Bihar News: दानापुर रेल मंडल में ट्रेन के पहियों को मिली रफ्तार, हासिल की खास उपलब्धि
दानापुर रेल मंडल में लंबी दूरी की लगभग 94 प्रतिशत ट्रेनें निर्धारित समय से चल रही हैं। पटरियों की गुणवता में सुधार और परिचालन में तकनीक के इस्तेमाल ट्रेनों की चाल भी बेहतर हुई है। रेल मंत्रालय ने निर्धारित समय से ट्रेन चलाने पर दानापुर को दूसरा स्थान दिया गया है। वहीं अब लोको पायलट टाइम कवर करने के लिए ट्रेन की स्पीड भी बढ़ा सकते हैं।

जागरण संवाददाता, आरा। समय से घंटों लेट चलने वाली ट्रेनों की चाल में पिछले एक से दो सालों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। दानापुर रेल मंडल में लंबी दूरी की लगभग 94 प्रतिशत ट्रेनें निर्धारित समय से कुछ मिनट ही आगे-पीछे चल रही है।
रेल मंत्रालय ने निर्धारित समय से ट्रेन चलाने पर दानापुर को दूसरा स्थान दिया गया है। यहां सिर्फ 6.71 फ़ीसदी ट्रेन ही लेटलतीफी की शिकार हो रही हैं। ट्रेनों के परिचालन में समय के अनुपालन की बड़ी वजह पटरियों की गुणवता में सुधार और परिचालन में तकनीक के इस्तेमाल को दिया जा रहा है।
मिल रहीं थीं ट्रेन लेट होने की शिकायत
दानापुर रेल मंडल में लगातार ट्रेन लेट होने की शिकायत 10 वर्षो से हो रही थी। दानापुर रेल मंडल के डीआरएम जयंत कुमार चौधरी ने इसे प्रमुखता से लेते हुए सही समय पर ट्रेन चलाने की चुनौती ली थी।
मुगलसराय से झाझा तक औसतन 90 से 110 के आस-पास की स्पीड से ट्रेन चलाई जा रही हैं। इसके प्रमाण के तौर पर रेलवे के एप 'Where Is My Train' के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है।
लगातार ट्रेनों के परिचालन में हो रही देरी, निर्धारित समय से लेट चलने वाली ट्रेनों के कारण यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इससे जुड़ी कई शिकायतें मिल रही थी। यात्रियों के द्वारा एक्स के माध्यम से रेलवे मंत्री को भी इस समस्या से अवगत कराया जाता रहा है।
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव द्वारा पहले ही देश के तमाम रेल मंडलों को यह निर्देश दिया गया था कि ट्रेनों के परिचालन में ट्रेनों के टाइम टेबल और रफ्तार पर ध्यान दें। इस दिशा में दानापुर रेल मंडल ने बेहतरीन काम किया है।
16 क्षेत्रीय रेल मंडल को पीछे छोड़ते हुए दानापुर मंडल टॉप थ्री में
- ट्रेनों के समय पालन में पूर्व मध्य रेल ने गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। समय पालन में पिछले वर्ष की तुलना में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है। यह वृद्धि भारतीय रेल के किसी भी क्षेत्रीय रेलों द्वारा प्राप्त वृद्धि की तुलना में सर्वाधिक है।
- इस प्रकार पूर्व मध्य रेल समय पालन सुधार में ऊंची छलांग लगाते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अन्य सभी 16 क्षेत्रीय रेल को पीछे छोड़ते हुए भारतीय रेल में दूसरे स्थान पर रहा।
अब बढ़ा सकते हैं स्पीड
पहले ट्रेनों के लिए निर्धारित गति से अधिक स्पीड से लोको पायलट ट्रेन नहीं बढ़ा सकते थे। अब लोको पायलट टाइम कवर करने के लिए ट्रेन की स्पीड बढ़ा सकते हैं। ट्रेन के लेट होने पर लोको पायलट स्पीड को 80 से बढ़ाकर 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक करने की अनुमति दी जाती है।
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