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चलो गांव की ओर : काली मंदिर से है भागलपुर के इस पंचायत की पहचान

दर्जनों ईंट भट्ठों से उडऩे वाली धूल से वातावरण हो गया है प्रदूषित लोगों को हो रही परेशानी। अंग्रेजों के जमाने में क्रांतिकारियों की आस्था व ऊर्जा का स्रोत था यह मंदिर आज भी है अटूट आस्था। सन 1859 में जमींदार घन्ना मंडल ने रखी थी मंदिर की नींव।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 11:23 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 11:23 AM (IST)
इस पंचायत में 50 फीसदी लोग खेती किसानी। 25 फीसदी मजदूरी। 25 फीसदी लोग अलग-अलग व्यवसाय।

भागलपुर [पीकेपी कुन्दन]। पक्कीसराय पंचायत की पहचान यहां की प्रसिद्ध काली मंदिर से है। आजादी के लिए पहली बगावत व ब्रिटिश हुकूमत की खिलाफत करने में पक्कीसराय के लोगों की अहम भूमिका रही है। उस वक्त क्रांतिकारियों के लिए आस्था व ऊर्जा का स्रोत यही काली मंदिर थी। आज भी यह मंदिर यहां के ग्रामीणों की आस्था का केन्द्र है। पक्कीसराय के लोग ग्राम देवी के रूप में मां काली की पूजा करते हैं। सन 1859 ई. में जमींदार घन्ना मंडल ने मंदिर की नींव रखी थी। तब पूजा का सारा खर्च इनका परिवार ही उठाता था। 1906 में मेला समिति का गठन हुआ। अब पूजा-पाठ का जिम्मा समिति ने संभाल लिया है।

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मंदिर में बलि प्रथा

स्थापना काल से ही मंदिर में बलि प्रथा चलती चली आ रही है। उस वक्त प्रथम बलि जमींदार परिवार द्वारा दी जाती थी। आज मेला कमेटी (सरकारी बलि) पहली बलि अर्पण करती है। इसके बाद अन्य श्रद्धालुओं के बलि देने का सिलसिला शुरू होता है।

पंचायत एक नजर में

कहलगांव प्रखंड स्थित पक्कीसराय पंचायत का पक्कीसराय, शाहपुर व आमापुर गांव, जिसके बीचो-बीच एनएच- 80 गुजरती है। मुख्य मार्ग से सटे गांवों में सभी वर्ग के लोग रहते हैं।

यहां की बड़ी समस्या

पक्कीसराय पंचायत में दर्जनों ईंट भट्ठे हैं। ईंट निर्माण के दौरान उडऩे वाली धूल व राख से यहां की बड़ी आबादी को परेशानी हो रही है। इलाके में वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो गई है। इस पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र का नहीं होना भी बड़ी समस्या है।  

पंचायत एक नजर में

- पंचायत की स्थापना : 1950  

- प्रथम मुखिया : स्व.नारायण साह

- प्रथम सरपंच : स्व. ऐतवारी सिंह

- आबादी : 21000

- मतदाता : 8000

- साक्षरता दर : 60 फीसद

- वार्ड की संख्या : 16

- आंगनबाड़ी केन्द्र : 16

- प्राथमिक विद्यालय : 01

- मध्य विद्यालय : 03

- उच्च विद्यालय : 01

पंचायत की चौहद्दी

पूरब में गेरुआ नदी और कहलगांव की सीमा, पश्चिम में जानीडीह पंचायत, उत्तर गंगा में नदी, दक्षिण में जानीडीह पंचायत और गेरुआ नदी।

धार्मिक स्थल :- काली मंदिर, पक्कीसराय, विषहरी मंदिर पक्कीसराय, चैती दुर्गा मंदिर पक्कीसराय, दुर्गा मंदिर आमापुर और शिव मंदिर शाहपुर।

सांस्कृतिक मंच - कालिका नाट्य कला परिषद् पक्कीसराय, दुर्गा नाट्य कला परिषद् पक्कीसराय व आमापुर, बाल तरुणी नाट्य कला मंच शाहपुर

पंचायत के रत्न

- स्व. सुरेन्द्र शौर्य साहित्यकार (अंग श्री व साहित्य रत्न से सम्मानित)

- स्व. प्रमानंद प्रभाकर (प्रसिद्ध मंच कर्मी)

चर्चित व्यक्तित्व :-

- सुमन कुमार (बीपीएस/ लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी छपरा)

- रामस्वरूप राही, प्रसिद्ध मंच कर्मी सह लेखक

- अरविन्द कुमार सुबोधिया (नाटककार)

- सरयुग तांती ( प्रसिद्ध मंचकर्मी)

- योगेन्द्र मंडल (समाज सेवी नेता)

नल जल, नली-गली सहित विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं का कार्य पंचायत में अच्छी तरह से किया गया है। कई प्रकार की सरकारी योजनाओं  का लाभ लाभुकों दिया गया है। जनता पर मुझे और मुझ पर जनता का विश्वास है। मेरे कार्य से जनता पूरी तरह संतुष्ट है। -  गिन्नी देवी, मुखिया

पंचायत में पेय जल संकट की गंभीर समस्या थी जिसे नल जल योजना के तहत दूर कर दिया गया। हर घरों में पानी पहुंचाया गया। ग्रामीण सड़क का निर्माण कराया गया। जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए समस्या समाधान का हरसंभव प्रयास किया गया। - ओम सतीश उर्फ गुड्डू मंडल, मुखिया प्रतिनिधि

पंचायत में लगातार विकास का कार्य तेजी से हुआ है,सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं को पूर्ण रूप से  धरातल पर लाई गई है, मुखिया की कार्य प्रणाली से मैं पुरी तरह संतुष्ट हूं। - बबलू मंडल, ग्रामीण

पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र नही है। दूसरी ओर एनएच अस्सी मुख्य मार्ग जर्जर है, जिसके कारण आपात स्थिति में रोगी लेकर अन्यत्र जाने में काफी परेशानी होती है,खासकर महिला रोगी को लेकर इसलिए पंचायत में एक स्वास्थ्य केन्द्र की सख्त आवश्यकता है। - योगेश मंडल, ग्रामीण

एनएच-80 से जुडऩे वाली  काली स्थान मार्ग का निर्माण कार्य जारी है,जो मुखिया की कार्य उपलब्धि हैं। इस कीचडमय सड़क की स्थिति बरसात में और बदतर हो जाती थी विवशता में हजारों लोगों का आवागमन इस होकर होता है, अब सड़क बनने से लोग सुगमता पूर्वक आ जा सकेंगें। - छोटू श्रीवास्तव, ग्रामीण

पक्कीसराय कला के क्षेत्र में सदैव अग्रणी रहा है,यहीं से साहित्यकार सह नाटककार सुरेन्द्र शौर्य ने कला जगत में अपना परचम लहराया था अत: बच्चों को समग्र शिक्षा के तहत कला का भी प्रशिक्षण मिलना चाहिए इस पर पहल की आवश्यकता है। - त्रिभुवन प्रसाद, नाटककार

योजना के तहत पंचायत में पेय जल की सुविधा बेहतर है।जगह जगह नाला का निर्माण व  हर गली का पक्कीकरण हुआ है, इसके अलावे आवास योजना, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन सहित अन्य योजनाओं का समुचित लाभ लाभुकों को मिला है। - सनोज कुमार, ग्रामीण

हमलोग लंबे अर्से से पेय जल की समस्या से परेशान थे परन्तु नल जल योजना से हमे शुद्ध पेय जल की आपूर्ति होने लगी,इसके अलावे योजना से जुड़े पंचायत में अन्य सभी कार्य संतोषजनक व सराहनीय है। - हरिओम ठाकुर, ग्रामीण


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