Bihar News: शराबबंदी के बाद बढ़ा स्मैक व ब्राउन शुगर का कारोबार, चुनिंदे चाय की दुकानों पर मिल रहे नशीले पदार्थ; देखें रिपोर्ट
बिहार में शराबबंदी के बाद स्मैक और ब्राउन शुगर का कारोबार काफी बढ़ा है। ताजा आकड़े इस बात की गवाह दे रहे हैं। भागलपुर में कई जगहों पर चुनिंदा चाय के दुकानों में नशीले पदार्थ बिक रहे हैं। चाय की दुकान में स्मैक-ब्राउन शुगर-नशीला कफ सीरप बेचे जाने और वहां लड़कों के अड्डेबाजी की जानकारी इंटरनेट मीडिया से होने पर पुलिस ने कार्रवाई की।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। सूबे में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से स्मैक, ब्राउन शुगर, नशीली कफ सीरप के नशेड़ियों की संख्या काफी बढ़ गई है। पहले मुल्लाचक, शहबाज नगर, हुसैनपुर में ही मादक पदार्थ बेचने वाले पैडलरों की सक्रियता हुआ करती थी।
अब तो उर्दू बाजार, मंदरोजा, गोलाघाट, बबरगंज, अलीगंज, इशाकचक, भीखनपुर, तातारपुर, आदमपुर, बरारी, तिलकामांझी, हबीबपुर, ललमटिया, नाथनगर जैसे शहरी इलाके के अलावा
अब ग्रामीण क्षेत्र में रन्नुचक, मकंदपुर, शाहपुर, कजरैली, जगदीशपुर, गोराडीह, लोदीपुर, सबौर, नवगछिया जैसे जगहों की चुनिंदे चाय की दुकानों में स्मैक-ब्राउन शुगर और नशीले कफ सीरप मिलने लगे हैं।
सुबह से शाम इन चाय की दुकानों में मादक पदार्थ के लती जिनमें अधिकांश कम उम्र के युवकों की संख्या अधिक देखी जा सकती है।
लाइटर की लौ से पाउडर नाक से खींची फिर नशा दोगुना करने को पीते हैं चाय
शहरी क्षेत्र की चुनिंदे चाय की दुकानों में पहुंचने वाले नशे के लती लाइटर की लौ से स्मैक-ब्राउन शुगर पाउडर को नाक से खींचा फिर उस नशे को चरम पर पहुंचाने के लिए काफी देर बैठ चाय पीते हैं। इस दौरान तीन-चार कप चाय भी पी लेते।

लाइटर से पाउडर का नशा लेने वालों ने यह इल्म नशीला कफ सीरप पीने वालों से सीखा ऐसा नशे के लती लड़के बताते हैं। नशीला कफ सीरप पीने वाले युवक कफ सीरप पीने के बाद होने वाले नशे की क्षमता बढ़ाने को चाय का इस्तेमाल किया करते हैं। उन्हें देख ही मादक पदार्थ के लती ऐसा करने लगे हैं।
इंटरनेट मीडिया पर एक पिता की पीड़ा सुन पुलिस ने की छापेमारी, मची भगदड़
तातारपुर थानाक्षेत्र के परबत्ती चौक के समीप एक चाय की दुकान में स्मैक-ब्राउन शुगर-नशीला कफ सीरप बेचे जाने और वहां लड़कों के अड्डेबाजी की जानकारी इंटरनेट मीडिया से होने पर पुलिस ने संज्ञान लिया।
पिता ने पोस्ट के जरिये यह जानकारी दी कि उस चाय की दुकान पर न सिर्फ उसका बेटा बल्कि समाज के काफी लड़के रोज पहुंच रहे हैं। वहां चाय के बहाने काफी देर बैठ नशीला पाउडर का नशा करते हैं। गांजा भरी सिगरेट भी पीते हैं। कोई बोलने वाला नहीं।
पिता अपनी पीड़ा का इजहार इतने में बंद नहीं करते यहां तक लिख डाला कि नशाबंदी एक चुनौती भरा काम है। वर्षों की गुलामी का एक कारण नशा भी था। पिता ने यह पीड़ा अपने एक दोस्त को भी बताई। चाय की दुकान पर नशे के इस नये प्रचलन से लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है।
तातारपुर थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने पिता की पीड़ा जानने के बाद उसका सत्यापन करा सोमवार की रात छापेमारी की। अचानक पुलिस टीम के चाय की दुकान पर पहुंचने से भगदड़ मच गई। लड़केे गली के अंदर से जैसे-तैसे भाग निकले। पुलिस उक्त चाय दुकानदार से नशे की खरीद-बिक्री संबंधी पूछताछ कर रही है।

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