Bhagalpur News: 'मेरा नाम क्यों नहीं लिखा...', भागलपुर में चर्चा बनी मेयर और पार्षद के बीच की तकरार
भागलपुर में सड़क और नाला के शिलान्यास को लेकर विवाद गहरा गया है। वार्ड 16 में पार्षद द्वारा शिलान्यास किए जाने पर डिप्टी मेयर ने आपत्ति जताई है क्योंकि विभागीय आदेश के अनुसार मेयर की अध्यक्षता अनिवार्य है। नगर आयुक्त ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं जबकि पार्षद ने समिति पर मेयर की कठपुतली होने का आरोप लगाया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहरी क्षेत्र में विकास योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन संबंधित शिलापट्ट पर मेयर, डिप्टी मेयर, स्थानीय सांसद, विधायक, विधान पार्षद के साथ वार्ड पार्षद नाम अंकित होना अनिवार्य है।
शिलापट्ट पर मेयर की अध्यक्षता अनिवार्य है। लेकिन वार्ड संख्या 16 के महफुज हुसैन लेन में सड़क व नाला का शिलान्यास मामला तूल पकड़ने लगा है।
सशक्त स्थायी समिति सदस्य के साथ डिप्टी मेयर डॉ. सलाहउद्दीन अहसन ने नियम से इतर शिलान्यास कराने पर आपत्ति दर्ज कराया।
सड़क और नाला का किया गया शिलान्यास
इसके लिए डिप्टी मेयर के नेतृत्व में स्थायी समिति सदस्य संजय सिन्हा, निकेश कुमार, अर्शदी बेगम ने नगर आयुक्त शुभम कुमार से मिलने पहुंचे।
उन्होंने बताया गया कि वार्ड पार्षद अमृता राज की अध्यक्षता में बुधवार को सड़क व नाला का शिलान्यास किया गया है।
जबकि विभागीय आदेश 17 अप्रैल में उल्लेखित है कि मेयर की अध्यक्षता में शिलान्यास या उद्घाटन होगा। यह अनाधिकृत गतिविधि ना केवल निर्धारित प्रोटोकॉल का उल्लंघन करती है, बल्कि यह भविष्य में कार्यप्रणाली में अनुशासनहीनता को भी बढ़ावा दे सकती है।
कार्रवाई करने की मांग
इसका गलत प्रभाव अन्य पार्षदों पर भी पड़ सकता है। इस विषय को आप अपने संज्ञान में लेते हुए उचित कार्रवाई करें। साथ ही कई वार्डों से ऐसी भी शिकायत मिल रही है कि शिलान्यास के उपरांत भी कार्य शुरू नहीं किया गया।
पार्षद ने अपने स्तर से किया शिलान्यास
इस मामले पर संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त ने योजना शाखा प्रभारी आदित्य जायसवाल को बुलाया। उनसे जवाब मांगा गया कि यह कैसे हुआ।
प्रभारी ने जवाब दिया कि निगम के स्तर से शिलापट्ट नहीं बनवाया गया है। पार्षद ने अपने स्तर से शिलान्यास किया है।
फिर कहा गया कि संवेदक ने ऐसा क्यों किया। संवेदक के भुगतान पर रोक लगाने का तत्काल प्रभाव से नगर आयुक्त ने निर्देश दिया है।
समिति मेयर की कठपुतली- पार्षद
इस मामले पर पटलवार करते हुए पार्षद अमृता राज ने कहा कि सशक्त स्थायी समिति का पत्र हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि समिति मेयर की कठपुतली है। नियम जो खुद तोड़ रहे हैं, वो खुद नियम का पाठ पढ़ा रहे हैं।
विभागीय आदेश के अनुसार नगर विकास मंत्री का नाम शिलापट्ट पर होना चाहिए। लेकिन 23 जून को वार्ड चार के शिलापट्ट पर मंत्री का नाम नहीं है।
यह नियम का उल्लंघन नहीं तो क्या है। पार्षद ने कहा कि नगर निगम में जब से सफाई को लेकर आंदोलन किया था।
तब से दुर्व्यभावना पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। सफाई एजेंसी के खिलाफ बोलते है तो मुद्दा बनाकर विरोध करवाया गया।
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