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    Bhagalpur News : जुआ में 5 लाख हारा तो शुरू कर दिया गंदा काम... अब मां-बाप ने तोड़ लिया रिश्ता

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 12:09 PM (IST)

    Bhagalpur News भागलपुर के स्वर्णिका ज्वेलर्स के मालिक विशाल आनंद से रंगदारी मांगने के आरोपित विराज से उसके पिता ने रिश्ता तोड़ रखा है। आरोपित विराज आनंद की संगत बिगड़ने की स्वजन को भनक पहले ही लग गई थी। दो माह पूर्व घर आने पर उसे पिता ने कर्ज लेकर पांच लाख रुपये दिए थे।

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    Bhagalpur News : भागलपुर के स्वर्णिका ज्वेलर्स से रंगदारी मांगने वाले विराज से उसके पिता ने रिश्ता तोड़ दिया है।

    संवाद सूत्र, जागरण, सिंहेश्वर (मधेपुरा)। Bhagalpur News भागलपुर के स्वर्णिका ज्वेलर्स के मालिक विशाल आनंद को जान से मारने की धमकी देने के मामले में गिरफ्तार मधेपुरा के सिंहेश्वर थाना क्षेत्र की रामपट्टी पंचायत के वार्ड नंबर एक स्थित मल्लिक टोला निवासी यशवंत भगत के छोटे पुत्र विराज आनंद को गिरफ्तार किया गया है। विराज आनंद की गिरफ्तारी से स्थानीय लोग सकते में हैं। उसके पिता यशवंत भगत साफ शब्दों में कहते हैं कि पुत्र विराज से अब उनका कोई रिश्ता नहीं है।

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    यशवंत भगत ने बताया कि उन्हें दो पुत्र और एक पुत्री है। पुत्री और बड़े पुत्र की शादी हो चुकी है। बड़ा बेटा अभिषेक कुमार ने बीपीएससी से शिक्षक की परीक्षा पास की किया है। छोटा पुत्र शुरू से ही बाहर रहकर पढ़ाई करता था। वह पारा मेडिकल का तैयारी कर रहा है। इसके लिए लगभग पांच वर्षों से पंजाब के मोहाली में रह रहा है। दो माह पूर्व वह घर आया हुआ था। पिता से जोर जबरदस्ती कर पैसे की मांग कर रहा था।

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    बेटे की करतूत से दुखी पिता ने यह भी बताया कि वह पहले ठीक-ठाक था और अच्छी तरह से पढ़ाई करता था। लगभग साल भर से वह गलत संगत में पड़ गया। उसकी गलत संगत के कारण घर के लोग भी परेशान रहने लगे। दो माह पूर्व जब वह घर लौटा तो कुछ दिन यहां रहा, लेकिन बार-बार रुपये की मांग कर रहा था।

    इस वजह से स्थानीय लोगों को बिठाकर स्टांप पेपर पर साइन करवाकर उसे पांच लाख रुपये दिए। रुपये देने के बाद हमलोगों ने उससे अपना रिश्ता खत्म कर लिया। यशवंत भगत से जब यह पूछा या कि बेटा जेल चला गया है तो आप जमानत करवाएंगे, तो उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ एक पुत्र और एक पुत्री ही है।

    पिता ने कहा कि उस पुत्र से उन्हें कोई मतलब नहीं है। उसके कारण समाज में उनका सिर नीचा हो गया है। अभी यशवंत किराने की एक छोटी सी दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी दुकान से बेटी की शादी की, दोनों बेटों को पढ़ाया।