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    Ara News: आरा के सरकारी शिक्षक हो जाएं सावधान, डीएम का आ गया है आदेश; सभी की लिस्ट हो रही तैयार

    Ara News आरा में सरकारी शिक्षकों की मुसीबत बढ़ने वाली है। जिले के डीएम तनय सुल्तानिया ने लापरवाह शिक्षकों की लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है। डीएम ने शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं और स्कूलों में किए जा रहे असैनिक कार्यों के प्रगति की समीक्षा करते हुए उसे तेजी से पूरा करने को कहा।

    By dharmendra kumar singh Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 10 Jan 2025 03:59 PM (IST)
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    भोजपुर के डीएम ने सरकारी शिक्षकों को लेकर दे दिया आदेश (जागरण)

      जागरण संवाददाता,  आरा। Ara News: आरा में लापरवाह बिहार सरकार के शिक्षकों की मुसीबत बढ़ने वाली है। सभी की लिस्ट भी तैयार हो रही है। दरअसल, जिले के डीएम तनय सुल्तानिया ने समय पर स्कूल नहीं आने वाले शिक्षकों की सूची तैयार करने के लिए कहा है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

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    डीएम ने शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं और स्कूलों में किए जा रहे असैनिक कार्यों के प्रगति की समीक्षा करते हुए उसे तेजी से पूरा करने को कहा।

    बैठक में मुख्य रूप से मध्याह्न भोजन योजना, शिक्षकों की शत-प्रतिशत समय पर उपस्थिति, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सरकार द्वारा छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए कई निर्देश दिए।

    डीएम ने दिए और भी निर्देश

    डीएम ने बच्चों के आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र निर्माण में तेजी लाने, बच्चों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को समय पर उपलब्ध कराने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।

    उन्होंने प्रत्येक जिला स्तरीय और प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी कम से कम एक या दो विद्यालय को गोद लें और उन पर कार्य प्रारंभ करें। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (सर्व शिक्षा अभियान), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन), सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता (एलएईओ) और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

    समीक्षा के नाम पर वेतन भुगतान में विलंब पर बिफरे शिक्षक

    फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटीज टीचर्स एसोसिएशन आफ बिहार (फुटाब) ने शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के बजट को तीसरी बार समीक्षा की अंतहीन प्रक्रिया पर नाराजगी व्यक्त की है। फुटाब के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो कन्हैया बहादुर सिन्हा और महासचिव विधान पार्षद, डा संजय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि सरकार के 50 हजार करोड़ का बजट की समीक्षा नहीं होती है।

    जबकि इसमें से विश्वविद्यालयों के वार्षिक 4.5 हजार करोड़ बजट का तीसरी बार समीक्षा के नाम पर शिक्षकों का वेतन और पेंशन का भुगतान रोका गया है। सनद रहे कि नवंबर और दिसंबर माह का वेतन और पेंशन भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि बजट समीक्षा के नाम पर कभी तदर्थ भुगतान तो कभी तीन तीन माह पर पेंशन व वेतन भुगतान किया जाता है।

    पेंशन का पत्र निकालने पर नाराजगी

    पिछले दिनों विभाग ने दो माह के पेंशन का पत्र निकाल दिया, लेकिन उसमें केवल एक विश्वविद्यालय का नवंबर का पेंशन स्वीकृत किया गया। कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए बजट आठ जनवरी से 17 जनवरी तक तीसरी बार की जा रही है। इस तरह हर स्तर पर भेदभाव की स्तिथि उत्पन्न की जा रही है, जो किसी भी तरह स्वस्थ परम्परा कायम करने के अपेक्षित सोच से परे है।

    नवनियुक्त शिक्षकों की जो सूची सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों को प्रेषित की जाती है उसी पर बहाली होती है। शिक्षा वि भाग ने अभी नवंबर माह में ही इनकी संख्या की गणना कर एनपीएस योजना लागू करने के लिए मार्ग विमुक्त की है।

    किसी भी बजट समीक्षा पश्चात सरकार की ओर से यह नहीं कहा गया कि विश्वविद्यालयों ने वेतन, पेंशन मद में वास्तविक राशि से अधिक मांग की है। उन्होंने सरकार से वेतन, पेंशन और बकाया का जल्द भुगतान की मांग की।

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