यह जानलेवा नहीं है, लेकिन इससे शरीर में दर्द और फीवर बने रहने का खतरा है, इसलिए कम से कम 15 दिनों तक पक्षियों के अंडे और मांस खाने से परहेज करना चाहिए।
गौरतलब हो कि मार्च के पहले सप्ताह में कोइलवर में आधे दर्जन कौवा मरने का मामला प्रकाश में आया था।
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