तेजस्वी के फ्रेम में शांतनु के आते ही गड़बड़ाने लगे कई के समीकरण, RJD नेताओं में टिकट को लेकर बेचैनी
बिहार अधिकार यात्रा में मधेपुरा पहुंचे तेजस्वी यादव ने कई समीकरण साधने की कोशिश की। उन्होंने शरद यादव के बेटे शांतनु बुंदेला को अपने रथ पर साथ लेकर समाजवादी नेताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया। शांतनु को तेजस्वी के साथ देखकर राजद नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है खासकर मधेपुरा और बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र के टिकट चाहने वालों में।

अमितेष, मधेपुरा। 'बिहार अधिकार यात्रा' के क्रम में मधेपुरा पहुंचे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक साथ कई समीकरण साधने की कोशिश की। खासकर, वैसे पुराने समाजवादी नेताओं को, जो इन दिनों जदयू व अन्य दलों में सक्रिय हैं को अपने पक्ष में करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का सहारा लिया।
कोसी इलाके में शरद यादव के पुत्र शांतनु बुंदेला को अपने रथ पर साथ लेकर यात्रा की। मधेपुरा ही नहीं, पूरे कोसी इलाके में शांतनु तेजस्वी के साथ रहे। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इसका संदेश बहुत स्पष्ट है कि कोसी इलाके में राजद की मजबूती के लिए तेजस्वी किलेबंदी में जुट गए हैं।
इधर, शांतनु बुंदेला को तेजस्वी यादव के रथ पर सवार देख राजनीतिक हलचल तेज हो चली है। राजद नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है। मधेपुरा सदर और बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र से टिकट की चाह रखने वाले वर्तमान विधायक प्रो. चंद्रशेखर समेत तमाम दिग्गजों के समीकरण गड़बड़ाने लगे हैं।
गत चुनाव में बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर शांतनु की बहन सुभाषिणी चुनाव लीड़ी थी। इस वजह से राजनीतिक गलियारों में शांतनु को लेकर बिहारीगंज सीट भी चर्चा में है। दोनों विधानसभा सीट से वर्तमान में राजद से एक दर्जन से अधिक दावेदार हैं।
चर्चा यह भी कि पिछले लोकसभा चुनाव में ही शांतनु ने उम्मीदवारी की इच्छा जताई थी, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव का इंतजार करने को कहा था। इसी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए बिहार अधिकार यात्रा में तेजस्वी के फ्रेम में शांतनु को देख कड़ी से कड़ी जोड़ा जा रहा है।
शरद यादव के करीबी रहे समाजवादी नेताओं में भी इस वजह से उत्साह का संचार हुआ है। समर्थकों का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने मंडल मसीहा शरद यादव के सुपुत्र शांतनु यादव को अपने बिहार अधिकार यात्रा में साथ रखकर साफ कर दिया है कि युवाओं को ही नेतृत्व का मौका दिया जाएगा। वैसे भी शरद यादव के निधन के उपरांत तेजस्वी यादव ने कहा था कि मैं और शांतनु अब बिहार की राजनीति में सक्रिय रूप से काम करूंगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।