Move to Jagran APP

दुर्गा पूजा : नवरात्र में श्रीदुर्गासप्‍तशती का पूरा पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो कम से कम इतना जरूर पढ़ लें, देवी की हो जाएगी कृपा

दुर्गा पूजा हिंदू धर्म में दुर्गा पूजा का विशेष महत्‍व है। दुर्गा पूजा में नवरात्र के दौरान लोग देवी दुर्गा की आराधना पूरे नौ दिनों तक करते हैं। मंदिरों के अलावा लोग अपने-अपने घरों में दुर्गा पाठ श्रीदुर्गासप्‍तशती पाठ आरती करते हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2022 12:55 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 12:55 PM (IST)
दुर्गा पूजा : नवरात्र में श्रीदुर्गासप्‍तशती का पूरा पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो कम से कम इतना जरूर पढ़ लें, देवी की हो जाएगी कृपा
दुर्गा पूजा : नवरात्र में कैसे करें देवी की आराधना, बता रहे परमहंस स्‍वामी आगमानंद जी महाराज।

ऑनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। दुर्गा पूजा : हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की आराधना का विशेष महत्‍व है। नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक सभी दुर्गा की भक्ति में लीन रहते हैं। मंदिरों के अलावा घरों में भी दुर्गा की विशेष पूजा होती है। इस दौरान लोग दुर्गा पाठ करते हैं। दुर्गा चालीसा पढ़ते हैं। दुर्गा आरती करते हैं। श्रीदुर्गासप्‍तशती का पाठ करते हैं।

loksabha election banner

श्रीश‍िवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्‍वर परमहंस स्‍वामी आगमानंद जी महाराज बताते हैं कि देवी की आराधना व उपासना से लोगों का कल्‍याण होता है। सात्विक भाव उत्‍पन्‍न होता है। यह पर्व हमें आसुरी शक्तियों से विजयी दिलाता है। असत्‍य पर सत्‍य की जीत का प्रतीक पर्व है। दानवों पर देवताओं के विजय के रूप में भी यह पर्व मनाया जाता है। यह पर्व दुष्‍टों के संहार रूप में भी जाना जाता है।

आगमानंद जी महाराज ने कहा कि नवरात्र में पूरे नियम निष्‍ठा से सभी को देवी दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। श्रीदुर्गासप्‍तशती का पाठ करें। दुर्गा चालीसा पढ़ें। दुर्गा पाठ करें। सात्विक जीवन जीएं। खुद को संयमित रखें। ज्‍यादा से ज्‍यादा समय देवी की आराधना व मंत्र के जप में लगाएं।

आगमानंद जी महाराज ने कहा कि श्रीदुर्गासप्‍तशती संस्‍कृत भाषा में है। कुछ लोगों को संस्‍कृत पढ़ने में कठिनाई होती है। उच्‍चारण नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोगों के लिए उन्‍होंने श्रीदुर्गासप्‍तशती को संपादित किया है। उनके संपादित पुस्‍तक से अगर पाठ करेंगे तो आपको संस्‍कृत का सही उच्‍चारण करने में आसानी होगी।

आगमानंद जी महाराज ने श्रीदुर्गासप्‍तशती को अव‍धी भाषा में भी रूपांतरित किया है। उनकी यह रचाना श्रीदुर्गाचरितमानस के रूप में मौजूद है, जो रामचरितमानस में रूप में लिखी गई है। अवधी भाषा में लिखी गई इस पुस्‍तक से दुर्गा आराधना में काफी सुविधा होती है। श्रीदुर्गासप्‍तशती अगर आप संस्‍कृत में नहीं पढ़ पाते हैं तो श्रीदुर्गाचरितमानस पढ़ें, जो अवधी भाषा है।

आगमानंद जी महाराज ने कहा कि आज के समय में लोगों के पास समय का अभाव है। सभी रोजगार, व्‍यवसाय या नौकरी में व्‍यस्‍त हैं। ऐसे में नवरात्र के दौरान भी देवी आधरना के लिए समय निकालना कुछ लोगों के लिए कठिन हो जाता है। उन्‍होंने ऐसे लोगों को सुझाव दिया कि आप नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक प्रतिदिन इतना जरूर समय निकालें, जो देवी मां आपपर प्रसन्‍न हो जाए।

इस मंच का जाप करें

ॐ ऐं ह्रीं क्‍लीं चामुण्‍डायै विच्‍चे

तंत्रोक्‍त देवी सूक्‍तम् का पाठ करें

नमो देव्‍यै महादेव्‍यै शिवायै सततम् नम:। इसमें 30 श्‍लोक है। इसका पाठ करें।

श्रीसप्‍तश्‍लोकी दुर्गास्‍त्रोत्रम् का पाठ करें

देवी त्‍वम् भक्‍तसुलभे सर्वकार्यव‍िधाय‍िनी। इसमें नौ श्‍लोक है।

श्रीदुर्गाद्वात्रिंशन्‍नाममाला का पाठ करें

दुर्गा दुर्गार्तिशमनी दुर्गापद्व‍िन‍िवारिणी। देवी दुर्गा के 32 नामों की माला। इसमें सात श्‍लोक है।

श्रीरामकृत दुर्गास्‍तुति: का पाठ करें

नमस्‍ते त्रिजगद्वन्‍द्ये संग्रामे जयदायिनी। इसमे 16 श्‍लोक है।

क्षमा प्रार्थना करें

अपराधसहस्राणि क्रियन्‍तेअहर् निशम् मया। इसमें 11 श्‍लोक है।

देवी दुर्गा की आरती करें

अगर आप नवरात्र के दौरान प्रतिदिन किसी भी समय इतना भी पाठ करते हैं तो देवी दुर्गा आपकी हर मनोकामना पूर्ण करेंगी।

स्‍वामी आगमानंद जी महाराज से संबंधित यह तीन खबरों को जरुर पढ़ लें -

1. Durga Puja: दुर्गा सप्‍तशती अब अवध‍ी भाषा में भी, स्‍वामी आगमानंद की यह कृति सर्वग्राही

2. श्रीदुर्गासप्‍तशती : संस्‍कृत पढ़ने में अगर आपको होती है परेशानी तो इस पुस्‍तक से करें नवरात्र में पाठ, कर पाएंगे शुद्ध उच्‍चारण

3. स्वामी आगमानंद जी महाराज : एक यायावर संत, जिनका भारत को एक सूत्र में बांधने का है संकल्‍प


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.