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    Torres Scam: एक हजार करोड़ के टोरेस घोटाले में भागलपुर से जुड़े तार, EOW कर रही छापामारी

    Updated: Fri, 24 Jan 2025 01:54 PM (IST)

    मुंबई में हुए 1000 करोड़ के टोरेस घोटाले का मुख्य आरोपित तौसिफ भागलपुर के सुल्तानगंज का मूल निवासी है। तौसिफ की तलाश में चेतन पचरेवाल के नेतृत्व में भागलपुर पहुंची मुंबई आर्थिक अपराध ईकाई की टीम उसके रिश्तेदारों के घर में छापामारी कर उसकी तलाश कर रही है। सुल्तानगंज में तौसिफ के पैतृक आवास को भी खंगाला गया है। एक संबंधी को हिरासत में लिए जाने की भी खबर है।

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    सुल्तानगंज का रहने वाला है टोरेस घोटाले का मास्टरमांइड

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। Torres Jewellery Scam: मुंबई में हुए 1,000 करोड़ के टोरेस निवेश घोटाला के तार सीधे तौर पर भागलपुर से जुड़ गए हैं। कैशबैक, हाई बोनस, और 600 प्रतिशत तक रिटर्न का झांसा देकर रिटेल ज्वेलरी में निवेश कराने वाले मास्टरमाइंड तौसिफ रियाज उर्फ जान कार्टर सुल्तानगंज का रहने वाला है।

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    उसे दबोचने के लिए गुरुवार को शहरी प्रक्षेत्र और सुल्तानगंज में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है।

    आर्थिक अपराध ईकाई की टीम कर रही छापामारी

    चेतन पचरेवाल के नेतृत्व में पहुंची आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने टोरेस कंपनी के सीईओ तौसिफ की गिरफ्तारी के लिए कई ठिकानों पर दबिश दी।

    इशाकचक थानाक्षेत्र के बरहपुरा, चांदनी चौक में तौसिफ के मामा मुहम्मद साहब के घर पर भी छापेमारी हुई। सुल्तानगंज में तौसिफ के पैतृक आवास को भी खंगाला गया।

    इससे पहले टीम ने बीते दिन पटना के फुलवारीशरीफ के आदर्श बिहार कॉलोनी स्थित तौसिफ के फ्लैट में भी छापेमारी की थी। वहां उसके परिवार के सदस्यों की उपस्थिति थी, लेकिन तौसिफ नहीं मिला।

    ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने भागलपुर और सुल्तानगंज में तौसिफ के कई रिश्तेदारों से पूछताछ की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार घोटालेबाज के एक संबंधी को हिरासत में लिया गया है, उससे पूछताछ की जा रही है।

    इस बारे में आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की गई है। आर्थिक अपराध टीम के सुल्तानगंज, इशाकचक में छापेमारी के बाद नेपाल से सटे सीमांचल और बंगाल के सीमावर्ती जिले में छापेमारी करने की बात भी कही जा रही है।

    मुंबई से पहुंची टीम अपने साथ तौसिफ रियाज के एक रिश्तेदार को भी लेकर पहुंची है। उसकी निशानदेही पर दूसरे ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है।

    लुकआउट नोटिस जारी

    मुंबई पुलिस के मुताबिक फरार दो आरोपितों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है। दोनों आरोपी यूक्रेनी नागरिक हैं। इनके नाम विक्टोरिया कोवलेंको और तौफीक रियाज उर्फ जॉन कार्टर हैं।

    भागलपुर में बेशकीमती भूखंडों में कर रखा है बड़ा निवेश

    • आर्थिक अपराध इकाई, मुंबई के अधिकारियों के अनुसार, तौसिफ रियाज उर्फ जान कार्टर के मुंबई और पटना के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान भागलपुर में बेशकीमती भूखंडों में बड़ा निवेश किए जाने की जानकारी हाथ लगी है।
    • तौसिफ ने अपने करीबी रिश्तेदारों की मदद से भागलपुर, सुल्तानगंज, बांका सहित पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये का निवेश कर रखा है।

    पुलिस ने कहा कि तौसिफ और उसकी खास सहयोगी तान्या की गिरफ्तारी बाद करोड़ों के बड़े निवेश और निवेश कराने वाले करीबी लोगों का सच सामने आ जाएगा।

    बताया गया कि तौसिफ रजा उर्फ जान कार्टर ने मुंबई में टोरेस ज्वेलरी शोरूम की आड़ में सैकड़ों निवेशकों को बेहतर लाभ कमाने का प्रलोभन दिया। इसके बाद 1000 करोड़ से अधिक ठग लिए।

    उसने आभूषण खरीदने वाले ग्राहकों के लिए स्कीम चलाकर अपनी कंपनी में खाते खुलवाए और करोड़ों रुपये डकार गया।

    धोखाधड़ी का यह मामला बीते सोमवार को तब उजागर हुआ, जब 500 निवेशकों ने दादर (मुंबई) में वास्तु सेंट्रल बिल्डिंग के टोरेस स्टोर के बाहर प्रदर्शन किया। कंपनी ने निवेश योजना की आड़ में मुंबई, नवी मुंबई, मीरा-भाईंदर सहित आस-पास के उपनगरों के सैकड़ों निवेशकों को धोखा दिया है।

    11 प्रतिशत रिटर्न का झांसा देकर हड़पे करोड़ों रुपये

    आर्थिक अपराध इकाई, मुंबई के अधिकारियों के मुताबिक तौसिफ रियाज ने अपने खास लोगों की मदद से टोरेस कंपनी में निवेश पर 11 प्रतिशत रिटर्न देने का वादा किया, जिसके बाद निवेश करने वाले ग्राहकों की झड़ी लग गई। हजारों निवेशकों ने अपनी जमा पूंजी उसकी कंपनी में निवेश कर दिया।

    आर्थिक अपराध विंग के अधिकारी चेतन पचरेवाल ने बताया कि आरंभ में यह निवेश चार सौ करोड़ का था, ब्याज प्रतिशत के बढ़ते ही इसके करीब एक हजार करोड़ तक के निवेश का आंकड़ा पहुंचने का अनुमान है।

    कंपनी में इतना बड़ा निवेश होते ही तौसिफ रियाज अपने करीबी सहयोगियों के साथ शोरूम बंद कर रातों-रात भाग निकला।

    निवेशकों को जब इसकी जानकारी हुई तो शिवाजी पार्क थाना में केस दर्ज कराया। इसके बाद यह केस मुंबई की आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया गया।

    तौसिफ के साथ उसकी करीबी तान्या भी मुंबई से छापेमारी पूर्व ही फरार हो चुकी है। इस मामले में अबतक तौसिफ की कंपनी से जुड़े दो रूसी सहयोगी बेलेनरीना और केल्विन व मुंबई विक्टोरिया निवासी सर्वेश अशोक सुर्वे को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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