Bhagalpur News: भागलपुर शहर के करीब से बहेगी गंगा नदी, DM नवल किशोर ने दिया सर्वे कराने का ऑर्डर
भागलपुर शहर से दूर होती जा रही गंगा नदी अब शहर के करीब से बहेगी। इसके लिए नदी से बड़े पैमाने पर गाद निकाली जाएगी। जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने सर्वे करा गंगा को शहर के नजदीक लाने का प्रस्ताव मांगा है। इस कवायद का उद्देश्य भागलपुर में भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण के उपकार्यालय के खुलने के बाद जलमार्ग-1 को विकसित करना है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर से दूर होती जा रही गंगा अब शहर के करीब से बहेगी। इसके लिए नदी की गोद से बड़े पैमाने पर गाद निकाली जाएगी। जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने सर्वे करा गंगा को शहर के नजदीक लाने का प्रस्ताव मांगा है।
यह कवायद भागलपुर में भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण का उपकार्यालय खुलने के बाद शुरू हुई है। आठ साल पहले बड़ी खंजरपुर में जल मार्ग प्राधिकरण का कार्यालय था। मगर अब कार्यालय से सिर्फ जहाज को रास्ता और सिग्नल देने का काम किया जाता था। अब इसका दायरा बढ़ेगा और धरातल पर जलमार्ग -1 को विकसित करने पर काम होगा।
जहाज मार्ग को विकसित करने का निर्देश
विभाग के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिला अधिकारी ने शंकरपुर दियारा व मोहनपुर इलाके का सर्वे कर गंगा को कैसे नजदीक लाया जाए, इसका प्रपोजल मांगा है, ताकि इसे आगे भेजा जा सके और इस पर काम हो सके। इसके अलावा जहाज आने-जाने के रास्ते को विकसित करने के तरीके पर भी काम को कहा है।
बनारस में भी क्षेत्रीश कार्यालय जलमार्ग प्राधिकरण बनाने की मिली अनुमति
आठ साल बाद भारतीय जल मार्ग प्राधिकरण का उप कार्यालय बड़ी खंजरपुर में फिर से शुरू हो गया है। पांच फरवरी को यहां के एरिया इंचार्ज आरके सोलंकी ने कार्यभार भी संभाल लिया है। जल्द ही यहां अकाउंट सेक्शन, सामान्य शाखा सहित अन्य भारतीय जल मार्ग प्राधिकरण से जुड़े कार्यों का निष्पादन होने लगेगा।
बड़ी खंजरपुर स्थित जल मार्ग प्राधिकरण का कार्यालय।
दरअसल, उप कार्यालय के भागलपुर शिफ्ट होने के पीछे का कारण बनारस में भी रीजनल कार्यालय जलमार्ग प्राधिकरण बनाने की अनुमति मिल जाना है।
भागलपुर का उप कार्यालय साहिबगंज शिफ्ट हो जाने के कारण कार्यों के निष्पादन में समस्या आ रही थी। जिस कारण मुख्यालय से उप कार्यालय को फिर से शुरू करने का निर्देश दिया गया था।
सैडिस कंपाउंड के संचालन के लिए दूसरी बार निविदा जारी
दूसरी ओर, सैंडिस मैदान में प्रदत्त नागरिक सुविधाओं की देखरेख और संचालन के लिए नई एजेंसी की तलाश शुरू कर दी है। नई एजेंसी की बहाली को लेकर बुधवार को दो माह में दूसरी बार ई-ऑक्शन टेंडर निकाला गया है। गत जनवरी माह में जो निवेदन निकल गई थी, उसमें सिर्फ एक एजेंसी ने ही दिलचस्पी दिखाई। इसके कारण निविदा को रद करते हुए नए सिरे से ई-|क्शन की प्रक्रिया शुरू हुई है।
बीएसएसएल के पीआरओ पंकज कुमार ने बताया कि 28 मार्च को 5:00 बजे तक निविदा का कागजात डाउनलोड किया जा सकेगा। वहीं, प्रीपेड बैठक 28 फरवरी को स्मार्ट सिटी कार्यालय में होगी। निविदा का तकनीकी वीडियो 11 मार्च को खुलेगा, जबकि इसमें शामिल होने वाली एजेंसी 10 मार्च तक हार्ड कॉपी जमा कर सकती है।
हार्ड कॉपी, ओरिजिनल एफिडेविट, ओरिजिनल ईएमडी, बैंक गारंटी आदि जमा कराया जा सकेगा। यह कवायद निवर्तमान एजेंसी विजयश्री प्रेस द्वारा काम छोड़ देने और हाईकोर्ट में मुकदमा दायर करने के बाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने शुरू की है।
दरअसल, एजेंसी ने स्मार्ट सिटी लिमिटेड पर एग्रीमेंट के मुताबिक काम नहीं कराने और उनकी एजेंसी के समानांतर ठेला-मेला आदि लगाकर आर्थिक नुकसान का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में मुकदमा किया है। नतीजा अब बीएसएसएल की एमडी सह सीईओ प्रीति को ई-ऑक्शन टेंडर निकालकर दूसरी एजेंसी को बुलानी पड़ रही है।
टेंडर में सैंडिस कंपाउंड में कैफेटेरिया, पार्किंग, किड्स पार्क, ओपन एयर थिएटर, नाइट शेल्टर, क्लीवलैंड मेमोरियल पार्क, कैफेटेरिया और स्टेशन क्लब के अंदर रेस्टोरेंट की जिम्मेदारी संभालने के लिए एजेंसी से कोटेशन मांगा गया है। इसके अलावा चयनित एजेंसी को जयप्रकाश उद्यान में (ग्रुप-ए) के साथ स्पोर्ट्स कांप्लेक्स (ग्रुप-बी) और मायागंज स्थित 100 बेड के नाइट शेल्टर के उपयोग और रखरखाव का काम भी दिया जाएगा।
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