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बिहार: भागलपुर ब्लास्ट में जमींदोज हुए आशियानों का 'खजाना लूटने' की मची रही होड़, चाय विक्रेता के पास थे इतने रुपए

Bihar Bhagalpur Blast - हर किसी की जमापूंजी उसके परिवार के लिए खजाना ही होती है। भागलपुर ब्लास्ट के बाद मलबे को जैसे-जैसे हटाया जाने लगा। इस खजाने को लूटने की होड़ मची दिखाई दी। इसपर अपना अधिकार जताने वालों की कमी नहीं थी।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sat, 05 Mar 2022 07:17 PM (IST)Updated: Sat, 05 Mar 2022 07:17 PM (IST)
बिहार: भागलपुर ब्लास्ट में जमींदोज हुए आशियानों का 'खजाना लूटने' की मची रही होड़, चाय विक्रेता के पास थे इतने रुपए
Bihar: Bhagalpur Blast - पढ़ें 14 मौतों के बाद की इनसाइड स्टोरी...

जागरण संवाददाता, भागलपुर: गुरुवार की देर रात हुए ब्लास्ट में तीन घर जमींदोज हो गए। इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। एक बच्चे समेत कुल 14 लोगों की मौत हो गई। इन सबके बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जो मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली थी। एक तरफ जहां लाशों से मायागंज हॉस्पिटल पटा हुआ था, तो दूसरी तरफ मलबे से इन्हीं मृतकों के खजाने यानी जमापूंजी पर अपना हक जमाने की कवायद की जा रही थी। इनके आशियाने के कीमती सामान को ले जाया जा रहा था। 

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1. मृतक राजकुमार साह उर्फ राजू साह के जेब से 14 हजार 500 रुपए मिला था। राशि राजू के भतीजे अमित साह को दे दिया गया, लेकिन बाद में यह कहते हुए वापस लिया गया कि पूरी तहकीकात होने पर पहचान के बाद ही स्वजनों को दिया जाएगा।

2. मलबा से ही बाद में आठ हजार और 19 हजार रुपये के अलावा मंगलसूत्र से बरामद किया गया है।

3. खुदाई के दौरान मलबा में दबे बाइक बरामद किया गया है। बाइक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

4. मलबे से बरामद जेवर, राशि के लिए दावेदारी की होड़ भी मची रही। अपनों को खोने के गम से ज्यादा कुछ लोगों को रुपये और जेवरात की फिक्र हो रही थी।

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5. मलबा हटाने के लिए दो जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है। गुरुवार की रात से ही मलबा हटाने का काम शुरू किया गया और दूसरे दिन 24 घंटे बाद भी पूरा नहीं हो सका। इस दौरान 30 हाइवा और 10 ट्रैक्टर मलबे की ढुलाई की जा चुकी थी। शनिवार दोपहर से पहले मलबा हटाने का कार्य पूरा होने की संभावना कम है।

6. मलबा से शव निकालने की सूचना मिलते ही देखने के लिए लोग दौड़ पड़ते थे। भीड़ लग जाती थी।

7. बचाव और राहत कार्यों में परेशानी होने के कारण बेरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर वन-वे ट्रैफिक की व्यवस्था की गई थी। मोहल्ले के गलियों को भी सील कर दिया गया था। लोगों को रोकने के लिए जवानों की तैनाती की गई थी।

8. दिनभर भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को मशक्कत करना पड़ा। भीड़ के कारण राहत व बचाव कार्य में कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

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9. घटना के बाद पुलिस छावनी में तब्दील रहा काजवलीचक। शहरी क्षेत्र के अलावा जिले के लगभग सभी थानों के पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गई थी। घंटों ड्यूटी पर तैनात जवानों के लिए न तो पेयजल की व्यवस्था थी और न ही खाने की।

10. अपने-आपने घरों के छत से खासकर महिलाएं नजारा देख रही थीं। घटनास्थल से लेकर शहर के हर मोहल्ले में धमाके की चर्चा रही।

11. मलबा से अंतिम शव गोरका का बरामद हुआ। शव की पहचान स्वजन से कराई जा रही थी।


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