भागलपुर के विकास को मिलेगी नई गति, 164.78 करोड़ की परियोजना को मिली मंजूरी
भागलपुर में सड़क निर्माण के लिए 164 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं जिससे अगरपुर-कोतवाली और लोहिया पुल-अलीगंज तक की सड़कों का विकास होगा। लोहिया पुल-अलीगंज सड़क को फोरलेन बनाया जाएगा जिससे यातायात सुधरेगा। बीएन कॉलेज वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना से जुड़ा जिससे शिक्षकों को शोध में मदद मिलेगी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर से अगरपुर-कोतवाली और लोहिया पुल से अलीगंज तक 17.750 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए 164 करोड़ 72 लाख 78 हजार रुपये की मंजूरी मिल गई है।
यह राशि केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (सीआरआइएफ) के अंतर्गत स्वीकृत की गई है। इसमें भागलपुर-अगरपुर-कोतवाली सड़क के लिए 114 करोड़ 2 लाख 40 हजार और लोहिया पुल-अलीगंज सड़क के लिए 50 करोड़ 70 लाख 38 हजार रुपये शामिल हैं। पथ निर्माण विभाग (आरसीडी) द्वारा दोनों सड़कों की निविदा जारी कर दी गई है।
लोहिया पुल-अलीगंज फोरलेन सड़क के निर्माण से ट्रैफिक में सुधार की संभावना है। यह फोरलेन सड़क लोहिया पुल और अलीगंज के बीच परिवहन को बेहतर बनाने के साथ-साथ भारी ट्रैफिक को भी कम करेगी।
यह मार्ग स्टेट हाइवे-19 का हिस्सा है और लोहिया पुल से एनएच-80 बाइपास तक लगभग 3.70 किलोमीटर लंबा है। निविदा 18 अक्टूबर को खोली जाएगी।
भागलपुर-अगरपुर-कोतवाली वाया गोराडीह सड़क का 10 मीटर चौड़ीकरण और मजबूती कार्य भी किया जाएगा। विभाग द्वारा जारी निविदा की तकनीकी बिड चार नवंबर को खोली जाएगी।
सफल एजेंसियों की वित्तीय बिड खोली जाएगी और चयनित एजेंसी को वर्क आर्डर जारी किया जाएगा। यदि प्रक्रिया समय पर पूरी हो गई, तो दिसंबर में सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा।
इस चौड़ीकरण से लोगों को बेहतर और सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिलेगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा और दुर्घटनाओं की संभावना घटेगी। यह सड़क इलाके के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
ओएनओएस योजना से जुडा बीएन कालेज
बीएन कॉलेज ने शैक्षणिक व शोध क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कॉलेज अब भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ओएनओएस) का पंजीकृत सदस्य बन गया है।
इस योजना के तहत महाविद्यालय के शिक्षक और शोधार्थी अब विश्वस्तरीय शोध जर्नल्स और पत्रिकाओं तक निशुल्क पहुंच प्राप्त कर सकेंगे। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि यह सरकार की दूरदर्शी पहल है, जो उच्च शिक्षा और शोध की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
उन्होंने कहा कि इस योजना से शिक्षकों और शोधार्थियों को उच्च गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध होगी, जिससे अनुसंधान की दिशा और दशा दोनों बेहतर होंगी। ओएनओएस समन्वयक डा. राजेश कुमार ने बताया कि सभी प्राध्यापकों को उनके ईमेल पर आवश्यक विवरण भेजा जा चुका है।
उन्होंने अनुरोध किया कि सभी जल्द से जल्द अपने खाते सक्रिय करें, ताकि इस सुविधा का अधिकतम लाभ उठाया जा सके। आइक्यूएसी समन्वयक डॉ. अम्बिका कुमार ने भी इस पहल पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब कॉलेज के शिक्षक एवं शोधार्थी स्प्रिंगर, एल्सेवियर, विली और आक्सफोर्ड जैसी प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की जर्नल्स तक आसानी से पहुंच बना सकेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।