Lok Adalat में चालान माफ कराने का बेहतरीन मौका, दिल्ली में किस जगह पर लगेगी कोर्ट और किस तरह के चालान में मिलेगी राहत
Lok Adalat देश में इस हफ्ते शनिवार को लोक अदालत को लगाया जाएगा। हर राज्य में कई जगहों पर इस तरह का आयोजन किया जाएगा। राजधानी दिल्ली में भी रहने वालों को अगर अपनी गाड़ी के चालान माफ करवाने के लिए लोक अदालत जाना है तो कहां कहां पर इसे लगाया जाएगा। किस तरह से इनमें राहत मिलेगी। आइए जानते हैं।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। पूरे देश में इस शनिवार को लोक अदालत को लगाया जाएगा। इस तरह की अदालत क्यों लगाई जाती हैं। इसमें किस तरह से लोगों को राहत मिलती है। दिल्ली में किन जगहों पर इस तरह की लोक अदालत को लगाया जाएगा। किस तरह के चालान से इन कोर्ट में राहत मिलती है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
शनिवार को लगेगी लोक अदालत
देश में इस शनिवार (13 सितंबर) को लोक अदालत लगाई जाएगी। इस दौरान देश के सभी राज्यों में ट्रैफिक चालान और अन्य कई मामलों में लोगों को राहत देने का काम किया जाएगा।
दिल्ली में भी लगेगी लोक अदालत
देश के सभी राज्यों की तरह ही दिल्ली में भी लोक अदालत को लगाया जाएगा। दिल्ली में कुल सात जगहों पर इस तरह की अदालत को लगाया जाएगा। जिसमें पटियाला हाऊस कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, तीस हजारी कोर्ट, साकेत कोर्ट, रोहिणी कोर्ट, द्वारका कोर्ट और राउज एवेन्यू कोर्ट शामिल हैं।
करना होगा यह काम
अगर आप भी लोक अदालत जाने की तैयारी कर रहे हैं तो पहले नोटिस और चालान का प्रिंट आउट लेने के बाद कोर्ट जाना होगा। अदालत का समय सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक होता है।
किस तरह के चालान में मिलेगी राहत
जानकारी के मुताबिक लोक अदालत में कई तरह के नियमों के उल्लंघन में जारी हुए चालान पर सुनवाई की जाती है। जिनमें से कई मामलों में अदालत की ओर से लोगों को राहत दी जा सकती है। इनमें सीट बेल्ट बिना पहने कार चलाना, बिना हेलमेट के मोटरसाइकिल चलाना, रेड लाइट तोड़ना, गलती से कटा चालान, स्पीड लिमिट उल्लंघन करना, PUC सर्टिफिकेट न होना, गलत जगह पर गाड़ी पार्क करना, ड्राइविंग लाइसेंस के बिना वाहन चलाना, वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट न होना, गलत लेन में वाहन ड्राइविंग करना, ट्रैफिक साइन की अनदेखी करना और बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाना जैसे मामले शामिल होते हैं।
किन मामलों में नहीं मिलती राहत
कुुछ मामले ऐसे भी होते हैं जिनमें अदालत की ओर से किसी भी तरह की राहत नहीं दी जाती। इनमें नशे में ड्राइविंग करना़ हिट-एंड-रन के मामले, लापरवाही से ड्राइविंग के कारण किसी की मौत होना, नाबालिग का व्हीकल ड्राइविंग करना, अनधिकृत रेसिंग या स्पीड ट्रायल करना, वाहन का उपयोग आपराधिक गतिविधि में होना, लंबित कोर्ट केस वाले ट्रैफिक चालान, दूसरे राज्य में कटा ट्रैफिक चालान आदि शामिल हैं। इन मामलों में राहत के लिए पारंपरिक कोर्ट में जाना होता है।
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