अभिषेक हत्याकांड भागलपुर : मामा संतोष ने गोली मारकर 12 घंटे तक घर में बंद रखा, फिर इलेक्ट्रानिक आरी से काट दिया
भागलपुर में अभिषेक कुमार की नृशंस हत्या का पुलिस ने तीन दिन बाद उद्भेदन किया है। पुलिस ने उसके सगे मामा संतोष दास सहित चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, नाथनगर (भागलपुर)। बिहार भागलपुर के नाथनगर में हुए अभिषेक कुमार के नृशंस हत्या का पुलिस ने तीन दिन बाद उद्भेदन कर दिया। पुलिस ने इस कांड में चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मसकन बरारीपुर निवासी संतोष दास (अभिषेक का सगा मामा) उसके यहां काम करने वाला राधे मंडल, ऋतिक कुमार और आयुष कुमार को गिरफ्तार किया। इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड उसका सगा मामा संतोष दास ही है। यह अन्य तीनों अभियुक्त ने पुलिस को अपने स्वीकृति बयान में बताया है।

इस हत्याकांड का मुख्य कारण संतोष की गर्ल फ्रेंड डोली को ब्लैकमेल करना और साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के धंधे के बारे में आगे बढ़ना बताया जाता है। इधर पुलिस ने रविवार की दोपहर शाहपुर गंगा के ढाब से उसका सिर और पैर को भी बरामद कर लिया।
साजिश के तहत पहले अपहरण कराया, फिर कराई नृशंस हत्या
हत्याकांड का आरोपित राधे ने बताया कि संतोष दास ने ही साजिश के तहत पहले हम तीनों से अभिषेक की हत्या करावाया। 23 दिसंबर की रात अभिषेक को चाय पीने के बहाने ऑटो पर बैठाकर दोगच्छी के तरफ ले गए थे। उसी रात करीब नौ बजे मैने उसे मिर्जापुर स्थित बगीचे में ले गया और उसे सबसे पहले जांघ में गोली मार दी। इसके बाद उसके मुंह में कपड़ा ठुसकर वहीं छोड़ दिया। इस काम के लिए संतोष ने दो लाख रुपए देने की बात कही थी। दस हजार रुपए हत्या में प्रयुक्त कट्टा, हेक्सा ब्लेड, रस्सी, प्लास्टिक और नशा करने के लिए पहले दिए थे। शेष पैसा काम पूरा होने के बाद देने की बात कही थी।

आरोपित ने बताया- इस तरह हत्याकांड को दिया गया अंजाम
राधे ने बताया कि फिर हमलोग देर रात उक्त मकान पहुंचे, कुछ घंटे रुकने के बाद उसे ऑटो पर बैठाकर 24 दिसंबर की सुबह करीब चार बसे मिर्जापुर स्थित दूसरे मकान में लाए। जिसकी दूरी वहां से लगभग आधा किलोमीटर थी। जो अर्धनिर्मित था। सुबह करीब साढ़े सात बजे उसकी पत्नी की फोन आया। फोन को म्यूट करके उससे बात कराया। संतोष ने हमें वॉइस कॉल पर मैसेज किया कि अभिषेक को बोलो को वह पत्नी से कहेगा कि हम जमालपुर में दोस्त के पास आए हैं। 12 बजे तक आ जाएंगे। इसके बाद फिर दोबारा मैसेज किया कि अब इसके परिवार के अन्य लोग जान लेंगे। इसको मार दो। फिर हमने (राधे) हेक्सा ब्लेड से आधा गला काटा। इस दौरान आयुष और ऋतिक ने उसका पैर पकड़कर रखा था। अधिक खून बहने लगा, फिर उसे कपड़ा से बांधा। फिर संतोष का मैसेज आया और कहा अब पूरा गला काटो। तब फिर अभिषक का पूरा गला काट दिया। इसके बाद मिट्टी खोदकर का गड्ढा बनाया, ताकि खून बहार नहीं बह जाए। फिर दोनों पैर काट डाले। जब यह काम पूरा हो गया तो उसका मैसेज आया। तो मैने जवाब दिया कि हां काम पूरा हो गया।
संतोष ने पुलिस को दी थी सूचना, कहा- अभिषेक गुम है
संतोष ने 24 दिसंबर की शाम नाथनगर थाने में अभिषेक के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। फिर उसी रात 11 बजे ऑटो में लादकर हम तीनों ने मिल कर उसके शव को शाहपुर पुलिया के गंगा ढाब में फेंक दिया। शव फेंकने के बाद फिर संतोष ने मैसेज किया कि चलो वहां से अब तेजी से निकल जाओ। तीनों आरोपितों ने कहा- हत्या के लिए सारे टिप्स संतोष ने ही दिए थे, हमलोगों ने सिर्फ उनकी बातों को पॉलो किया है।

साइबर फ्रायड केस में तिहाड़ जेल में बंद था संतोष
हत्या का कारण संतोष की गर्ल फ्रेंड डोली, जो विश्व विद्यालय थाना क्षेत्र में परबत्ती में रहती थी, उसके बारे में जानना और उसके साइबर ठगी के धंधे की जानकारी होना है। करीब तीन साल पूर्व दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी में संतोष को मसकन बरारीपुर स्थित उसके घर से नाथनगर पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया था। जिसमें वह कई माह तिहाड़ जेल में बंद था। उस समय दिल्ली पुलिस ने कई मोबाइल, सोने-चांदी के जेवरात और मोटी रकम के साथ गिरफ्तार किया था। कहा जा रहा है कि संतोष एक लड़की के जरिए एटीम और पासबुक मंगाता था और फोन पर लड़की से बात करवाकर साइबर ठगी कराता था।

सुबह भी पुलिस की बरगला रहा था संतोष
शनिवार को जब संतोष शाहपुर पुलिया के पास पहुंचा तो वह हंसते हुए नजर आ रहा था, वहां संतोष कुछ देर रुका फिर चला गया। संतोष ने सुबह नाथनगर इंस्पेक्टर को फोन करके बताया कि सिर और पैर मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के टूटा पुल के समीप नदी में फेंका हुआ है। ऐसा हमसे किसी ने बताया है। रविवार को डीएसपी टू राकेश कुमार, डीईआइयू, नाथनगर इंस्पेक्टर राजीव रंजन सिंह एफएसएल की टीम घटना स्थल पर पहुंचे। बारी-बारी से दोनों घटनास्थल पर से खून के सैंपल इकट्ठा किया।
लोगों ने कहा- कठोर कार्रवाई की जाए
अभिषेक की हत्या की खबर जिसने सुनी वह हतप्रभ रह गया। जिस जगह पर अभिषेक की काटा गया था। वह क्षेत्र घनी आबादी वाला क्षेत्र है। आज जब पुलिस की टीम पहुंची तो आसपास के लोग भी जुट गए। पुलिस न उन लोगों से पूछा कि इतनी बड़ी घटना हुई, आप लोगों को पता नहीं चला। इस पर लोगों ने कहा- नहीं सर, कुछ नहीं देखा, पता नहीं चला। ठंड के कारण हम लोग सो गए थे। लेकिन जिसने भी इस तरह क्रूरता से हत्या की है, उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए।लोगों का कहना है कि संतोष काफी सामर्थ्य रखता है। महंगे शोक हैं सतोष के। घर में बहुत महंगे-महंगे समान हैं। पड़ोस के एक व्यक्ति ने बताया कि इसके घर में जो झूमर लगा है, उसमें से एक की कीमत डेढ़ लाख रुपये है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।