दिल्ली में बिकी सबसे ज्यादा EV तो चार्जिंग इन्फ्रा में महाराष्ट्र नंबर-1, देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का दबदबा
Bureau of Energy Efficiency द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक 2354 पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों वाला राज्य बनकर उभरा है। वहीं दिल्ली ऐसे शहर के रूप में उभरा है जहां सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जा रहे हैं। इसने हाल ही में अगस्त 2020 में ईवी नीति के लॉन्च के बाद से एक लाख बैटरी चालित वाहनों को पंजीकृत करने का माइलस्टोन पार कर लिया है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Electric Mobility जैसे-जैसे देश में जोर पकड़ रही है, सरकारी और निजी कंपनियां चार्जिंग इसके चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही हैं। इसके चलते देश में लगातार बढ़ रहा पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क इलेक्ट्रिक वाहनों के स्वामित्व को आसान बनाने और ग्राहकों के लिए रेंज की चिंता को कम करने में मदद कर रहा है।
Bureau of Energy Efficiency द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक 2,354 पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों वाला राज्य बनकर उभरा है। आइए, जानते हैं कि देश के अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की क्या स्थिति है।
कहां-कितने चार्जिंग स्टेशन?
समूचे देश की बात करें तो भारत में ऐसे स्टेशनों की कुल संख्या 8735 है, जबकि 84 चार्ज पॉइंट ऑपरेटर हैं। आपको बता दें कि इन 84 ऑपरेटरों में से 27 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के हैं और 57 निजी कंपनियों के हैं। सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या 1,619 दिल्ली में है। वहीं, कर्नाटक 736 ऐसे स्टेशनों के साथ तीसरे स्थान पर है।
इसके बाद तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में क्रमशः 465, 449 और 425 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं। देश का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान अपने सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन की संख्या में केवल 330 ऐसे स्टेशनों के साथ काफी पीछे है। सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की सबसे कम संख्या लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार व पुडुचेरी जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में है, यहां पर ऐसे एक से चार स्टेशन ही हैं।
दिल्ली में बिक रहीं सबसे ज्यादा EV
दिल्ली ऐसे शहर के रूप में उभरा है जहां सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जा रहे हैं। इसने हाल ही में अगस्त 2020 में ईवी नीति के लॉन्च के बाद से एक लाख बैटरी चालित वाहनों को पंजीकृत करने का माइलस्टोन पार कर लिया है। इसके साथ, राष्ट्रीय राजधानी देश की ईवी राजधानी भी बन गई है।
वर्तमान में, दिल्ली में खरीदे गए सभी वाहनों में से 13 प्रतिशत इलेक्ट्रिक हैं। विशेष रूप से, राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर 1.28 लाख बैटरी चालित वाहन फर्राटा भर रहे हैं। शहर की ईवी नीति व्हीकल सेगमेंट में ईवी अपनाने की गति में तेजी लाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
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