पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं, फिर भी बना दिए प्रमाण पत्र; मामला खुला तो दंग रह गए अधिकारी!
चाकुलिया प्रखंड के मटियाबांधी पंचायत में जन्म प्रमाण पत्र बनाने में भारी फर्जीवाड़ा सामने आया है। पंचायत सचिव के हस्ताक्षर से जारी 106 प्रमाण पत्र रद्द कर दिए गए हैं क्योंकि आवेदन के साथ कोई दस्तावेज नहीं था। ज्यादातर प्रमाण पत्र मुस्लिम बच्चों के पाए गए हैं जबकि पंचायत में मुस्लिम परिवार नहीं हैं। प्रशासन मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है।

संवाद सूत्र, चाकुलिया। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाकुलिया प्रखंड के मटियाबांधी पंचायत में जन्म प्रमाण पत्र बनाने में भारी फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। लंबे अरसे से बीमार चल रहे यहां के पंचायत सचिव सुनील महतो के हस्ताक्षर से निर्गत जन्म प्रमाण पत्रों की जब जांच हुई तो उनमें अधिकांश फर्जी पाए गए।
इनमें से 106 जन्म प्रमाण पत्रों को तत्काल रद कर दिया गया है। किसी भी फर्जी प्रमाण पत्र के आवेदन के साथ कोई दस्तावेज जमा नहीं है। सभी नियमों को ताक पर रख कर यह जन्म प्रमाण पत्र निर्गत किए गए हैं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि फर्जी पाए गए जन्म प्रमाण पत्रों में से लगभग 80 फीसदी मुस्लिम समुदाय के बच्चों के हैं, जबकि मटियाबांधी पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है।
गंभीरता से जांच में जुटा प्रशास
यहां कोई ऐसा अस्पताल भी नहीं है जहां दूसरे पंचायत के महिलाओं का प्रसव होता हो। ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे। सभी आवेदक जमशेदपुर के निवासी बताए जाते हैं। लिहाजा प्रशासन इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने में जुट गया है। इस पूरे मामले को बांग्लादेशी घुसपैठ के एंगल से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
यदि एक बार किसी का जन्म प्रमाण पत्र बन गया तो फिर वह उसके जरिए संबंधित व्यक्ति का आधार कार्ड समेत कोई भी दूसरा सरकारी दस्तावेज आसानी से बनाया जा सकता है।
माना जा रहा है कि साइबर अपराध के जरिए यह फर्जीवाड़ा किया गया है। सिस्टम को हैक करके अथवा सिस्टम में शामिल लोगों की मिलीभगत से इसे अंजाम दिया गया है। अब प्रशासन मटियाबांधी पंचायत से पिछले 3 महीने के दौरान निर्गत लगभग सभी 1100 प्रमाण पत्रों की जांच कर रहा है।
ऐसे हुआ पूरे मामले का खुलासा
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने वाले लोगों ने जमशेदपुर के विभिन्न विद्यालयों में नामांकन के लिए आवेदन दिया। नामांकन आवेदन के साथ प्रस्तुत जन्म प्रमाण पत्रों को सत्यापन के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष कुमार पांडे ने चाकुलिया बीडीओ आरती मुंडा को भेजा।
बीडीओ ने जांच के क्रम में पाया कि किसी भी आवेदन के साथ जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। इसके बाद बीडीओ मामले की जांच के लिए प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी पल्लव भगत को लेकर मटियाबांधी पंचायत भवन पहुंची।
वहां किसी भी आवेदन के समर्थन में कोई दस्तावेज नहीं पाया गया। इसके बाद उन्होंने गलत तरीके से निर्गत सभी 106 जन्म प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया जिनमें से अधिकांश जमशेदपुर के थे और मुस्लिम समुदाय के लोगों के थे।
पंचायत सचिव ने नहीं दिया स्पष्टीकरण का जवाब
जन्म प्रमाण पत्र बनाने में भारी फर्जीवाड़ा का मामला उजागर होने के बाद बीडीओ आरती मुंडा ने बीते 9 अप्रैल को ही मटियाबांधी के पंचायत सचिव सुनील महतो को शो कॉज नोटिस जारी किया।
इसमें जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करने की पूरी प्रक्रिया को संदेहजनक बताते हुए पंचायत सचिव को दो दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया, लेकिन एक सप्ताह बाद भी पंचायत सचिव द्वारा कोई जवाब अब तक नहीं दिया गया है।
इस संबंध में बीडीओ ने बताया कि शारीरिक अस्वस्थता के कारण पंचायत सचिव सुनील महतो अक्सर अवकाश पर चले जाते हैं। इस दौरान वे अपना लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड पंचायत के वीएलई सपन महतो को दे जाते हैं।
क्या है जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया?
किसी बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन के साथ उसे क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका का जांच प्रतिवेदन, जन्म से संबंधित रिपोर्ट, पांच गवाह के अलावा ग्राम प्रधान एवं मुखिया की अनुशंसा की जरूरत होती है। जन्म के 31 दिन के भीतर सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद पंचायत स्तर पर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के रजिस्टार यानी पंचायत सचिव द्वारा प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया जाता है।
31 दिन से 1 वर्ष तक की उम्र के बच्चों का प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए बीडीओ तथा एक वर्ष से अधिक आयु हो जाने पर एसडीओ से स्वीकृति लेनी पड़ती है। मटियाबांधी पंचायत में हुए फर्जीवाड़ा में पूरी प्रक्रिया को तक पर रखते हुए जन्म प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है।
आश्चर्य की बात यह है कि अधिकांश प्रमाण पत्र 3 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चों का निर्गत हुआ है जिसमें एसडीओ की भी अनुमति आवश्यक होती है।
ये भी पढ़ें- Ranchi News: साइकिल चोरी के सबूत को मिटाने के लिए हुई चौकीदार की हत्या, 4 गिरफ्तार

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।