'जनता बाढ़ से जूझ रही, सांसद सो रहे', अपनी ही पार्टी के MP पर भड़के जदयू विधायक गोपाल मंडल
नवगछिया में बाढ़ के संकट के बीच जदयू विधायक गोपाल मंडल ने सांसद अजय मंडल पर बाढ़ नियंत्रण में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने जल संसाधन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि सांसद ने केंद्र सरकार में बात नहीं रखी जिससे कटाव नहीं रोका जा सका।

संवाद सहयोगी, जागरण, नवगछिया। रंगरा प्रखंड अंतर्गत तीनतंगा दियारा दक्षिणी सहित आसपास के क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है, लेकिन इस संकट के बीच सत्तारूढ़ जदयू के दो नेताओं के बीच खुली तकरार ने सियासी पारा चढ़ा दिया है।
नवगछिया के जदयू विधायक गोपाल मंडल ने अपने ही पार्टी के सांसद अजय मंडल पर गंभीर और आपत्तिजनक आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने बाढ़ नियंत्रण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। विधायक ने जल संसाधन विभाग की कार्यशैली पर भी नाराजगी जताई।
'चैत्र-वैशाख का काम अब हो रहा'
उन्होंने कहा कि विभाग वह काम, जो चैत्र-वैशाख में जलस्तर कम होने पर होना चाहिए था, अब किया जा रहा है जब जलस्तर ऊंचा है और खतरा चरम पर है। गोपाल मंडल ने सांसद पर निशाना साधते हुए कहा, 'इस संकट के समय सांसद सोए रहे। अगर उन्होंने केंद्र सरकार में बात रखी होती तो कटाव ही नहीं होता। हमने अपनी औकात के अनुसार जितना हो सका काम कराया और एस्टिमेट भी बनवाया। लेकिन सांसद ने अपने क्षेत्र को बर्बाद करने का काम किया।'
उन्होंने एक महिला का नाम लेते हुए, जिसे सांसद का करीबी बताया, कहा कि उसका बैनर-पोस्टर इलाके में लगा है, लेकिन वह डर के कारण यहां आने से बच रही है और चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। संगठन में असहजता विधायक और सांसद के बीच इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप से न केवल बाढ़ पीड़ितों की समस्या पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है, बल्कि पार्टी संगठन में भी असहज स्थिति बन गई है। संकट की इस घड़ी में नेताओं की आपसी खींचतान ने इलाके की सियासत में नया मोड़ ला दिया है।
गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति
भागलपुर में गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति है। कई लोगों के घर कटाव की चपेट में आ गए। स्थिति को देखने के लिए गोपालपुर विधानसभा से जदयू विधायक गोपाल मंडल पहुंचे। इस दौरान उनसे पूछा गया कि कटाव हो रहा है, जनप्रतिनिधि क्या कर रहे हैं।
जवाब में विधायक बिना नाम लिए कहा सांसद अजय मंडल सोए रहते हैं। कटाव को लेकर केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए थी। वे कभी संसद भवन जाते ही नहीं। सिर्फ हाजिरी बनाते हैं। इसके अलावा उन्होंने जदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव अपर्णा कुमारी और सांसद को लेकर अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल भी किया।
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