अमित शाह का कोसी-सीमांचल के 8 जिलों पर फोकस, PK और ओवैसी की एंट्री से दिलचस्प हुआ चुनाव!
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 27 सितंबर को फारबिसगंज आ रहे हैं। वे यहाँ बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे। भागलपुर सहित कोसी और सीमांचल के आठ जिलों से भाजपा कार्यकर्ता जुटेंगे। उनके आगमन को लेकर फारबिसगंज के हवाई फील्ड में सभा स्थल तैयार हो रहा है। हाल में कांग्रेस राजद जन सुराज की सक्रियता बढ़ी है। एनडीए भी अपनी तैयारी कर रहा है।

प्रशांत पराशर, अररिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 27 सितंबर को फारबिसगंज आ रहे हैं। यह उनका फारबिसगंज में पहला और जिले में दूसरा दौरा होगा। इसके पूर्व 2023 में फारबिसगंज के जोगबनी स्थित आईसीपी में एक सरकारी कार्यक्रम में आए थे। वहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। इस बार वे बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने के लिए आ रहे हैं।
इसमें भागलपुर सहित कोसी और सीमांचल के आठ जिले के करीब पांच हजार भाजपा कार्यकर्ता जुटेंगे। उनके आगमन को लेकर फारबिसगंज के हवाई फील्ड मैदान में सभा स्थल तैयार हो रहा है। उनके आगमन को लेकर जहां पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है। वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा और जिला प्रशासन उनके कार्यक्रम की तैयारी में जुटे हैं।
जिलाध्यक्ष ने बताया कि गृहमंत्री यहां कोसी, सीमांचल और भागलपुर के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे। इसके लिए हवाईं फील्ड मैदान में दो जगहों पर कार्यक्रम होगा। इसमें एक जगह पंचायत स्तर के करीब चार हजार कार्यकर्ता और दूसरी जगह पार्टी के करीब पांच सौ पदाधिकारियों के साथ उनका सीधा संवाद होगा।
विधानसभा चुनाव को लेकर हाल के महीनों में इन क्षेत्रों में जिस तरह से कांग्रेस, राजद, जन सुराज, एआईएमआईएम की सक्रियता बढ़ी है, उसके मद्देनजर गृहमंत्री का यह दौरा अहम माना जा रहा है। कांग्रेस की वोटर अधिकार यात्रा के तहत 24 अगस्त को राहुल गांधी, तेजस्वी यादव सहित इंडी गठबंधन के नेताओंं का दौरा अररिया में हुआ था।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पिछले दो दिनों से किशनगंज और अररिया के दौरे पर हैं। जन सुराज के प्रशांत किशोर भी जिले के सिकटी, पलासी और अररिया में सभा सहित अन्य जगहों का दौरा कर चुके हैं। इन सब के बीच एनडीए भी अपनी तैयारी को पुख्ता कर रहा है।
एनडीए का विधानसभास्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन जिले के सभी छह विधानसभा में पूरा हो चुका है। अब समय आ गया है इन कार्यकर्ता के बल पर चुनाव में अधिक से अधिक सीट एनडीए के खाते में डालना। 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूर्णिया में एक सभा कर चुके हैं।
अब अमित शाह की नजर यहां की विधानसभा सीटों पर है। 2024 के संसदीय चुनाव में सीमांचल के चार जिलों में सिर्फ अररिया में कमल खिला था। यहां विधानसभा की छह सीटों में तीन फारबिसगंज, नरपतगंज और सिकटी में भाजपा, जोकीहाट में राजद, रानीगंज सुरक्षित से जदयू और अररिया से कांग्रेस के विधायक हैं।
42 फीसद मुस्लिम बहुल इस जिले में भाजपा की नजर सभी सीटों पर रहेगी। इंडी गठबंधन में फिलहाल सीएम फेस और सीटों को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। पिछले चुनाव में भाजपा चार और जदयू दो सीट पर चुनाव लड़ी थी, जबकि इंडी गठबंधन से कांग्रेस दो और राजद चार सीट पर चुनाव लड़ी थी।
इस बार के चुनाव में जन सुराज के साथ पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे की पार्टी हिंद सेना भी चुनाव की तैयारी में जुटी है। इनमें सभी की नजर मुस्लिम मतदाताओं पर है।
पटना में 24 सितंबर को कांग्रेस की हुई सीडब्लूसी की बैठक में अति पिछड़ों को साधने के लिए अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र जारी किया। जो अब तक एनडीए के वोटर माने जाते रहे हैं। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं को अमित शाह का चुनावी मंत्र निश्चित रूप से मायने रखेगा। निश्चित रूप से अमित शाह की यह बैठक बदलते चुनाव परिद़ृश्य में अहम होगी। 24 अगस्त को राहुल गांधी वोटर अधिकार यात्रा पर अररिया आए थे।
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