Bihar Teacher News: शिक्षक ऑफ द मंथ पुरस्कार में खगड़िया ने मारी बाजी, भागलपुर के किसी टीचर को नहीं मिला सम्मान
भागलपुर जिले में 15 हजार से ज्यादा शिक्षक कार्यरत हैं लेकिन शिक्षक ऑफ द मंथ के लिए किसी भी शिक्षक ने आवेदन नहीं किया। भागलपुर सहित 11 जिलों ने इसके लिए आवेदन नहीं किया था। वहीं 27 जिलों के 66 शिक्षकों इसके लिए चयन किया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इसके पीछे जागरुकता की कमी बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को जागरुक किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले में 15 हजार से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन शिक्षक ऑफ द मंथ की घोषणा जब मुख्यालय स्तर से की गई तो इनमें जिले के एक भी शिक्षक शामिल नहीं हो पाए। जिला शिक्षा विभाग के मुताबिक जनवरी माह के लिए एक भी शिक्षक ने शिक्षक ऑफ द मंथ के लिए अपना आवेदन नहीं किया था, जबकि कई शिक्षकों को इसके लिए कहा भी गया था।
उपलब्धि जाहिर करने में शिक्षक पीछे
इससे एक बात स्पष्ट होती है कि काबिलियत रहने के बावजूद भी शिक्षक अपनी उपलब्धि को जाहिर करने से पीछे हट रहे हैं।
पिछले दिनों शिक्षा मुख्यालय के प्रभारी उपनिदेशक मध्याह्न भोजन योजना बालेश्वर प्रसाद यादव द्वारा राजभर के 27 जिलों से 66 शिक्षकों का नाम शिक्षक ऑफ द मंथ के लिए जारी किया गया है, जिसमें सर्वाधिक खगड़िया जिले से सात शिक्षक शामिल हैं।
ई शिक्षा पोर्टल पर देनी होती है जानकारी
शिक्षक ऑफ द मंथ के लिए शिक्षक और प्रधानाध्यापक को स्वयं संबंधी जानकारी शिक्षा विभाग के ई शिक्षा पोर्टल पर हर महीने की 10 तारीख को पिछले महीने के प्रदर्शन के आधार पर करनी होती है। इनके द्वारा अपलोड की गई रिपोर्ट, आंकड़े, फोटोग्राफ को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पहले जांच करते हैं।
रिपोर्ट के आधार पर होता है चयन
जांच की गई रिपोर्ट को अनुमोदित कराते हुए सुयोग्य शिक्षकों का चयन कर डीईओ मुख्यालय को आगे बढ़ाते हैं। इसके बाद ही मुख्यालय स्तर से मासिक पुरस्कार के लिए चुना जाता है।
आपको बता दें कि इस बार शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक दिवस पर दिए गए राजकीय शिक्षक सम्मान में भी जिले से दो शिक्षक शामिल हो पाए थे।
इन जिलों के शिक्षकों का हुआ चयन
मुख्यालय स्तर से शिक्षा का ऑफ द मंथ के लिए गोपालगंज के एक, कैमूर के तीन, कटिहार के एक, खगड़िया के सात, किशनगंज के पांच, लखीसराय के दो, मधेपुरा के तीन, मुंगेर के एक, नालंदा के तीन, पूर्णिया के दो, रोहतास के एक, सहरसा के एक, सारण के दो।
सुपौल के दो,वैशाली के दो, सीतामढ़ी के पांच, समस्तीपुर के दो, पूर्वी चंपारण के चार, पटना के तीन, प. चम्पारण के दो, मधुबनी के दो, दरभंगा के पांच, अरवल के एक, बेगूसराय के एक, भोजपुर के एक, गया के दो शिक्षकों का चयन किया गया है।
शिक्षा मुख्यालय की ओर से बेहतर करने वाले शिक्षकों के लिए शिक्षक ऑफ द मंथ की घोषणा की गई है। इस बार किसी शिक्षकों का इसमें शामिल नहीं होना, कहीं ना कहीं जागरूकता की कमी दिखती है। इसलिए शिक्षक ऑफ द मंथ के लिए शिक्षकों को जागरूक करने का काम किया जाएगा।
राजकुमार शर्मा, जिला शिक्षा पदाधिकारी
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