Ara News: आरा में दाखिल-खारिज को लेकर आई बड़ी समस्या, कार्यालय का चक्कर लगा-लगाकर किसान परेशान
Ara News कार्यालयों में कर्मियों की मनमानी के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। दाखिल-खारिज को लेकर किसान परेशान हो रहे हैं। कई आवेदकों के ऑनलाइन आवेदन रिजेक्ट हो गए हैं। अब वह दफ्तर के चक्कर काट-काटकर परेशान हो रहे हैं। किसानों ने कर्मियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।

संवाद सूत्र, अगिआंव (आरा)। Ara News: बिहार सरकार के लाख निर्देश के बाद भी कार्यालयों मे कर्मियों की मनमानी के कारण आरा के हजारों किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान इस दफ्तर से उस दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। यहां अधिकारी व कर्मियों की लापरवाही के कारण इसका समुचित लाभ आवेदको को नहीं मिल पा रहा है।
दाखिल-खारिज में आई बड़ी समस्या
अंचल मे ऐसे कई मामले हैं, जिसमें किसी का काम चंद दिनों मे कर दिया गया है तो कोई महीनों से कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश है। अगिआंव मे ऐसे सैकड़ो आवेदक हैं, जिन्होंने दाखिल ख़ारिज के लिए आनलाइन आवेदन तो किया था, पर किसी कारण से रिजेक्ट हो गया।
उसका नकल लेने के लिए लोग महीनों से चक्कर लगा रहे हैं। अहिले गांव निवासी प्रभावती देवी, कंचन देवी ने बताया की उनका दाखिल ख़ारिज का आवेदन रिजेक्ट हो गया है। उनसे रिजेक्ट कागजात का नकल देने के लिए क्लर्क द्वारा पैसा की मांग की जा रहा है।
वहीं करबासीन गांव निवासी हरिशंकर सिंह ने बताया कि वे नजराना देने मे विश्वाश नहीं करते हैं, इसलिए उनका अभी तक नकल नहीं दिया गया। इस सम्बन्ध मे जानकारी लेने के लिए अंचलाधिकारी के मोबाइल नंबर 8544412479 पर संपर्क करने की कोशिश की गई। पर, उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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जिले में आम लोगों के लिए दाखिल खारिज कराना एक बड़ी समस्या है। आरोप है कि इसमें अधिकारी व कर्मचारी मनमानी करते हैं। आम धारणा हो है कि बिना कुछ लिए दिए न तो दाखिल खारिज हो रहा है और न ही परिमार्जन हो रहा है। इन शिकायतों पर लगाम कसने के लिए जिला प्रशासन ने अब सख्त रवैया अख्तियार किया है। अब ऐसे सीओ पर कार्रवाई तय है।
सीओ को लगाई फटकार
गत दिनों राजस्व कार्यों की समीक्षा के दौरान दाखिल खारिज, परिमार्जन, परिमार्जन प्लस व ई-मापी में लापरवाही बरतने वाले सीओ को फटकार लगाई है। वरीय अधिकारियों के अनुसार कार्य में मनमानी करनेवाले सीओ के अलावा राजस्व कर्मी और राजस्व पदाधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के मामले अधिक संख्या में लंबित हैं, वहां जांच कराकर इसकी रिपोर्ट विभाग को भेजी जाएगी।
हालांकि, गत 21 दिनों में कुछ अंचलों ने इन मामलों के निष्पादन में तेजी दिखाई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस वर्ष जिले में गत एक जनवरी से 21 जनवरी तक दाखिल खारिज के 8668, परिमार्जन प्लस के 9514, परिमार्जन प्लस लेफ्ट आउट के 21958 व ई-मापी के 556 मामलों का निष्पादन किया गया है।
सासाराम अंचल का सबसे खराब प्रदर्शन : वरीय अधिकारियों की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि कुल अंचलों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है, लेकिन कई अंचल में लापरवाही साफ देखी जा रही है। जिन अंचलों द्वारा खराब प्रदर्शन किया जा रहा है, उनमें सासाराम, करगहर, दिनारा, शिवसागर, चेनारी, काराकाट व डिहरी अंचल शामिल हैं। सबसे अधिक खराब प्रदर्शन अंचल सासाराम की है।
इससे पहले सासाराम अंचल अधिकारी से स्पष्टीकरण भी पूछा गया है। यदि इनकी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होती है तो कार्रवाई के लिए विभाग को भेजा जाएगा। समीक्षा में पाया गया कि ई-मापी के मामलों को भी सीओ के स्तर पर काफी देरी हो रही है।

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