Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विक्रमशिला यूनिवर्सिटी के अस्थायी परिसर में जल्द शुरू होगी पढ़ाई, सचिव ने भागलपुर DM को लिखा पत्र

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 03:59 PM (IST)

    Bhagalpur News केंद्रीय विक्रमशिला विश्वविद्यालय के अस्थायी परिसर में जल्द ही पढ़ाई शुरू होने की संभावना है। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव ने इसको लेकर डीएम को पत्र भी लिखा है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर में तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था के तहत विक्रमशिला विश्वविद्यालय का संचालन हो सकता है।

    Hero Image
    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। केंद्रीय विक्रमशिला विश्वविद्यालय के अस्थायी परिसर में जल्द ही पढ़ाई शुरू होने की संभावना है। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है।

    शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव ने डीएम को पत्र लिखकर केंद्रीय विक्रमशिला विश्वविद्यालय को क्रियाशील करने के लिए तत्काल लगभग 50 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल के निर्मित दो-तीन उपयुक्त अस्थायी परिसर या भवनों चिह्नित कर रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अस्थायी परिसर स्थल को राष्ट्रीय राजमार्ग से सीधे जोड़ने वाली पहुंच पथ न्यूनतम 24 मीटर चौड़ी होनी चाहिए। अस्थायी परिसर स्थल तक बिजली कनेक्शन और पानी की आपूर्ति की व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए।

    इन सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श के लिए शुक्रवार को 11 बजे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक बुलाई गई है। बैठक में यह तय होगा कि कौन सा स्थल पढ़ाई के उपयुक्त होगा।

    बीएयू में संचालित हो सकता है विक्रमशिला विश्वविद्यालय

    बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर में तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था के तहत विक्रमशिला विश्वविद्यालय का संचालन हो सकता है। सरकारी और गैर सरकारी दो जगहों पर भवन भी चिह्नित कर लिया गया है।

    बीएयू के कुलपति डॉ. डीआर सिंह से डीएम की इस संदर्भ में सकारात्मक बात हुई है। कुलपति ने स्वीकृति भी दे दी है। निर्देश मिलते ही विश्वविद्यालय का संचालन आरंभ हो जाएगा।

    जिलाधिकारी ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एक सरकारी और एक गैर सरकारी भवन को चिह्नित कर लिया है। शुक्रवार को होने वाली बैठक के बाद शिक्षा विभाग की टीम स्थल को देखने के लिए आ सकती है।

    उम्मीद की जा रही है कि इसी सत्र से केंद्रीय विक्रमशिला विश्वविद्यालय के अस्थायी परिसर में पढ़ाई शुरू हो सकती है।

    विश्वविद्यालय में होती थी रिसर्च और पढ़ाई

    विक्रमशिला विश्वविद्यालय विशेष रूप से में तंत्र शास्त्र, बौद्ध धर्म, तत्व ज्ञान, दर्शन शास्त्र, न्याय और व्याकरण विषय पर रिसर्च और पढ़ाई होती थी। विदेशों से भी अध्ययन के लिए छात्र आते थे।

    पूर्व मध्ययुग में विक्रमशिला विश्वविद्यालय के अतिरिक्त कोई शिक्षा केंद्र इतना महत्त्वपूर्ण नहीं था। विक्रमशिला विश्वविद्यालय में बारहवीं शताब्दी में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या करीब तीन हजार थी।

    विश्वविद्यालय के कुलपति छह भिक्षुओं के एक मंडल की सहायता से प्रबंध तथा व्यवस्था चलाते थे। विश्व प्रसिद्ध बौद्ध धर्म प्रचारक पंडित अतीश दीपंकर जैसे विद्वान मनीषी प्राध्यापक थे।

    विश्वविद्यालय में लगभग 160 विहार थे। तंत्र और बौद्ध धर्म से संबंधित विश्व स्तर पर शिक्षा की अलख जगाने वाले विक्रमशिला विश्वविद्यालय के दिन बहुरने वाले हैं।

    सरकारी भूमि हस्तांतरण करने का निर्देश

    जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने अपर समाहर्ता व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को विक्रमशिला पुरातात्विक स्थल के समीप विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए अधिग्रहित किए जाने वाली भूमि के आसपास की सरकारी भूमि के हस्तांतरण करने को कहा है।

    28 मार्च को मुख्य सचिव विक्रमशिला पुरातात्विक स्थल एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए अधिग्रहित किए जाने वाले भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया था।

    निरीक्षण के क्रम में मुख्य सचिव ने निर्देश दिया था कि स्थल के आसपास अतिरिक्त भूमि सरकारी भूमि और पहाड़ भी विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए लैंड बैंक के रूप में अधिग्रहित किया जाए, ताकि भविष्य में उक्त भूमि का विश्वविद्यालय परिसर में विस्तार के लिए उपयोग में लाई जा सके।

    यह भी पढ़ें-

    विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए भूमि अधिग्रहण में तेजी, PM मोदी कर सकते हैं शिलान्यास

    Toll Tax: 31 मार्च की रात 12 बजे से बढ़ जाएगा टोल टैक्स, भागलपुर हाईवे और आसपास के NH के लिए आ गई नई रेट लिस्ट