Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार के इंजन में पावर और टॉर्क की कितनी भूमिका, दोनों में किसका अधिक होना जरूरी

    Updated: Sat, 12 Apr 2025 12:05 PM (IST)

    जब भी कोई नई कार खरीदता है तो वह यह जरूर देखता है कि उसका इंजन कितना पावरफुल है। इसके बारे में पता लगाने के लिए हम अक्सर इससे निकलने वाले पावर आउटपुट और टॉर्क के बारे में जानते हैं। यहीं दोनों मिलकर कार के इंजन की परफॉर्मेंस को तय करते हैं। हम यहां पर आपको इन दोनों की कार के इंजन में भुमिका के बारे में बता रहे हैं।

    Hero Image
    कार के इंजन में पावर और टॉर्क का क्या काम होता है।

    ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। जब भी कोई कार खरीदने जाता है, तो वह अक्सर जन की पावर और टॉर्क के बारे में बात करते हैं। इन दोनों का असर मतलब और इनकी भूमिका क्या है, यह समझना जरूरी है। यही पावर और टॉर्क इंजन की परफॉर्मेंस को तय करते हैं, लेकिन दोनों का काम अलग-अलग होता है। जिसे देखते हुए हम यहां पर आपको कार के इंजन में पावर और टॉर्क की क्या भूमिका होती है और इनमें से किसका ज्यादा होना जरूरी है, इसके बारे में बता रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पावर और टॉर्क क्या हैं?

    कार में मिलने वाले पावर को हॉर्सपावर (bhp) में मापा जाता है, इससे पता चलता है कि कार का इंजन कितनी तेजी से काम कर सकता है। यह कार की स्पीड और तेजी से एक्सीलरेशन की कैपेसिटी को दिखाता है। वहीं, टॉर्क को न्यूटन-मीटर (Nm) में मापा जाता है, जो इंजन की ताकत को दिखाता है। इससे पता चलता है कि इंजन कितना बल लगा सकता है। खासकर के भारी वजन उठाने या गाड़ी को शुरू करने में। आसान शब्दों में कहे तो, टॉर्क कार को खींचने की ताकत देता है और पावर उसे स्पीड में दौड़ाने में मदद करता है।

    इंजन में पावर की भूमिका

    कार में पावर का असर तब दिखाई देता है, जब आपको अपनी कार को तेज स्पीड में चला रहे हों। ज्यादा पावर वाली कार आसानी से हाई स्पीड पकड़ सकती है और दूसरी गाड़ियों को आसानी से ओवरटेक कर सकती है। इसे इस तरह से भी समक्ष सकते हैं, स्पोर्ट्स कार्स में ज्यादा पावर मिलती है, ताकि वह तेजी से स्पीड पकड़ सकें। अगर आपकी कार में पावर कम है, तो हाईवे पर स्पीड बढ़ाने में दिक्कत आ सकती है।

    इंजन में टॉर्क की भूमिका

    कार में टॉर्क का काम तब ज्यादा अहम हो जाता है, जब आपको गाड़ी को स्टार्ट करना हो, ढलान पर चढ़ना हो या भारी सामान लेकर जाना हो। ज्यादा टॉर्क वाली कार आसानी से भारी वजन खींच सकती है और कम रफ्तार पर भी अच्छी ताकत देती है। उदाहरण- SUVs और ट्रक में ज्यादा टॉर्क मिलता है, ताकि वह ऑफ-रोड या भारी लोड के साथ आसानी से चल सकें। अगर आपकी कार में टॉर्क कम है, तो आपको ढलान पर चढ़ने में काफी परेशानी आ सकती है।

    किसका ज्यादा होना जरूरी?

    आपकी कार में पावर और टॉर्क में से किसका ज्यादा होना जरूरी है, यह आपकी जरूरत पर निर्भर करता है। अगर आप शहर में गाड़ी चला रहे हैं, जहां पर आपको बार-बार रुकना और चलना पड़ता है या फिर पहाड़ी रास्तों पर जाते हैं, तो आपको ज्यादा टॉर्क वाली कार बेहतर होगी। वहीं, अगर आप रोजाना लंबी दूरी तय करते हैं और तेज रफ्तार में गाड़ी चालाना पसंद करते हैं, तो आपके लिए ज्यादा पावर वाली कार सही रहेगी।

    यह भी पढ़ें- कार के लिए कूलेंट क्‍यों होता है जरूरी? खत्म होने पर इंजन पर क्या पड़ेगा असर