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    Bhagalpur News: भागलपुर धमाके में जेल में बंद अशोक मंडल की बेटी ने की आत्महत्या, चाचा के घर पर मिला शव

    Bhagalpur News भागलपुर के काजवलीचक धमाका मामले में जेल में बंद अशोक मंडल की 15 वर्षीय पुत्री साक्षी कुमारी ने आत्महत्या कर ली। साक्षी का शव चाचा के घर में मिला। परिजनों के अनुसार वह अवसाद में थी और उसे एक पारिवारिक शादी में जाने से मना किया गया था जिससे वह नाराज थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    By Kaushal Kishore Mishra Edited By: Piyush Pandey Updated: Thu, 17 Apr 2025 10:26 PM (IST)
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    खबर की प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। तातारपुर थानाक्षेत्र के काजवलीचक में 3 मार्च 2022 की रात हुए भीषण धमाका कांड में जेल में बंद अशोक मंडल उर्फ गुड्डू की पुत्री ने आत्महत्या कर ली है।

    सेंट टेरेसा स्कूल से दसवीं कक्षा की छात्रा 15 वर्षीय साक्षी कुमारी का शव गुरुवार को अपने चाचा के आवास पर बंद कमरे में लटकते हालत में बरामद किया गया है।

    घटना की जानकारी पर तातारपुर थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच घटनास्थल का मुआयना कर वरीय अधिकारियों को सूचना देते हुए फॉरेंसिक जांच दल को भी बुला लिया। प्रारंभिक छानबीन में मामला आत्महत्या का पुलिस टीम ने बताया है।

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    परिजनों ने बताया कि साक्षी इन दिनों अवसाद से ग्रसित थी। बुझी-बुझी रहती थी। कई स्थानीय महिलाओं ने बताया कि साक्षी की बुआ के बेटी की शादी 21 अप्रैल 2025 को थी। जहां उसे जाने से मना कर दिया गया था। जिसको लेकर वह काफी आक्रोशित थी। स्थानीय लोग शादी में जाने से मना करने को भी आत्महत्या की वजह बता रहे हैं।

    स्थानीय पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है। साक्षी का शव अपने घर में नहीं, चाचा के आवास पर लटकते हालत में बरामद किया गया है। पुलिस इसको लेकर भी छानबीन कर रही है।

    थानाध्यक्ष ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का सामने आया है। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सही तस्वीर सामने आ जाएगी। फिलहाल मामले में यूडी केस दर्ज करने की कवायद शुरू कर दी गई है।

    धमाके में 15 लोगों की हुई थी मौत, भीषण था धमाका

    तातारपुर थाना क्षेत्र के काजवलीचक में 3 मार्च 2022 की रात हुए भीषण धमाके में 15 लोगों की मौत हो गई थी। उस धमाके में साक्षी के पिता अशोक मंडल उर्फ गुड्डू को भी आरोपित पुलिस ने बनाया था। काजवलीचक धमाका कांड में जिंदा बचे पांच आरोपितों पर ट्रायल हो रहा है। सभी न्यायिक हिरासत में हैं।

    दादा गयानंद मंडल की 1994 में हुई थी गिरफ्तारी, चला था टाडा केस

    काजवलीचक निवासी साक्षी के दादा गयानंद मंडल की 1994 में गिरफ्तारी हुई थी। तब भागलपुर में विस्फोटकों की तस्करी और आतंकी गतिविधियों को हालांकि 1994 में ही पर लग गए थे।

    तब बड़े सीरियल धमाके की साजिश रचने की आ-सूचना पर हबीबपुर थाना क्षेत्र के बदरेआलमपुर निवासी मुहम्मद सलाउद्दीन को तीन मई 1994 को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से भारी मात्रा में घातक विस्फोटक बरामद किया गया था। जिनमें आरडीएक्स हाेने की बात जांच में सामने आई थी।

    उसके बाद उसी दिन पुलिस की विशेष टीम ने शहर के अलग-अलग जगहों से मुहम्मद तबरेज, मुहम्मद सऊद आलम की गिरफ्तारी हुई, फिर उनकी निशानदेही पर दस लोग गिरफ्तार किए गए थे। जिनमें लाल मुहम्मद, मुहम्मद शमशेर, गुलाम कादिर, मुहम्मद नौशाद, मुहम्मद इफ्तेखार, गुलाम बख्श और गयानंद मंडल शामिल थे।

    उन्हें तब आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तब पुलिस टीम ने एक क्विंटल घातक विस्फोटक, जिलेटिन की छड़ें, हथियार आदि बरामद करने में सफलता पाई थी। हबीबपुर पुलिस ने उनके विरुद्ध कुख्यात पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से प्रशिक्षण लेने संबंधी साक्ष्य भी प्रस्तुत किया था।

    तब हबीबपुर पुलिस ने पहले विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आर्म्स एक्ट, आपराधिक साजिश रचने आदि के आरोप में गिरफ्तार दस आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज किया था।

    बाद में जब तफ्तीश आगे बढ़ी तो चौंकाने वाली जानकारियां पुलिस के हाथ लगी थी। उनके आईएसआई कनेक्शन को देखते हुए केस टाडा एक्ट में तब्दील हो गया था।

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