अस्थायी पंजीकरण के बाद वाहन में बदलाव करा सकेंगे दिव्यांग, 45 दिन रहेगी ऐसे रजिस्ट्रेशन की वैधता
सरकार ने दिव्यांगजनों को बड़ी राहत देते हुए नियमों में अहम बदलाव कर दिया है। इसके बाद अब उनके लिए वाहनों को पंजीकरण करना पहले से कहीं आसान हो जाएगा। आइए इसके बारे में जानते हैं। (जागरण फाइल फोटो)

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दिव्यांगों को बड़ी राहत दी है। इसके तहत अब दिव्यांगजन अस्थायी पंजीकरण के बाद पूरी तरह से निर्मित वाहन में अपनी सुविधा के अनुसार बदलाव करा सकेंगे।
अभी तक पंजीकरण से पहले वाहन निर्माता या उसके आधिकारिक डीलर द्वारा या फिर पंजीकरण के बाद संबंधित प्राधिकरण की मंजूरी लेकर दिव्यांग अपनी सुविधा के अनुसार वाहन में बदलाव करा सकते थे।
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क्या है अपडेट
मंत्रालय ने बताया कि प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नियम 53ए और 53बी में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया है। यह दोनों नियम वाहन के अस्थायी पंजीकरण से जुड़े हैं। नियम 53ए के तहत अस्थायी पंजीकरण के लिए आवेदन के दायरे को बढ़ाकर पूरी तरह से निर्मित वाहन को एक अनुकूलित वाहन में बदलने के लिए भी लागू किया गया है। नियम 53बी के तहत वाहन में बदलाव के लिए अस्थायी पंजीकरण की वैधता 45 दिन होगी।
दिव्यांगों के लिए बड़ी राहत
परिवहन और राजमार्ग (MoRTH) ने अस्थायी पंजीकरण के माध्यम से पूरी तरह से निर्मित वाहनों को अनुकूलित वाहनों में बदलने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है, ताकि अलग-अलग लोगों द्वारा मोटर वाहन खरीदने की सुविधा प्रदान की जा सके।

आपको बता दें कि दिव्यांगजन (दिव्यांग लोगों) की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार, अक्सर आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए मोटर वाहनों में बदलाव की आवश्यकता होती है।
वर्तमान में, इस तरह के बदलाव या तो निर्माता या उसके अधिकृत डीलर द्वारा वाहन के पंजीकरण से पहले ही किए जा सकते हैं। यह पंजीकरण प्राधिकारी से प्राप्त अनुमति के आधार पर वाहन के पंजीकरण से पहले भी किया जा सकता है।

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