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    Tatkal Ticket: होली आते ही तत्काल टिकट बुकिंग का खेल शुरू, राजधानी और वंदे भारत में सीट के लिए मारामारी

    होली (Holi 2025 Trains) के मौके पर भागलपुर-बांका और आसपास के इलाकों में तत्काल टिकटों की बुकिंग के लिए दलाल सक्रिय हो गए हैं। ये अवैध सॉफ्टवेयर की मदद से झटपट टिकट बुक कर रहे हैं जिससे आम लोगों को घंटों इंतजार के बाद भी वेटिंग टिकट मिल रहे हैं। दलाल मनमाने तरीके से टिकटों के पैसे वसूल रहे हैं।

    By Alok Kumar Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 06 Mar 2025 01:43 PM (IST)
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    होली आते ही तत्काल टिकट बुकिंग का खेल शुरू (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। होली के आते ही भागलपुर-बांका और आसपास के क्षेत्रों में तत्काल टिकटों की बुकिंग का खेल शुरू हो गया है। अवसर का लाभ उठाने के लिए भागलपुर-बांका और आसपास के क्षेत्रों में दलालों की सक्रियता बढ़ गई है। वे खास सॉफ्टवेयर की मदद से अपने निजी काउंटर से झट से टिकट बुक कर ले रहे हैं। इसके लिए वे वोल्टास, गदर, नेक्सेस व रियल मैंगो जैसे अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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    लिहाजा, घंटों इंतजार के बाद भी आम लोग हाथ मलते रह जा रहे हैं। मजबूरन अगर उन्होंने वेटिंग टिकट ले भी लिया तो उसके कंफर्म होने की उम्मीद नहीं के बराबर होती है। जिस कारण उन्हें दलालों की शरण में जाना होता है। यात्रियों की जरूरत भांप दलाल मनमाने तरीके से टिकटों के पैसे वसूलते हैं।

    दरअसल, त्योहार के कारण तेजस राजधानी, वंदे भारत, विक्रमशिला, एलटीटी, ब्रह्मपुत्र मेल, अंग एक्सप्रेस सहित लंबी दूरी की ट्रेनों में कंफर्म टिकटों के लिए मारामारी मची हुई है। इसका लाभ शहर में जगह-जगह सक्रिय दलाल उठा रहे हैं।

    सुबह से लगे रहते हैं लाइन में, हाथ लगती है निराशा

    भागलपुर, बांका, कहलगांव सहित अन्य रेलवे स्टेशनों के आरक्षण काउंटर पर हर दिन सुबह से ही लाइन लगाए लोगों को तत्काल में भी वेटिंग टिकट ही मिल रही है। तत्काल की बुकिंग शुरू होने पर आरक्षण काउंटर पर बैठे क्लर्क जब तक एक या दो टिकट निकाल पाते हैं, तब तक वेटिंग टिकट मिलना शुरू हो जाता है। घंटों लाइन में इंतजार करने वाले लोगों को निराशा हाथ लगती है।

    रेलवे सुरक्षा बल की ओर से पिछले साल भागलपुर, नाथनगर, बांका, गोड्डा, सबौर से महिला सहित 15 से अधिक दलालों को गिरफ्तार किया गया था। कई जगहों की टिकटें, कंप्यूटर आदि जब्त किए गए थे। बीते दो साल में 30 से अधिक दलाल पकड़े जा चुके हैं। इनके पास से वोल्टास, रियल मैंगो, गदर और नेक्सेस जैसे अवैध सॉफ्टवेयर का पता लगा था।

    इससे पहले भी आरपीएफ की फील्ड इकाई ने अवैध सॉफ्टवेयर के संचालन का पता लगाया था। टीम अब तक एएनएमएस, रेड मिर्ची, ब्लैक टीएस, टिक-टाक, आइ-बाल, रेड बुल और मैक जैसे कई अवैध स्साफ्टवेयरों का पता लगा चुकी है।

    • इधर, वेटिंग में टिकट मिलने के बाद यात्री दलालों के पास जाते हैं। जहां उन्हें मनचाही ट्रेन का कंफर्म टिकट मिल जाता है। टिकट के सौदागर प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की सहायता से टिकट हासिल कर अधिक पैसे वसूलते हैं।
    • पिछले साल अभियान चलाकर रेलवे ने भागलपुर व मालदा मंडल सहित देश भर में 12 हजार से अधिक टिकट दलालों को पकड़ा था, लेकिन जेल से छूटने के बाद इनमें अधिकांश फिर से सक्रिय हो गए हैं। भागलपुर व बांका जिले में इनकी संख्या 100 के आसपास है।

    यह भी जानें

    आरआईसीटीसी की वेबसाइट के अलावा आईआरसीटीसी की ओर से रेल टिकट बुकिंग के लिए अधिकृत वेबसाइट पर जाकर यात्री अपना रेल टिकट बुक करा सकते हैं। इनमें पेटीएम, कंफर्म टिकट, मेक माइ ट्रिप आदि शामिल है। जहां से यात्री खुद बुकिंग कर सकते हैं।

    रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, जेल से छूटे टिकट दलालों पर विशेष नजर है। फर्जी आइडी व सॉफ्टवेयर से टिकट बनाने वाले एजेंटों पर कार्रवाई के लिए टीम बनाई गई है। स्टेशनों के टिकट काउंटरों व आसपास के एजेंटों पर नजर रखने के लिए सादे पोशाक में भी आपीएफ जवानों को तैनात किया गया है। आरक्षण काउंटरों पर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है।

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