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    हाईवे पर एक्सीडेंट को रोकने के लिए NHAI ने बनाया ये सॉलिड प्लान, शुरू हो रहा एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम

    By Sonali SinghEdited By: Sonali Singh
    Updated: Mon, 16 Jan 2023 07:35 PM (IST)

    एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को भारतीय हाईवे पर जल्द लागू किया जा सकता है। इसके लिए इंजीनियरों को ट्रेनिंग दी जा रही है और लगभग 3000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए लागू किया गया है। इसकी पूरी जानकारी नीचे देखें।

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    NHAI implementing Advance Traffic Management System soon to avoid traffic

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एक नई तकनीक को जल्द लागू करने वाली है। इसके तहत सड़क दुर्घटनाओं से निपटने और राजमार्गों पर स्पीड लिमिट के नियमों को लागू करने के लिए हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) को लाया जा रहा है। यह नई तकनीक पर आधारित सिस्टम है, जो 24 घंटे यातायात नियमों की निगरानी करेगी। 

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    3,000 किलोमीटर तक होगी लागू

    एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को लगभग 3,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए लागू किया गया है। इस दूरी में सड़क सुरक्षा की निगरानी के लिए ड्रोन वीडियो और नेटवर्क सर्वेक्षण वाहन डाटा के लिए जीआईएस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही इंजीनियरिंग उपायों को बढ़ाने के लिए कई तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। NHAI के बयान के मुताबिक, प्रबंधक और उप महाप्रबंधक के पद पर इंजीनियरों के प्रमोशन के लिए इस टेस्ट को पूरा करना जरूरी है, जिसके लिए इंजीनियरों को अनिवार्य 15 दिन की सड़क सुरक्षा ऑडिट ट्रेनिंग भी दी जा रही है। बता दें कि इस परियोजना को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर बनाया जा रहा है। 

    इस सिस्टम के हैं कई लाभ

    ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं को ही कम नहीं करेगा, बल्कि इससे बदलते मौसम की जानकारी, डेडीकेटेड कॉरिडोर, 'स्मार्ट मोबिलिटी' के लिए आइटीएस जैसी बहुत-सी सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही नंबर प्लेट को पढ़ने वाले कैमरे, सीसीटीवी कैमरे और सभी चौराहों और ब्लिंकर पर सेंसर लगाए जाएंगे।

    पहले से मिल जाएगी जानकारी

    ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत हाईवेपर लगाए गए कैमरा और सेंसर की मदद से चलकों को पहले ही ट्रैफिक अलर्ट मिल जाएगा। इससे वे पहले ही दूसरे रास्ते पर जाने का विकल्प तलाश सकेंगे। हाईवे पर लंबी लगने वाली जाम को ध्यान में रखते हुए यह सिस्टम बहुत मददगार साबित होगी।

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