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    Engine Oil Myths: आंख बंद कर न करें भरोसा, इंजन ऑयल से जुड़े वो मिथ जिन्हें अब तक सच मानते आए हैं आप

    By Sonali SinghEdited By:
    Updated: Fri, 09 Dec 2022 08:24 AM (IST)

    Engine Oil Myths गाड़ी के इंजन ऑयल के बारे में कई बातें कही जाती हैं पर इनमें से सभी बातें सच नहीं होती। इसलिए आज हम आपको इंजन ऑयल से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें लोग सच मानते हैं।

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    Car Engine Oil Myths Which Are Exist Till Now

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इंजन ऑयल को लेकर बहुत-सी बातें कही और सुनी जाती हैं। इसमें इंजन ऑयल को कब बदलना चाहिए... गाड़ी के इंजन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है जैसी बातें इसमें शामिल हैं। ये बातें पहले किसी समय कही गई थीं और लोग बिना किस जांच के अब तक इन्हें सच मानते आए हैं।

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    क्या आपने कभी कोशिश की है कि इनके पीछे की असल वजहों के बारे में जानें? आज हम आपको इंजन ऑयल से जुड़े कुछ मिथकों के बार में बताएंगे, जिसे हम अक्सर सच मानते हैं।

    1. इंजन ऑयल काला होने पर उसे बदलना

    हमने अक्सर सुना है कि इंजन ऑयल के काला हो जाने पर इसे बदल लेना चाहिए, वरना यह गाड़ी के इंजन को खराब कर सकता है। पर यह बात पूरी तरह से सच नहीं है। जब इंजन ऑन होता है, तो इससे निकलने वाली गर्मी के कारण तेल स्वाभाविक रूप से काला हो जाता है। साथ ही, सस्पेंशन में मिलने वाले डिटर्जेंट और डिस्पर्सेंट की वजह से भी ऑयल काला हो सकता है।

    इंजनऑयल का काला होना इस बात का संकेत हो सकता है कि यह अपना काम कर रहा है। तेल कब बदलना है, इसके लिए कंपनी द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।

    2. हर 4800km बाद तेल बदलना चाहिए

    बहुत बार हमने यह सुना है कि 4,800km के बाद इंजन ऑयल चाहे काला हो या नहीं, इसे बदल लेना चाहिए। यह धारणा 1970 के दशक में लाई गई थी, क्योंकि उस समय क्विक-ल्यूब चेन का इस्तेमाल होता था और इंजन पार्ट्स में ल्यूब्रिकेंट बनाए रखने के लिए ऐसा कहा जाता था। हालांकि, अब इंजन प्रौद्योगिकी काफी उन्नत हो गई है और इस वजह से इस दूरी पर ऑयल को बदलने की जरूरत नहीं है।

    वाहन निर्माता 10,000 मील (16,000 किमी) तक और लंबे समय के बाद इंजन ऑयल को बदलने की सलाह देते हैं।

    3. सिंथेटिक और कन्वेंशनल ऑयल को न मिलाएं

    कहा जाता है कि सिंथेटिक और कन्वेंशनल ऑयल को कभी नहीं मिलाना चाहिए। दोनों को मिलाने से सिंथेटिक तेल के प्रदर्शन में कमी आती है। पर सच यह है कि सिंथेटिक और कन्वेंशनल मोटर ऑयल एक ही मूल घटकों से बने होते हैं और इन दोनों का बेस ऑयल और एडिटिव्स होता है। साथ ही सिंथेटिक-ब्लेंड मोटर ऑयल में सिंथेटिक और कन्वेंशनल ऑयल पहले से ही मिले होते हैं।

    4. सिंथेटिक ऑयल के कारण इंजन से तेल लीक होता है

    इस बात को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है, क्योंकि पुराने, खराब रखरखाव वाले इंजनों में ऐसा देखा गया है। लेकिन, AMSOIL सिंथेटिक मोटर ऑयल एक अच्छा सिंथेटिक ऑयल विकल्प है और यह लीक को रोकने के लिए इंजन को लचीला बने रहने में मदद करता है।

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