शराब भट्टी और तस्करों का ठिकाना बताएगा 'टाइगर', बेल्जियम नस्ल के इस डॉग का खासियत जान रह जाएंगे दंग
शराब धंधेबाजों पर नकेल कसने के लिए बिहार का उत्पाद विभाग अब टाइगर की मदद लेगा। इससे ट्रेन बस में शराब लेकर चलने वाले लोगों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। साथ ही टाइगर शराब की भट्टी का भी पता बताएगा। बेल्जियम नश्ल के प्रशिक्षित स्निफर डॉग को बांका लाया गया है। पटना में विशेष ट्रेनिंग के बाद उत्पाद विभाग के कार्यालय में इसे रखा जा रहा है।

अभिषेक कुमार, संवाद सूत्र, बांका। शराब के धंधेबाजों पर नकेल कसने के लिए उत्पाद विभाग अब टाइगर की मदद लेगा। इससे ट्रेन, बस या भीड़-भाड़ वाले इलाके में शराब लेकर चलने वाले लोगों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। साथ ही शराब की भट्टी का भी टाइगर पता बताएगा।
बेल्जियम नश्ल के प्रशिक्षित स्निफर डॉग को बांका लाया गया है। पटना में विशेष ट्रेनिंग के बाद उत्पाद विभाग के कार्यालय में इसे रखा जा रहा है। यह स्निफर डॉग शराब और मादक पदार्थों की दूर से ही गंध पहचान लेता है। इसके लिए इसे विशेष ट्रेनिंग दी गई है।
उत्पाद विभाग की टीम इसका इस्तेमाल झारखंड से सटे सीमावर्ती चेकपोस्टों और नाकों पर करने की तैयारी में है। इसके अलावा झारखंड की ओर से आने वाली ट्रेनों और बसों में शराब की जांच के लिए भी टाइगर की मदद ली जाएगी।
दरअसल, शराब की तस्करी के लिए तस्कर नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। लगातार अभियान के बाद भी शराब की बड़ी खेप पकड़ी जा रही है। ऐसे में अब शराब तस्करी को रोकने के लिए स्निफर डॉग टाइगर का सहारा लिया जाएगा।
डॉग की देखरेख में तैनात राहुल झा ने बताया कि इसे दो बार खाना दिया जाता है। साथ ही सुबह और शाम टहलाने के लिए फिलहाल निकाला जा रहा है। बताया कि कि इस डॉग का नाम टाइगर रखा गया है। यह दूर से ही शराब और मादक पदार्थों की गंध पहचान सकता है।
चेकपोस्ट के साथ-साथ अन्य रास्तों पर अब नजर
नए उत्पाद अधीक्षक रवींद्र ने बताया कि वे लोग चेकपोस्टों में भलजोर, दर्दमारा के अलावा अलावा सीमावर्ती इलाकों में अन्य रास्तों पर भी नजर रखेंगे। ऐसे रास्तों के बारे में जानकारी ली जा रही है।
इन रास्तों का उपयोग शराब तस्करी के लिए तस्कर नहीं कर सकेंगे। बताया कि भागलपुर और बांका की उत्पाद विभाग की टीम मिलकर नोडल रेड भी करती है।
उत्पाद विभाग ने क्या कहा?
शराब तस्करी रोकने के लिए स्निफर डॉग टाइगर की मदद ली जाएगी। इसके अलावा चेकपोस्टों पर हर रोज जांच अभियान चलाया जा रहा है। -रवींद्र, अधीक्षक, उत्पाद विभाग।
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