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    कार के लिए कूलेंट क्‍यों होता है जरूरी? खत्म होने पर इंजन पर क्या पड़ेगा असर

    Updated: Sat, 12 Apr 2025 06:00 AM (IST)

    Car Coolant Guide कार में डाला जाने वाला कूलेंट (Coolant) एक ऐसा लिक्विड है आपकी कार के इंजन को ज्यादा गर्म होने से बचाने का काम करता है और वह उसे ठंडा भी रखता है। यह पानी और एंटीफ्रीज का मिश्रण होता है। हम यहां पर आपको बता रहे हैं कि अगर कार के इंजन को ठंडा रखने वाला कूलेंट खत्म हो जाए तो क्या होगा?

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    अगर कार में कूलेंट खत्म हो जाए तो क्या होगा?

    ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। आपकी कार सड़क पर बिनी किसी परेशानी के चले, इसके लिए सभी पार्ट्स का काम करना जरूरी होती है। सबसे ज्यादा कार के इंजन का सही से काम करना जरूरी होता है। कार का इंजन सबसे ज्यादा मेहनत करता है, जो इस दौरान गर्म हो जाता है। अगर इंजन ज्यादा गर्म हो जाए, तो इंजन खराब हो सकता है। इंजन को ठंडा रखने का काम कूलेंट (Coolant) करता है, ताकि इंजन सही से काम करें। सोचिए अगर यह खत्म हो जाए, तो इंजन पर क्या असर पड़ेगा? हम यहां पर आपको इस सवाल का जवाब दे रहे हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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    कूलेंट क्या करता है?

    यह एक तरह का पानी और एंटी-फ्रीज का मिश्रण होता है। यह इंजन और रेडिएटर में बहता रहता है। जब इंजन गर्म होता है, तो कूलेंट उस गर्मी को सोखता है और उसे रेडिएटर तक ले जाता है, जो रेडिएंटर के जरिए बाहर निकल जाता है और कूलेंट ठंडा होकर फिर से इंजन में पहुंच जाता है। इस तरह से इंजन ज्यादा गर्म नहीं होता है और सही तामपान पर काम करता है।

    कूलेंट के फायदे

    कूलेंट केवल इंजन को ठंडा करने का काम नहीं करता है, बल्कि यह इंजन के अंदर जंक लगने से भी रोकता है, जिससे इंजन के पार्ट्स सुरक्षित रहते हैं। कूलेंट सर्दी में इंजन को जमने से बचाने का काम भी करता है। यह इंजन के पार्ट्स को चिकना रखता है, ताकि वह सही से काम करें। सही कूलेंट का इस्तेमाल करने से इंजन सही से काम करने के साथ ही माइलेज भी अच्छा देता है।

    कूलेंट खत्म होने पर क्या होगा?

    1. अगर कार में कूलेंट खत्म हो जाए या फिर बहुत कम हो जाए, तो इंजन को नुकसान पहुंच सकता है। कूलेंट खत्म होने पर सबसे पहले इंजन बहुत ज्यादा गर्म हो जाएगा। डैशबोर्ड पर तापमान का निशान लाल रंग का जाएगा। इंजन के ज्यादा गर्म होने पर उसके पार्ट्स जैसे सिलेंडर या पिस्टन, खराब हो सकते हैं। इंजन से धुआं निकलने लगेगा, अजीब सी आवाज आएगी या फिर इंजन काम करना भी बंद कर सकता है।
    2. इंजन का जरूरी हिस्सा हेड गैसकेट फट सकता है। ऐसा होने पर तेल और कूलेंट आपस में मिल जाएंगे, जिससे पूरा इंजन ही खराब हो सकता है। इसे ठीक करवाने में आपका काफी पैसा खर्च हो सकता है। इतना ही नहीं, इंजन को बदलना भी पड़ सकता है, जो आपको बहुत महंगा पड़ेगा।

    कूलेंट का ध्यान कैसे रखें?

    कूलेंट को आपको हर महीने चेक करना चाहिए। रेडिएंटर में कूलेंट का लेवल सही होना चाहिए। अगर कूलेंट कम हो, तो उसे आपको तुरंत भरवा लेना चाहिए। आपको हमेशा उसी कूलेंट का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसे कंपनी ने आपको बताया है। आपको हर 2 साल या 40,000 किलोमीटर बाद कूलेंट को पूरा बदल देना चाहिए। अगर कूलेंट गंदा हो जाए या उसका रंग बदल जाए तो आपको उसे जल्दी बदल देना चाहिए।

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