भागलपुर: मामा ने भांजे अभिषेक को बोटी-बोटी काटा, प्रेमिका और साइबर फ्रॉड का राज बना मौत का कारण
मामा संतोष ने भागलपुर के नाथनगर में अपने भांजे अभिषेक की नृशंस हत्या की साजिश रची। अभिषेक के मामा की प्रेमिका से संबंध थे और वह संतोष के साइबर फ्रॉड ध ...और पढ़ें

भांजा अभिषेक और मामा संतोष
संवाद सूत्र, नाथनगर (भाागलपुर)। मामा संतोष की भागलपुर के परबत्ती में रहने वाली प्रेमिका डाली से भांजा अभिषेक के भी संबंध बन गए थे। अभिषेक अक्सर मामा और उसकी प्रेमिका के अवैध संबंध के बारे में मामी को बता देने की धमकी दिया करता था। लिहाजा, रास्ते से हटाने के लिए मामा ने खुद साजिश रच भांजे की बोटी-बोटी करवा दी। संतोष शादीशुदा है। डाली उसकी प्रेमिका थी, जिससे संतोष अक्सर मिलता-जुलता था।
संतोष था मास्टरमाइंड
संतोष पल-पल तीनों हत्यारोपितों को क्रूरता से हत्या करने के टिप्स भी दे रहा था। यही नहीं, हत्या की पुष्टि होने के बाद खुद थाना पहुंच अपने सगे भांजे के लापता होने की शिकायत भी दर्ज करा दी थी। तीनों हत्यारोपितों से सख्ती से पूछताछ में हत्याकांड का सच सामने आया। जिसके बाद मास्टमाइंड मामा संतोष को भी गिरफ्तार कर लिया गया। हत्यारोपितों की निशानदेही पर रविवार को शाहपुर गंगा किनारे से अभिषेक का कटा सिर और पैर बरामद कर लिया गया है। हत्यारोपितों ने कबूला कि दो लाख रुपये में संतोष से सौदा तय हुआ था। एडवांस में मिले 10 हजार रुपये से कट्टा, हेक्सा ब्लेड (लकड़ी काटने वाली इलेक्टानिक आरी), रस्सी, नशा करने के सामान आदि की खरीदारी की थी। अभिषेक के खाते से भी रुपये की निकासी कराई गई थी। शेष पैसा काम पूरा होने के बाद देने की बात कही गई थी। वैसे, हत्या का एक अन्य कारण साइबर फ्राड के मामा के धंधे की जानकारी हासिल कर लेना भी बताया जा रहा है।
हैवानियत की कहानी
- 23 दिसंबर की रात अभिषेक को चाय पीने के बहाने आटो पर बिठाकर दोगच्छी की तरफ ले जाया गया
- नौ बजे रात को उसे मिर्जापुर स्थित बगीचा स्थित झोपड़ीनुमा मकान में ले जाया गया और उसके जांघ में गोली मारी गई। फिर मुंह में कपड़ा ठूंसकर वहीं छोड़ दिया गया।
- 24 दिसंबर की सुबह करीब चार बजे मिर्जापुर स्थित दूसरे मकान ले जाया गया, जहां नौ बजे दिन में हेक्सा ब्लेड से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया गया। दोनों पैर भी काट ले गए।
- 24 दिसंबर की शाम नाथनगर थाना पहुंचा मास्टमाइंड मामा और अभिषेक के लापता होने की दर्ज करा दी शिकायत
- 24 दिसंबर की रात 11 बजे ऑटो में लादकर शव को शाहपुर पुलिया के गंगा ढाब में फेंक दिया।
तीन बाद हुआ उद्भेदन
भागलपुर के नाथनगर में अभिषेक की नृशंस हत्या का पुलिस ने तीन दिन बाद रविवार को उद्भेदन कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में मसकन बरारीपुर निवासी संतोष दास (अभिषेक का सगा मामा), उसके यहां काम करने वाला राधे मंडल, ऋतिक कुमार और आयुष कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
इस प्रकार की गई हत्या
आरोपित राधे मंडल ने बताया कि संतोष दास ने ही साजिश के तहत अभिषेक का अपहरण कराया था। 23 दिसंबर की रात अभिषेक को चाय पीने के बहाने ऑटो पर बैठाकर दोगच्छी की तरफ ले जाया गया। उसी रात करीब नौ बजे उसे मिर्जापुर बगीचा स्थित झोपड़ीनुमा मकान में ले जाकर सबसे पहले जांघ में गोली मार दी। इसके बाद मुंह में कपड़ा ठूसकर वहीं छोड़ दिया गया।
- पुलिस की जांच में सामने आया सच, फोन पर तीनों अपराधियों को पल-पल क्रूरता के टिप्स देता रहा संतोष
- मास्टरमाइंड मामा समेत चारो आरोपित गिरफ्तार, शाहपुर गंगा किनारे से अभिषेक का कटा सिर और पैर बरामद
- हत्यारोपितों ने कबूला- दो लाख रुपये में संतोष से तय हुआ था सौदा, एडवांस में मिले पैसे से खरीदा था सामान
साजिश के तहत पहले कराया अपहरण, फिर हत्या
आरोपित राधे ने बताया कि देर रात फिर हमलोग उस मकान में पहुंचे। कुछ घंटे रुकने के बाद 24 दिसंबर की सुबह करीब चार बजे उसे ऑटो पर बैठाकर मिर्जापुर स्थित आधा किलोमीटर दूर दूसरे मकान में ले गए। सुबह करीब साढ़े सात बजे अभिषेक की पत्नी का फोन आया तो उसे म्यूट कर दिया गया। तत्काल संतोष ने वॉइस काल पर मैसेज कर कहा कि अभिषेक को बोलो कि वह पत्नी से कहेगा कि हम जमालपुर में दोस्त के पास आए हैं। 12 बजे तक घर पहुंच जाएंगे। थोड़ी देर बाद दोबारा मैसेज आया कि अब इसके परिवार के लोग जान लेंगे, इसलिए उसे मार दो। इसके बाद आयुष और ऋतिक ने अभिषेक का पैर पकड़ लिया और राधे ने हेक्सा ब्लेड से पहले उसका आधा गला काटा। अधिक खून बहने लगा तो गले में कपड़ा बांध दिया। संतोष ने फिर मैसेज कर पूरा गला काट देने को कहा। गला काटने के बाद मिट्टी खोदकर गड्ढा बनाया गया ताकि खून बाहर न बहने पाए। इसके बाद उसके दोनों पैर काटे गए। मौत की पुष्टि होने के बाद संतोष ने 24 दिसंबर की शाम नाथनगर थाने में अभिषेक के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। उसी रात 11 बजे ऑटो पर लादकर हम तीनों ने उसके शव को शाहपुर पुलिया के गंगा ढाब में फेंक दिया।
साइबर फ्राड के एक केस में तिहाड़ जेल में बंद था संतोष
करीब तीन साल पहले साइबर फ्राड के एक केस में संतोष को मसकन बरारीपुर स्थित उसके घर से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद कई माह वह तिहाड़ जेल में बंद था। उस समय दिल्ली पुलिस ने कई मोबाइल, सोने-चांदी के जेवरात और मोटी रकम भी बरामद किया था। आसपास के लोगों का कहना है कि संतोष के घर में महंगे-महंगे समान हैं। पड़ोस के एक व्यक्ति ने बताया कि उसके घर में लगा झूमर एक से डेढ लाख है। बताया गया कि संतोष लड़की के जरिए एटीम और पासबुक मंगाता था और फोन पर लड़की से बात करवाकर साइबर फ्राड का धंधा करता था।
सुबह भी पुलिस की बरगला रहा था संतोष
संतोष सुबह भी पुलिस को बरगला रहा था। उसने नाथनगर इंस्पेक्टर को फोन करके बताया कि मुझे किसी ने भांजे का सिर और पैर मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र स्थित टूटा पुल के समीप नदी में फेंके जाने की सूचना दी है।
घटनास्थल पर पहुंचकर हंस रहा था संतोष
शनिवार को जब संतोष शाहपुर पुलिया के पास पहुंचा तो हंस रहा था। वह कुछ देर वहां रुका और चला गया। एफएसएल की टीम ने गोली मारने वाली जगह और काटने वाली जगह से मृतक के खून के सैंपल एकत्र किए। रविवार को डीएसपी-टू राकेश कुमार, डीईआईयू, नाथनगर इंस्पेक्टर राजीव रंजन सिंह एफएसएल की टीम घटनास्थल पर पहुंच जांच की।
आसपास के लोगों ने कहा- ऐसे लोगों को फांसी की सजा मिले
तीन टुकड़ों में शरीर को काटकर युवक की हत्या करने की घटना की खबर जिसने भी सुनी हतप्रभ रह गया। जिस जगह अभिषेक की काटा गया था, वहां घनी आबादी है। रविवार को जब पुलिस टीम वहां पहुंची तो आसपास के लोग भी जुट गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि ठंड के कारण हमलोग घर के अंदर थे, इसलिए घटना का पता नहीं चल पाया। जिसने भी इस तरह क्रूरता से हत्या की है उसे फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए।
राधे, ऋतिक और आयुष की गिरफ्तारी के बाद अभिषेक की हत्या में मामा संतोष का हाथ होने की बात सामने आई। उसी के पैसे से बोरी, आरी और चाकू की खरीदारी की गई थी। संतोष को पता था कि तीनों ब्राउन शुगर व स्मैक का सेवन करता है, इसी का उसने फायदा उठाया। एफएसल की टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं। कट्टा व टैंपो बरामद कर लिया गया है। जहां से चाकू, आरी की खरीदारी की गई थी, उस दुकानदार और संतोष की गर्ल फ्रेंड से भी पूछताछ की जाएगी।
शुभांक मिश्रा, सिटी एसपी

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