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#NayaBharat: कस्टमर बिहेवियर देखकर Audi तैयार कर रही है बिजनेस प्लान- Balbir Singh Dhillon

Jagran Hitech NayaBharat के एपिसोड में हमारे हमार साथ Audi इंडिया के हेड Balbir Singh Dhillon जुड़े हैं जिनसे लग्जरी कार सेगमेंट पर बातचीत की है।

By Ankit DubeyEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 07:50 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 09:19 AM (IST)
#NayaBharat: कस्टमर बिहेवियर देखकर Audi तैयार कर रही है बिजनेस प्लान- Balbir Singh Dhillon
#NayaBharat: कस्टमर बिहेवियर देखकर Audi तैयार कर रही है बिजनेस प्लान- Balbir Singh Dhillon

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते भारत समेत पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ा है। इसी अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाली ऑटो और टेक कंपनियां किस तरह से काम कर रही हैं? यह जानने के लिए दैनिक जागरण की नई सीरीज #NayaBharat में हम रोजाना ऑटो और टेक समेत बिजनेस वर्ल्ड के बड़े थॉट लीडर से जुड़ते हैं। #NayaBharat के आज के एपिसोड में हमारे हमार साथ Audi इंडिया के हेड Balbir Singh Dhillon जुड़े हैं, जिनसे Jagran Hitech के एडिटर सिद्धार्था शर्मा ने तमाम तरह के मुद्दों पर बातचीत की है। आइए इस पूरी चर्चा को विस्तार से जानते हैं।

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सिद्धार्था शर्मा - कोविड-19 एक ग्लोबल महामारी बनी। इस महामारी से पहले ऑटो इंडस्ट्री आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही थी। ऐसे में कोविड-19 के बाद लग्जरी कार इंडस्ट्री पर क्या असर पड़ा?

बलबीर सिंह ढिल्लों - कोविड-19 की वजह से हर इंडस्ट्री को नुकसान हुआ है। किसी इंडस्ट्री को कम तो किसी को ज्यादा नुकसान हुआ है, इतना ही अंतर है। कोविड-19 की वजह से जारी लॉकडाउन को दो माह हो गए हैं। ऐसे में लग्जरी कार इंडस्ट्री को भी कारोबारी लिहाज से नुकसान झेलना पड़ा है। ऐसे में हम कस्टमर बिहेवियर में बदलाव का आंकलन कर रहे हैं और उसी हिसाब से बिजनेस प्लान तैयार कर रहे हैं। हमारे शोरूम खुलना शुरू हो गए है। ऐसे में धीरे-धीरे डिमांड आने की उम्मीद की जा रही है। अगर कार की सर्विसिंग को लेकर बात करें, तो करीब 80 फीसदी डीलरशिप स्टोर खुल गए हैं, जहां करीब दो तिहाई लोग कार की सर्विसिंग करा रहे हैं।

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सिद्धार्था शर्मा - लग्जरी कार निर्माता कंपनी क्या नई रणनीति लेकर आएंगी, जिससे दोबारा सेल्स को हासिल किया जा सके?

बलबीर सिंह ढिल्लों - आपने देखा कि कुछ माह पहले ही पूरी ऑटोमोटिव इंडस्ट्री BS4 से BS6 में शिफ्ट हुई है। हालांकि इसके बाद हमने तय किया है कि भारत में कई गाड़ियों को पहली बार पेश किया जाएगा या फिर वो अगली जनरेशन कार होंगी। मतलब हम ऐसी कोई गाड़ी नहीं पेश कर रहे, जिसमें इंजन में बदलाव करके उन्हें पेश किया जा रहा हो। कंपनी पूरी तरह से प्रोडक्ट का इंप्रूवमेंट करेगी। इसके अलावा हमने सोशल डिस्टेंसिंग के दौर पर डिजिटलीकरण पर जोर दिया। वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी जैसे टेक्नोलॉजी लेकर आए। साथ ही हमने गाड़ियों की ऑनलाइन सेल शुरू की है, जिसमें कस्टमर कार का 360 डिग्री एक्सपीरिएंस ले सकते हैं। वहीं कार पसंद आने पर इसे बुक भी कर सकते हैं। लेकिन हर कोई लग्जरी कार को ऑनलाइन खरीदना पसंद नहीं करता है। यह भी सच है, क्योंकि लोग कार के लेदर को टच एंड फील करके देखते हैं। साथ ही फैमिली के साथ ड्राइव करके कार खरीदना पसंद करते हैं। दरअसल लग्जरी कार खरीदना एक तरह से लाइफ में एक बड़ा अचीवमेंट होता है। वहीं कार की सर्विसिंग के लिए हम ऑनलाइन सुविधा देते हैं, आप चाहे तो कार की सर्विसिंग बुक करके उसे स्टोर पर खुद ला सकते हैं। या फिर, कंपनी के ड्राइवर घर आकर आपकी कार ले जाएंगे। इसके अलावा हम कस्टमर बिहेवियर का आंकलन कर रहे हैं और अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को भेज रहे हैं।

सिद्धार्था शर्मा - पीएम मोदी ने SME और MSME सेक्टर के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है। आपके साथ भी SME और MSME कंपनियां काम करती होंगी। ऐसे में आप इस राहत पैकेज को कैसे देखते हैं?

बलबीर सिंह ढिल्लों - सरकार के सारे निर्णय सप्लाई और डिमांड को लेकर हैं। सरकार ने निचले पायदान के लोगों को मदद पहुंचाने का काम किया है, वो काफी सराहनीय कदम है। हमारे ज्यादातर ग्राहक SME या फिर MSME से आते हैं। ऐसे में इन सेक्टर के लोगों की हालत में सुधार होगा, तो हमारी भी सेल्स बढ़ेगी। सरकार के अलावा आरबीआई ने रेट ऑफ इंटरेस्ट कम किए हैं। आज के वक्त में रेट ऑफ इंटरेस्ट अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। यह एक बहुत ही सकारात्मक कदम है। यह बॉयर्स को कार खरीदने को अट्रैक्ट करेगा। ऐसे में मुझे लगता है एक से दो माह में सेल्स में सुधार आएगा। अगर पिछले साल के मुकाबले देखें, तो इस साल व्हीकल सेल्स कम रहेगी।

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सिद्धार्था शर्मा - नए भारत को आप कैसे देखते हैं?

बलबीर सिंह ढिल्लों - मैं, इंडिया स्टोरी का भक्त हूं। मैं फ्यूचर को लेकर आशावान रहता हूं। अगर आप देखों, तो भारत में प्रति एक हजार पर 22 कार है। ऐसे में अभी ऑटो मोबिलिटी का बढ़ना बाकी है। दुनिया की बड़ी इंडस्ट्री आज के वक्त में भारत आकर यहां अपना मैन्युफैक्चरिंग बेस बनाना चाहती हैं, लेकिन हमें फोकस्ड और हार्डवर्क करना होगा। सरकार से हमें उम्मीद है कि वह व्यापार को आसान बना सकें और भारत बिजनेस के लिए एक बेहतर देश है।

Jagran HiTech #NayaBharat सीरीज के तहत इंडस्ट्री के लीडर्स और एक्सपर्ट्स ने क्या कहा है, ये जानने के लिए यहां क्लिक करें।


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