Bihar: 30 करोड़ की लागत से होगा काशी विश्वनाथ मंदिर का कायाकल्प, 90 फीट होगी ऊंचाई; कॉरिडोर भी बनेगा
बिहार के बांका जिले में स्थित ऐतिहासिक मंदार पर्वत पर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो गया है। 30 करोड़ की लागत से बनने वाले इस मंदिर का निर्माण पूर्णतः आगमशास्त्र यानी दक्षिण भारतीय शैली पर किया जाएगा। मंदिर की ऊंचाई 90 फीट होगी और इसमें गोपुरम यानि शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित होगी। मंदिर के निर्माण से मंदार में सनातन धर्मावलंबियों की गतिविधि काफी बढ़ जाएगी।
शेखर सिंह, बौंसी (बांका)। ऐतिहासिक मंदार पर्वत शिखर पर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य 30 करोड़ की लागत से होगा। मंदिर पूर्णतः आगमशास्त्र यानी दक्षिण भारतीय शैली पर बनेगा। तिरुपति बालाजी एवं रामेश्वरम मंदिर की झलक इसमें दिखेगी। फिलहाल मंदिर का निर्माण 1400 स्क्वायर फीट पहाड़ पर होगा।
बाद में दो एकड़ जमीन की एनओसी मिलने के बाद इसका विस्तार किया जाएगा। सामने एक कॉरिडोर भी बनेगा।मंदिर की उंचाई 90 फीट तक होगी। मंदिर में गोपुरम यानि शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित होगी। इसके अलावा मंदिर में पुजारी का कमरा, कार्यालय, भोजनालय एवं श्रद्धालुओं के लिए विश्राम करने का हाल का निर्माण किया जाएगा।
कब तक पूरा होगा मंदिर का निर्माण?
आंध्रप्रदेश के तेलंगाना से 90 सदस्यीय टीम द्वारा मंदिर का निर्माण होगा। छह से आठ महीने में मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।
मंदिर निर्माण समिति से जुड़े सदस्य देवाशीष उर्फ निप्पु पांडे व अर्जित शाश्वत चौबे ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए निर्माण सामग्री स्थल तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए दो लाख ईंटें और पांच हजार बोरियां सीमेंट लगेगा। जल्द ही मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा।
आंध्रप्रदेश के शिल्पकार एम वेंकटरमना की संस्था मल्लिकार्जुन स्वामी शिल्पी वर्क्स द्वारा काम होगा। मंदिर निर्माण हैदराबाद के भवन निर्माण एवं परामर्शी पी वेंकटेश्वर राव द्वारा किया जाएगा। मंदिर निर्माण से मंदार में सनातन धर्मावलंबियों की गतिविधि काफी बढ़ जाएगी। ज्ञात हो कि दस मार्च 2023 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के नेतृत्व में बिहार के तत्कालीन राज्यपाल राजेन्द्र आर्केलर ने मंदिर निर्माण के लिए की थी भूमि पूजन किया था।
पर्वत पर विराजमान काशी विश्वनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए तत्कालीन राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आरलेकर एवं तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने संयुक्त रूप से भूमि पूजन कर भव्य मंदिर निर्माण की घोषणा की थी। राज्यपाल अपनी पत्नी के साथ करीब 45 मिनट रुककर काशी विश्वनाथ मंदिर में भूमि पूजन में पहला ईंट रखकर पूजा अनुष्ठान किया था।
काशी विश्वनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व
मंदार पहाड़ स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर का बहुत ही धार्मिक महत्व है। भगवान मधुसूदन मंदिर से जुड़े पंडित अवधेश ठाकुर बताते हैं कि भगवान शिव 80 हजार साल तक मंदार पर्वत पर वास किए थे। मंदार पर्वत पर विराजमान काशी विश्वनाथ मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान शिव ने की थी। मंदिर सृष्टि काल से ही है। इसका प्रमाण विष्णु पुराण एवं स्कंद पुराण में भी वर्णन किया गया है।
झारखंड का वैद्यनाथ धाम, बासुकीनाथ धाम एवं मंदार का काशी विश्वनाथ के मध्य क्षेत्र को त्रिलिंग क्षेत्र माना जाता है। स्थानीय इतिहासकार मनोज कुमार मिश्रा का कहना है कि जब काशी नगरी में भगवान शिव के लिए विश्वकर्मा ने भव्य नगर का निर्माण कराया।
उस काल में शिव भक्त धनवंतरी पुत्र दिवोदास ने कठोर तपस्या कर काशी नगरी को दान में ले लिया था। इसके बाद भगवान इंद्र के आग्रह पर भगवान शिव मंदार पर्वत पर बास करने लगे। इसी क्रम में भगवान शिव ने मंदार पर्वत पर शिवलिंग स्थापित की।
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