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    Patna: सूखे नशे के जाल में नई पीढ़ी, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी कर रहे तस्करी; खुलेआम घूम रहे ‘मौत’ के सौदागर

    By Prashant KumarEdited By: Ashish Pandey
    Updated: Thu, 09 Feb 2023 10:43 AM (IST)

    Patna Drug Smuggling Racket पटना में ब्राउन शुगर स्मैक गांजा हेरोइन और कोडिन युक्त कफ सिरप पर रोक के लिए तमाम कार्रवाई के बाद भी इनकी बिक्री रुक नहीं पा रही है। महिलाएं और नाबालिग तस्कर छोटी-छोटी पुड़िया बना कर ग्राहकों के घर तक खेप पहुंचा रहे हैं।

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    घर तक खेप पहुंचा रहे तस्कर, कंकड़बाग थाने के पास मां-बेटे बेचते थे स्मैक की पुड़िया

    जागरण संवाददाता, पटना: राजधानी पटना में ब्राउन शुगर, स्मैक, गांजा, हेरोइन और कोडिन युक्त कफ सिरप जैसे अन्य मादक पदार्थ गलती से पुलिस के हाथ लग जा रहे हैं। प्रतिबंधित मादक पदार्थों की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए पुलिस, उत्पाद विभाग, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और आर्थिक अपराध इकाई कार्रवाई तो करती है, लेकिन तस्करों और विक्रेताओं पर अंकुश लगाने में कामयाब नहीं हो पा रही है। बिना सूचना मिले मादक पदार्थों की बिक्री करने वालों की पहचान करना पुलिस और एजेंसी के लिए व्यावहारिक रूप से संभव नहीं हो पाता। तस्कर और मादक पदार्थों के विक्रेता छोटी-छोटी पुड़िया बना कर ग्राहकों तक खेप पहुंचा रहे हैं। इन विक्रेताओं में महिलाएं और नाबालिग भी शामिल हैं।

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    भाभीजी पकड़ी गईं, लेकिन गिरोह अब भी सक्रिय

    कोतवाली, कंकड़बाग, गर्दनीबाग, कदमकुआं, शास्त्री नगर, एसकेपुरी, बुद्धा कालोनी समेत कई थानों की पुलिस ने मादक पदार्थ बेचने वाले लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, मगर उनका धंधा बिना रुके चलता रहा। वर्ष 2019 में जक्कनपुर थाने की पुलिस ने शहर में ब्राउन शुगर की सबसे बड़ी स्थानीय सरगना भाभीजी उर्फ पूजा और उसके पति गुड्डू को पकड़ा गया था, लेकिन उनके साथी अभिमन्यु ने बाहर से तस्करी जारी रखी। पीरबहोर थाने की पुलिस ने उसे दबोचने के लिए घेराबंदी भी की थी, जिसमें ब्राउन शुगर की खेप तो मिली, मगर अभिमन्यु लग्जरी गाड़ी से भागने में सफल रहा। वह अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। इसी तरह कंकड़बाग थाने के पास ही ब्राउन शुगर बेचने वाले मां-बेटे को पुलिस ने एक लाख से अधिक नकदी के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद भी एक अन्य महिला थाना मोड़ के पास स्मैक के साथ पकड़ी गई थी।

    स्कूल और कालेज के विद्यार्थी भी शामिल

    भाभीजी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को जानकारी मिली थी कि स्कूल और कालेज के विद्यार्थी भी मादक पदार्थों की बिक्री में लगे हैं। तस्करों से उन्हें साढ़े तीन सौ रुपये में एक पुड़िया मिलती है, जिन्हें वे डेढ़ सौ रुपये के मुनाफे पर ग्राहकों को 500 रुपये में उपलब्ध कराते हैं। हाल ही में गांधी मैदान थाने की पुलिस ने चार युवकों को स्मैक और ब्राउन शुगर की पुड़िया के साथ गिरफ्तार किया था, जो एक निजी कालेज के विद्यार्थी थे। इसके अलावा एसकेपुरी थाने की पुलिस ने गांजे की खेप और 10 लाख रुपये के साथ एक ही परिवार के छह सदस्यों समेत दस आरोपितों को गिरफ्तार किया था। वे सोनपुर से नदी के रास्ते दीघा तक ड्रग्स की खेप मंगवाते थे। तस्करी के इन रुपयों से उन्होंने आलीशान मकान के अलावा कई चल-अचल संपत्ति भी बना ली थी। जिला प्रशासन के माध्यम से उनकी संपत्ति के अधिहरण के लिए पुलिस ने अर्जी भी डाल रखी है।

    गुप्त सूचना के आधार पर होती है कार्रवाई

    एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि मादक पदार्थों की बिक्री और सेवन करने वाले आरोपितों पर गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। वहीं, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि बिहार में असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से मादक पदार्थों की खेप आ रही है। 2016 के बाद से अब तक तीन सौ क्विंटल से अधिक गांजा पकड़ा गया है। ब्राउन शुगर और हेरोइन जैसे मादक पदार्थ भी जब्त किए गए हैं। केंद्रीय आसूचना इकाई से मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित इनपुट मिलने के बाद स्थानीय टीम उन पर कार्रवाई करती है।