West Bengal: राज्यपाल ने पुलिस समन को नजरअंदाज करने को कहा, बोस ने कर्मचारियों को लिखा पत्र
राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस पर राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए छेड़खानी के आरोप पर रविवार को राजभवन की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि पुलिस इस मामले की जांच नहीं कर सकती। यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। राजभवन के कर्मचारियों को भी इस बारे में बयानबाजी नहीं करने की हिदायत दी गई है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस पर राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए छेड़खानी के आरोप पर रविवार को राजभवन की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि पुलिस इस मामले की जांच नहीं कर सकती। यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
राजभवन के कर्मचारियों को भी इस बारे में बयानबाजी नहीं करने की हिदायत दी गई है। राजभवन की ओर से कहा गया है कि संविधान के अनुसार किसी भी राज्यपाल के पद पर रहते उनके विरुद्ध देश की किसी भी अदालत में आपराधिक मामला नहीं किया जा सकता। उन्हें गिरफ्तार किया अथवा जेल भेजा भी नहीं जा सकता। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है। वह राजभवन के कर्मचारियों से पूछताछ करना चाहती है।
पुलिस की ओर से राजभवन का सीसीटीवी फुटेज मांगे जाने की भी बात कही जा रही है। पुलिस ऐसा नहीं कर सकती। पुलिस की जांच रिपोर्ट किसी अदालत में भी स्वीकार नहीं हो सकती। यह संविधान की अवमानना होगी। मालूम हो कि गत गुरुवार को राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मचारी ने राज्यपाल पर छेड़खानी का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में शिकायत की थी।
pic.twitter.com/m7o4DAbVJa— Raj Bhavan Kolkata (@BengalGovernor) May 5, 2024
दूसरी तरफ, राज्यपाल ने इसे उन्हें बदनाम कर चुनाव में फायदा उठाने की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके बंगाल में भ्रष्टाचार व हिंसा के विरुद्ध जारी उनकी लड़ाई को रोका नहीं जा सकेगा। मामले की जांच के लिए कोलकाता पुलिस की ओर से विशेष जांच दल का गठन किया गया है।