बाइक की मॉडिफिकेशन दे जाएगी हजारों की टेंशन... चालान तो कटेगा ही, हो सकती है जेल भी
नियमों के मुताबिक अगर आप कोई भी वाहन में किसी भी तरह का मॉडिफिकेशन कराते हैं तो उससे नियम का उल्लंघन होता है। जिसके कारण आपको जेल जाना पड़ सकता है और ...और पढ़ें

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। लोग देखा-देखी के चक्कर में अपनी बाइक में मॉडिफिकेशन करा तो लेते हैं, लेकिन इसके कारण उनको भारी जुर्माना देना पड़ता है। इसके साथ ही और परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।मॉडिफिकेशन का चलन तो दिन पर दिन काफी तेजी से बढ़ते जा रहा है।
अपनी बाइक को सबसे अलग और कुल दिखाने के चक्कर में, लोग बाइक में साइलेंसर से लेकर हेडलाइट और यहां तक कि बॉडी में भी बदलाव कराते हैं। क्या आपको पता है बाइक में मॉडिफिकेशन कराने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं। अगर आप भी अपनी बाइक मॉडिफाई कराने जा रहे हैं तो इन बातों का जरूर ख्याल रखें।
क्या है बाइक मॉडिफिकेशन के नियम
आप बाइक में मामूली बदलाव करा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से अनुमति लेनी पड़ेगी। बाइक मॉडिफिकेशन के दौरान आप उन्हीं पार्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं जो ऑटोमोटिव रिसर्च अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ARAI) से अप्रूव्ड और प्रमाणित हो। आपको बता दें मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के मुताबिक भारत में वाहन मॉडिफिकेशन प्रतिबंधित और गैरकानूनी है। क्योकि बदलाव के कारण बाइक को मजबूती पर असर पड़ता है। आपके साथ दूसरे को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कट सकता है मोटा चालान
नियमों के मुताबिक अगर आप कोई भी वाहन में किसी भी तरह का मॉडिफिकेशन कराते हैं, तो उससे नियम का उल्लंघन होता है इसके कारण आपको 5 हजार रुपये का चालान और 6 महीने की जेल हो सकती है। ये आपके वाहन के मॉडिफिकेशन पर निर्भर करता है। अगर आप वाहन के साइज,स्ट्रक्चर, चेचिस, इंजन आदि में बदलाव करते हैं या फिर एक्स्ट्रा व्हीले को जोड़ते हैं तो आपका वाहन सीज भी हो सकता है।
किस तरह के मॉडिफिकेशन करा सकते हैं
आप बाइक में मॉडिफिकेशन इंजन बेली, टेल टाइडी, डिटेल्स, वाइज़र में बदलाव कर सकते हैं क्योंकि इसके कारण वाहन के स्पेसिफिकेशन में कोई बड़ा अंतर नहीं आता है। अगर आपके वाहन का इंजन पूरी तरह से खराब है या फिर वो ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है तो आप इस दशा में इंजन बदलवा सकते हैं। लेकिन इसके लिए भी एक नियम बनाया गया है। इंजन को बदलने के लिए आपको RTO से नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा। इसके अलावा इंजन बदलवाने के बाद आपको दोबारा रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना होगा। नियम के मुताबिक पुराने और नए दोनों इंजन एक समान फ्यूल पर ही चलते होने चहिए। इतना ही नहीं वाहन का कलर भी बदलने के लिए भी आपको आरटीओ से अनुमति लेनी होगी।
नियम काफी सख्त
जैसा ही हमने आपको बताया है कि मॉडिफिकेशन से वाहन का रूप तो बदल जाता है। इसके अलावा कई लोग व्हीकल के स्ट्रक्चर में भी गैर जरूरी बदलाव करा देते हैं जो कि सड़क पर पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए भी खतरनाक होता है। ऐसा भी माना जाता है कि, अगर वाहन अपने मूल रजिस्ट्रेशन दस्तावेज से अलग होता है तो इस स्थिति में पुलिस को भी वाहन के पहचान करने में दिक्कत होती है। इसके कारण मॉडिफिकेशन को लेकर काफी सख्ती है।
RTO से अनुमति लेने की प्रक्रिया
सबसे पहले आप उस आरटीओ कार्यालय में जाएं जहां पर आपका वाहन रजिस्टर्ड है। इस समय आप अपने साथ मॉडिफिकेशन, मसलन कलर, कोड, पार्ट और प्राइस कोट के साथ ही रजिस्ट्रेशन पेपर को भी अपने साथ लेकर जाएं। सबसे पहले उस आरटीओ कार्यालय में जाएं जहां पर आपका वाहन रजिस्टर्ड है. वाहन में कराए जाने वाले मॉडिफिकेशन, मसलन कलर, कोड, पार्ट और प्राइस कोट के साथ ही रजिस्ट्रेशन पेपर को अपने साथ रखें।
व्हीकल मॉडिफिकेशन के आवेदन के लिए फॉर्म B.T.I और B.T. भरें. इन फॉर्म आपको इस बात की जानकारी देनी होगी कि, आप अपने वाहन में किस तरह का मॉडिफिकेशन करना चाहते हैं। इसके अलावा यदि आप वाहन का रंग बदलना चाहते हैं तो आपको आरटीओ से इसके लिए एक अनुमती पत्र प्राप्त करना होगा। जब आप वाहन में मॉडिफिकेशन कराए तब अपने दस्तावेज, फॉर्म B.T.I की कॉपी और वाहन को लेकर फिर से आरटीओ जाना होगा। इसके बाद आरटीओ आपके वाहन के रजिस्ट्रेशन पेपर में मॉडिफिकेशन के आधार पर बदलाव होगा और आपको शुल्क भी देना होगा। इस तरीके से आप अपने वाहन में मॉडिफिकेशन की प्रक्रिया को कानूनी रूप से पूरा कर सकते हैं।
सेफ्टी में कोई समझौता नहीं
कई बार आपने ये देखा होगा कि लोग वाहन को एक नया लुक देने के लिए मॉडिफिकेशन करवाते हैं लेकिन इसके कारण बाइक की सेफ्टी अधिक प्रभावित होती है बल्कि नियमों का भी उल्लंघन होता है। उदाहरण के तौर पर युवा अपने दो पहिया वाहन से साइड मिरर को हटा देते हैं। भले ही उनको दिखने में अच्छे लगता हो, लेकिन ऐसा करने पर करीब 1 हजार रुपये का चालान हो सकता है। इसलिए नियम का और सेफ्टी का खास ख्याल रखें।
बीमा कंपनी को दें जानकारी
आप जब भी अपने दोपहिया वाहन के बीमा को ऑनलाइन खरीदते हैं तो आपको इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि आपको मॉडिफिकेशन की घोषणा कंपनी को पहले ही करनी होगी। अगर आप मॉडिफिकेशन की घोषणा नहीं करते हैं, तो किसी दुर्घटना आदि होने के बाद आपके टू-व्हीलर इंश्योरेंस क्लेम (Insurance Claim) को रिजेक्ट कर दिया जाता है। अधिकतर कंपनियां जो दोपहिया बीमा ऑनलाइन बेचती हैं, वो मॉडिफिकेशन डिक्लेयर करने का ऑप्शन भी देती है। इसलिए आप अपने वाहन में कोई भी महंगा पार्ट अपने वाहन में फिट कराते हैं तो इसके लिए आपको ऐड-ऑन प्राप्त करना चहिए।



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