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    बिहार के गांव बन रहे 'उड़ता पंजाब': दोस्ती कर छात्रों को चखाते हैं ड्रग, लत लगने पर उन्हीं से कराते हैं तस्करी

    By Ashish ShuklaEdited By: Jagran News Network
    Updated: Thu, 02 Mar 2023 10:50 AM (IST)

    बिहार के गांव उड़ता पंजाब बनते जा रहे हैं। शहरों की बात छोड़िए राजधानी के आसपास के गांवों में आसानी से नशे की पुड़िया मिल जाती है। तस्कर कॉलेज जाने वाले छात्रों को पहले नशा चखाते हैं और जब उन्हें लत लग जाती है तब उन्हीं से तस्करी करवाते हैं।

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    अब गांव में भी खुलने लगी नशे की पुड़िया।

    जागरण संवाददाता, पटना: ब्राउन शुगर की तस्करी करने वालों का नेटवर्क सिर्फ पटना ही नहीं आसपास के गांवों तक फैल गया है। नशे के सौदागर पहले अच्छे परिवार के स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों से दोस्ती करते हैं और उन्हें फ्री में नशा चखाते हैं। जब उनको नशा अच्छा लगने लगता है, तब वे ग्राहक बन जाते हैं और पैसे के लिए नशा की तस्करी भी शुरू कर देते हैं। इस तरह बिहार 'उड़ता पंजाब' बन रहा है।

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    इसके बाद एक तय समय पर नशे की पुड़िया ठिकाने से बाहर आती है। फिर तय ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कैरियर निकल पड़ते हैं। मुख्य आपूर्तिकर्ता पटना और आरा से गिरोह का संचालन कर रहे हैं, जिनके संपर्क में बिहटा, पालीगंज, दानापुर, खगौल, फुलवारीशरीफ से लेकर कई इलाके के लोग हैं। हाल की दिनों में पटना पुलिस की गिरफ्त में आए नशे के कारोबारी से इनके कनेक्शन की जानकारी भी मिली है।

    एजेंसी और पुलिस की सुस्ती से बढ़ती जा रही चेन

    राज्य की राजधानी पटना के पीरबहोर, पत्रकार नगर, कंकड़बाग, पटना सिटी, दीघा, शास्त्रीनगर, गर्दनीबाग, कोतवाली समेत दर्जन भर थाना क्षेत्र में औचक ब्राउन शुगर की पुड़िया के साथ कई गिरफ्तारियां हुईं। इतनी बड़ी संख्या में नशे की पुड़िया मिलने के बावजूद पटना पुलिस इसके पीछे के लोगों तक नहीं पहुंच सकी है।

    पकड़े गए युवाओं की उम्र 19 से 22 साल के बीच

    जनवरी 2022 को दानापुर में 106 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ छह युवकों को गिरफ्तार किया गया। इसमें सभी की उम्र 19 से 22 वर्ष के बीच थी। ये सभी पहले खुद इसका सेवन करते थे। फिर तस्करों के जाल में फंसकर उन्होंने ब्राउन शुगर की पुड़िया से दूसरे युवकों को भी जोड़ लिया। इस तरह नशे का मकड़जाल बढ़ता जा रहा है और उसमें युवा पीढ़ी फंसती जा रही है।

    फरवरी माह में हुई बरामदगी

    1 फरवरी-  5 ग्राम स्मैक

    2 फरवरी-  175 ग्राम स्मैक

    6 फरवरी-  4.7 ग्राम ब्राउन शुगर

    12 फरवरी-  60 ग्राम ब्राउन शुगर

    12 फरवरी-  246 ग्राम स्मैक

    13 फरवरी-  270 पुड़िया ब्राउन शुगर

    13 फरवरी-  7.7 ग्राम ब्राउन शुगर

    15 फरवरी-  4.48 ग्राम ब्राउन शुगर

    24 फरवरी-  28 ग्राम पुड़िया स्मैक

    25 फरवरी-  12.98 ग्राम स्मैक

    जान बचाने के लिए जेल भेजने की लगाई गुहार

    10 दिन पहले जक्कनपुर में एक युवक की लाश मिली। वह गर्दनीबाग के सरिस्ताबाद का रहने वाला था। उसे ब्राउन शुगर की तल थी। एक दिन भी वह नशे के बिना गुजारा नहीं कर पा रहा था। नशा का सेवन नहीं करने पर उसके व्यवहार में बदलाव देखने को मिलता था। तीन साल पहले जब इस बात की खबर स्वजन को हुई तो उसे नशा से मुक्ति दिलाने के लिए चिकित्सक से सलाह ली। जब तक वह अस्पताल में था, उसकी आदत में सुधार होने लगा और व्यवहार भी सामान्य होने लगा। 

    स्वजन उसे घर लेकर आए, लेकिन नशे की लत उसे दोबारा उसी गली में खींच ले गई, जहां से उसने ब्राउन शुगर की शुरुआत की थी। घर से हर दिन पुड़िया के लिए पांच सौ रुपये की मांग करने लगा। माता-पिता से लड़ाई करने लगा। पिता को पीटता और दांत से काट लेता था।

    परिवारवालों ने अपने लाडले की जिंदगी बचाने के लिए थाना पुलिस से गुहार लगाई। उसके खिलाफ थाने में मारपीट की शिकायत कर दी ताकि पुलिस उसे जेल भेज दे। परिवारवालों ने सोचा कि जेल जाने पर कम से कम वह नशे से तो दूर रहेगा और उसकी जिंदगी बच जाएगी। वह पुलिस से भी बचकर निकल गया और दो दिनों बाद उसकी मौत हो गई।