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    बिहार में शराब के बाद बालू की हो रही होम डिलीवरी, पुलिस के सामने नई चुनौती; तस्करों से निपटना नहीं आसान

    By Edited By: Yogesh Sahu
    Updated: Thu, 10 Aug 2023 01:32 PM (IST)

    बिहार में बालू तस्कर पुलिस के सामने नई चुनौती पेश कर रहे हैं। इन्होंने तस्करी के लिए नया तरीका भी खोज निकाला है। बालू तस्करी का पूरा गणित जानकार आप भी हैरान होंगे। कारण कि नियम के हिसाब से खरीदी जाने वाली बालू और तस्करों से खरीदी जा रही बालू के दामों में काफी अंतर है। इधर पुलिस कार्रवाई करने की बात कह रही है।

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    बिहार में शराब के बाद बालू की हो रही होम डिलीवरी, पुलिस के सामने नई चुनौती

    धीरज कुमार, अरवल। बिहार में शराब के बाद अब बालू की भी होम डिलीवरी हो रही है। बालू तस्करों ने इसके लिए एक नया तरीका खोज निकाला है। इसे जानकार पुलिस भी हैरान है, क्योंकि यह किसी नई चुनौती से कम नहीं है।

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    जानकारी के अनुसार, बालू खनन पर रोक के बाद माफिया ने बेरोजगारों को माध्यम बना बालू की तस्करी का नया तरीका ढूंढ लिया है। सोन और पुनपुन नदी से बालू निकालकर अब बाइक से इसकी तस्करी की जा रही है।

    अरवल जिले में दो दर्जन से ज्यादा ऐसे बाइक सवार सक्रिय हैं, जो बालू का ऑर्डर मिलते ही नदी किनारे बाइक लेकर पहुंच जाते हैं। सीमेंट की खाली बोरियों में बालू भरकर बाइक पर लादकर ऑर्डर देने वाले तक पहुंचा देते हैं।

    एक बाइक पर ढो रहे चार से पांच बोरी, रेट भी फिक्स

    ये एक बाइक पर एक बार में चार से पांच बोरी बालू लाद लेते हैं। एक खेप बालू पहुंचाने पर 100 से 150 रुपये लेते हैं। चार किमी तक 150, इससे कम दूरी पर 100 रुपये की वसूली करते हैं।

    एक दिन में एक बाइक सवार तस्कर 25-30 खेप बालू की ढुलाई करता है। बाइक सवारों को प्रति खेप 20 रुपये रंगदारी टैक्स भी देना पड़ता है। यह वसूली बालू माफिया के गुर्गे करते हैं।

    अरवल के जनकपुर घाट, बैदराबाद, अहियापुर, प्रसादी इंग्लिश, पिपरा बांग्ला, बहादुरपुर, परासी आदि घाटों और नदी किनारे बसे गांवों से मोटरसाइकिल चालक बालू की ढुलाई करते दिख जाएंगे, लेकिन पुलिस व खनन विभाग के अधिकारी मौन हैं।

    रोज 2800 सीएफटी बालू की तस्करी

    एक सीमेंट की बोरी में एक क्यूबिक फीट (सीएफटी) बालू आती है, इस तरह प्रतिदिन एक बाइक सवार प्रति खेप चार बोरी लादकर 30 खेप में करीब 120 सीएफटी बालू की तस्करी करता है।

    इसका मतलब यह हुआ कि दो दर्जन बाइक सवार दिनभर में 2800 सीएफटी बालू की तस्करी रोजाना कर रहे हैं। एक ट्रैक्टर ट्राले में 100 सीएफटी बालू लोड होता है, जिसकी कीमत बालू कारोबारी 4500 से 5000 रुपये वसूलते हैं।

    जबकि, बाइक सवार तस्कर 100 सीएफटी बालू की होम डिलीवरी मात्र तीन हजार रुपये में कर देते हैं। इस तरह बालू की तस्करी कर एक बाइक सवार एक दिन में लगभग तीन हजार की कमाई कर लेता है।

    इधर, बालू माफिया के गुर्गे दो दर्जन बाइक सवार तस्करों से दिनभर में 14 से 15 हजार रुपये रंगदारी टैक्स वसूल लेते हैं। कम मात्रा में बालू के काम के लिए ज्यादातर लोग ऐसे ही बाइक वालों का सहारा लेते हैं।

    यह अवैध खनन और ढुलाई का मामला है। इस संबंध में खनन विभाग के साथ मिलकर पुलिस शीघ्र ही कार्रवाई करेगी। - मो. कासिम, एसपी, अरवल