भागलपुर मरीन ड्राइव को सरकार की मंजूरी, रोजगार के बढ़ेंगे अवसर और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
भागलपुर में पटना की तर्ज पर मरीन ड्राइव गंगा एक्सप्रेसवे को स्वीकृति मिली है। इससे कनेक्टिविटी और व्यवसाय बढ़ेगा लगभग चार लाख लोग लाभान्वित होंगे। यह एक्सप्रेसवे विक्रमशिला सेतु पथ और एनएच 80 से जुड़ेगा जिससे चंपा पुल तक का सफर आसान होगा। गंगा किनारे पथ बनने से जाम कम होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। पटना की तर्ज पर भागलपुर में भी मरीन ड्राइव गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण की स्वीकृति मिल गई है। यहां एक्सप्रेसवे बनने से आसपास के इलाके की कनेक्टिविटी और व्यवसाय की संभावनाएं बढ़ेंगी।
यह जनता और सरकार की आमदनी को बढ़ाने वाली सड़क होगी। करीब चार लाख की आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभांवित होगी। मरीन ड्राइव से विक्रमशिला सेतु पथ, सबौर में एनएच 80 फोरलेन सड़क सीधे जुड़ेगा।
इसके साथ गंगा घाट से जुड़ी सड़क भी जुड़ जाएगी। यानि आप बरारी में मरीव ड्राइव की सड़क का उपयोग कर चंपा पुल तक 12 किलोमीटर का सफर मात्र 20 मिनट में तय कर लेंगे।
अभी पौने घंटा से भी अधिक लगता है। गंगा किनारे पथ बनने से शहर में जाम की समस्या भी कम होगी। यह पथ भागलपुर स्मार्ट सिटी मिशन की रीढ़ बन जाएगी।
राज्य सरकार ने 9960 करोड़ से भागलपुर के सबौर से मुंगेर तक मरीन ड्राइव का तोहफा दिया है। इस गंगा एक्सप्रेसवे की खास बात यह है कि मुंगेर से लेकर भागलपुर तक के लिए एक अलग बाईपास मिल जाएगा। जिससे लोगों को भारी भीड़ से छुटकारा मिल जाएगा।
इससे शहर की सूरत बदलने के साथ ही रोजगार और पर्यटन का नया द्वार भी खुलेगा। नई पहचान के साथ हर वर्ग को फायदा मिलने वाला है। इस योजना यातायात व्यवस्था को बेहतर ही नहीं करेगा, बल्कि रोजगार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों में भी नई जान फूंकी है।
रोजगार के अवसरों में इजाफा
- गंगा पथ के किनारे होटल, रेस्टोरेंट, फूड कोर्ट, कैफे और शापिंग जोन तेजी से विकसित होगा, जिससे सैंकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा।
- निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियर, मजदूर, सफाईकर्मी, सुरक्षा गार्ड, माली आदि को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
- रखरखाव कार्यों में स्थायी नियुक्तियां भी होंगी, जिससे राज्य में बेरोजगारी दर कम होगा।
- पर्यटन गाइड, कैब चालक, स्ट्रीट वेंडर और स्थानीय हस्तशिल्प विक्रेताओं को भी फायदा होगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
- गंगा किनारे सजी मरीन ड्राइव शाम की रौशनी में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाएगा।
- साइक्लिंग ट्रैक, जागिंग पाथ, सेल्फी प्वाइंट, बोटिंग जोन जैसी योजना लोगों को आकर्षित करेगी।
- छठ पूजा, गंगा महोत्सव और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से भी पर्यटन गतिविधियां बढ़ेगी।
- मरीन ड्राइव से डॉल्फिन का दीदार कर सकेंगे, जलजीव के साथ गरूड़ को लोग नजदीक से देखेंगे।
- विक्रम शीला, बूढ़ानाथ, रविंद्र भवन, महाशय ड्योढी, मनसा मंदिर, अजगैवीनाथ मंदिर व चंडी स्थान देखेंगे।
- जैन व बौद्ध सर्किट से भागलपुर जुड़ जाएगा और पर्यटक को धार्मिक स्थल तक पहुंच पाना आसान होगा।
- पर्यटक गंगा की सुंदरता देख सकेंगे, बाजारों, घाटों और ऐतिहासिक स्थलों को भी जान सकेंगे।
- मरीन ड्राइव बनने से श्रावणी मेला में कांवरिया बिना अवरोध के अजगैवीनाथ पहुंच सकेंगे।
- लोगों के लिए पिकनिक स्पॉट बन मिल जाएगा, साथ ही मरीन ड्राइव का लुक चेंज हो जाएगा।
- क्रूज पर भी पर्यटक भ्रमण कर सकेंगे, भागलपुर के बरारी व अजगैवीनाथ के रिवर फ्रंट का आनंद लेंगे।
- उद्यान, हरियाली, शांत पैदल पथ और जीवंत आकर्षणों के साथ शहर को जीवंत कर देगी।
- लाइटिंग सिस्टम और लैंडस्केपिंग से शहर को एक आधुनिक लुक मिलेगा।
इसकी भी होगी सुविधा
- सड़क पर लाइटिंग और किनारे में लोगों की चहल-पहल से गंगा यहां जागृत दिखेंगी।
- दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग सुविधाएं भी मिलेगी।
- रेस्तरां, चाय-नाश्ते की छोटी-छोटी पार्लर व दुकानें आदि से लोगों को रोजगार मिलेगा।
- श्रावणी मेले में पैदल चलने वाले कांवरियों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
- मुंगेर से भागलपुर के बीच गंगा के किनारे 16 घाटों का भी निर्माण किया जाएगा।
- चार वर्ष में बनकर तैयार होगा मरीन ड्राइव, अगले 15 वर्ष तक संवेदक करेंगे रख रखाव।
- 5000 वर्ग मीटर के बड़े क्षेत्र में एक विश्राम स्थल का निर्माण होगा।
शहरी विकास को नई दिशा
- गंगा पथ बनने से शहर का ट्रैफिक कम होगा, अस्पताल में पहुंच आसान होगी।
- सड़क किनारे जमीनों की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी, बाढ़ व कटाव से भी शहर सुरक्षित होगा।
- रियल एस्टेट और छोटे व्यापार को रफ्तार मिली, आर्थिक रूप से मजबूत होगा।
उद्योग व रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
सरकार के फैसले से भागलपुर व मुंगेर में वाणिज्यिक अचल संपत्ति की मांग बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का विकास होगा। जिससे क्षेत्र में अन्य उद्योगों की मांग में और वृद्धि होगी।
ईस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आलोक अग्रवाल बताते हैं कि भागलपुर को जाम से पूरी तरह से निजात मिल जाएगा।
फोरलेन व मरीन ड्राइव से जुड़ने से माल ढुलाई में बाधा नहीं होगी। सड़क किनारे पाथवे पर स्वरोजगार बढ़ेगा। साथ ही उद्योग स्थापित करने की संभावना को बल मिलेगा।
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