Railway Ticket Scheme: इज्जत योजना को नहीं मिली 'इज्जत', 15 साल में 150 लोग भी नहीं उठा पाए इस स्कीम का लाभ
तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने 2009 में गरीब और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को रेल में सस्ते में सफर करने के लिए इज्जत मासिक सीजन टिकट योजना की शुरुआत की थी लेकिन भागलपुर सहित साहिबगंज-भागलपुर-किऊल और भागलपुर-हंसडीहा रेलखंड के किसी स्टेशनों पर यह योजना सफल नहीं हो पाई। भागलपुर में तो इज्जत मासिक सीजन टिकट का लाभ पिछले 15 वर्ष में 150 भी लोगों ने लाभ नहीं लिया है।
आलोक कुमार मिश्रा, भागलपुर। इज्जत मासिक सीजन टिकट (इज्जत एमएसटी) को नहीं मिल रही "इज्जत"। गरीब और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए शुरू की गई योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है कि 25 रुपये मासिक बनने वाला एक भी इज्जत एमएसटी सात-आठ साल में नहीं बन पाया है।
तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने 2009 में गरीब और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को रेल में सस्ते में सफर करने के लिए इज्जत मासिक सीजन टिकट योजना की शुरुआत की थी, लेकिन भागलपुर सहित साहिबगंज-भागलपुर-किऊल और भागलपुर-हंसडीहा रेलखंड के किसी स्टेशनों पर यह योजना सफल नहीं हो पाई।
भागलपुर में तो इज्जत मासिक सीजन टिकट का लाभ पिछले 15 वर्ष में 150 भी लोगों ने लाभ नहीं लिया है, जबकि रेलवे के अधिकारियों के अनुसार पिछले सात-आठ साल में इस सुविधा का लाभ एक भी व्यक्ति ने नहीं लिया है। यह हाल इसलिए हुआ, क्योंकि इज्जत टिकट के लिए रेलवे की ओर से कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। ऐसी स्थिति में कम पढ़े-लिखे लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई।
क्या है योजना?
योजना की शुरुआत में 100 किलोमीटर तक सफर करने वाले यात्रियों से मात्र 25 रुपए मासिक किराया लिया जाता था। इसके लिए व्यक्ति की महीने की आय 1500 रुपए होनी चाहिए। इज्जत मासिक टिकट सभी पैसेंजर ट्रेनों में द्वितीय श्रेणी और सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों में मान्य है, जिनमें दूरी की पाबंदी नहीं हो और मासिक सीजन टिकट वैध हो।
क्यों फेल हुई योजना?
चूंकि मजदूर और असंगठित क्षेत्र के लोग कम पढ़े-लिखे होते हैं। इसकी वजह से इज्जत मासिक सीजन टिकट का लाभ उठा नहीं पा रहे हैं। इसके अलावा इसे प्राप्त करने की प्रक्रिया भी काफी जटिल है। इस कारण भी उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इज्जत एमएसटी को हासिल करने के लिए यात्री को सबसे पहले स्थानीय सरकारी अधिकारियों जैसे एसडीओ, बीडीओ, तहसीलदार से आय प्रमाण-पत्र लेना होता है। फिर लोकसभा सदस्य से आय प्रमाण-पत्र प्राप्त कर हस्ताक्षर कराना होता है।
उपर्युक्त सरकारी अधिकारियों से आय प्रमाण-पत्र लेने के बाद सांसद और केंद्रीय मंत्रियों की सिफारिशों को डीआरएम के कार्यालय में प्रस्तुत करना पड़ता है। प्रमाण-पत्रों और फोटोयुक्त आवासीय प्रमाण-पत्र की एक कॉपी प्रस्तुत करने के बाद इज्जत एमएसटी जारी किया जाता है।
आवासीय प्रमाण-पत्र के रूप में ये दस्तावेज हैं स्वीकार्य
फोटो पहचान-पत्र सह-आवासीय प्रमाण-पत्र जैसे मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, आधार कार्ड, किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक अथवा केंद्र सरकार या किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा जारी किया गया फोटो पहचान-पत्र, फोटोयुक्त निवास के पते की पुष्टि वाला प्रमाण-पत्र इसके लिए स्वीकार्य है।
जानकारी के अभाव में गरीब व मजदूर वर्ग इसका लाभ नहीं ले पा रहा है। इसकी जानकारी के लिए रेलवे की ओर से व्यापक तौर पर प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। - शिवकुमार प्रसाद, एडीआरएम, मालदा
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