गाड़ी में मोटे और चौड़े टायर्स लगवाने के क्या होते हैं फायदे और नुकसान, जानिए
छोटे इंजन वाली बाइक्स में बड़े और चौड़े टायर्स लगवाने से इंजन को ज्यादा फोर्स लगानी पड़ती है जबकि पतले और हल्के टायर्स में यह दिक्कत नहीं होती
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। इन दिनों युवाओं के बीच बाइक को मॉडीफाई करवाने का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। ज्यादा तर राइडर बाइक मॉडिफिकेशन के दौरान अक्सर पिछला पहिया निकलवाकर इसमें चौड़ा और मोटा टायर लगवा लेते हैं। हालांकि, उन्हें इसके फायदे और नुकसान से बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हो पाती। आज हम अपनी इस खबर में आपको बाइक में चौड़े और मोटो टायर लगवाने के फायदे और नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं।
चौड़े टायर के फायदे और नुकसान
यह इस बात पर निर्भर करता है कि बाइक कितने cc इंजन वाली है, मसलन अगर आपकी बाइक 100cc या 125cc इंजन की है और उसमें आप चौड़ा टायर लगवाते हैं तो उससे बाइक की रोड पर ग्रिप अच्छी तो बनेगी लेकिन इससे बाइक की माइलेज पर असर पड़ता है। क्योंकि चौड़ा और बड़ा टायर वजन में भी ज्यादा होता है। इसके अलावा बाइक की राइडिंग क्वालिटी में भी फर्क आ जाता है। चौड़े और मोटे टायर लगाने से गाड़ी का लुक काफी स्पोर्टी हो जाता है। वही ब्रेक की ग्रिप भी अच्छी बनती है क्योंकि टायर का अधिक हिस्सा जमीन के साथ लगा रहता है।
छोटे इंजन वाली बाइक्स में बड़े और चौड़े टायर्स लगवाने से इंजन को ज्यादा फोर्स लगानी पड़ती है जबकि पतले और हल्के टायर्स में यह दिक्कत नहीं होती, इसलिए इनकी परफॉरमेंस में भी फर्क देखने को मिल जाता है। वैसे आजकल 150cc या इससे अधिक इंजन वाली बाइक में चौड़े और मोटे टायर्स देखने को मिल रहे हैं। वैसे ज्यादातर एक्सपर्ट बाइक में बड़े और चौड़े टायर लगवाने की सलाह नहीं देते क्योंकि बाइक का असली टायर ही उसकी बनावट और माइलेज के हिसाब से सबसे अच्छा होता है।
कितने प्रकार के होते हैं टायर
टायर दो तरह के होते हैं ट्यूबलेस टायर और ट्यूब टायर। कीमत के लिहाज से ट्यूबलेस टायर, ट्यूब टायर से 300-400 रुपये ही महंगा है। आजकल ज्यादातर गाड़ियों में अब ट्यूबलेस टायर ही लगे होते हैं ट्यूबलेस टायर से सड़क पर बेहतर ग्रिप और कंट्रोल मिलता है और अगर टायर पंक्चर हो जाए तो इसमें से हवा धीरे-धीरे निकलती है साथ ही चलती गाड़ी का बैलेंस भी नहीं बिगड़ता।
ऐसे खरीदें सही टायर
भारत में बाइक के टायर की कीमत 900 रुपये से शुरू होती है। टायरों के दाम सीजन के हिसाब से कम और ज्यादा होते रहते हैं। टायरों की कीमत में मोलभाव की भी काफी गुंजाइश होती है। टायर हमेशा ऑथराइज्ड डीलर से ही खरीदें और साथ में पक्का बिल जरूर लें, ताकि अगर कोई दिक्कत भी हो टायर को बदलने में सहूलियत रहेगी। टायर खरीदते समय ध्यान रखें कि उनकी मैन्युफैक्चरिंग डेट ज्यादा पहले की न हो। एक साल से पहले बने टायर हरगिज न खरीदें। इसके अलावा आजकल मार्केट में चीन के बने टायर भी काफी दिख रहे हैं। उनके लुक्स पर न जाएं और वॉरंटी वाले टायर ही खरीदें।
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