UP Lok Sabha Election: दूसरे दल से आए नेताओं से खास काम ले रही भाजपा, अपने बूथ पर 370 मत बढ़ाने की है जिम्मेदारी
पार्टी अब उन्हीं दलों के विरुद्ध इन नेताओं को अपने पक्ष में लगा रही है जहां से वह आए हैं। यह जिम्मेदारी नेताओं के कद के मुताबिक तय हो रही है। गांव स्तर के नेता गांव में ही लगाए जा रहे हैं ब्लाक स्तर के नेता क्षेत्र में। बड़े कद के नेताओं का इस्तेमाल विधानसभा क्षेत्र स्तर पर किया जा रहा है।
डा. राकेश राय, जागरण गोरखपुर। विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं की सेंधमारी भाजपा के काम आने लगी है। पार्टी उनके सहारे प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी के खिलाफ चुनावी मोर्चा सजाने लगी है। दूसरे दलों से आए लोगों को पार्टी नेतृत्व ने गांव से लेकर शहर तक में प्रवासी बनाया है।
यही नहीं, चुनाव संचालन समिति में भी सम्मानजनक स्थान दिलाया है। बूथ स्तर पर उनकी जिम्मेदारी तय कर दी गई है। पुराने राजनीतिक दल की हर चुनावी चाल का ढाल बनने को लेकर उनकी मजबूत भूमिका सुनिश्चित की गई है।
गोरखपुर-बस्ती मंडल की बात करें तो बीते एक से डेढ़ महीने के बीच भाजपा ने 10 हजार से अधिक विपक्षी दलों के नेताओं को अपना बनाया है। उन्हें पार्टी में क्षमता और उपयोगिता के मुताबिक सम्मानित स्थान दिलाया है। इनमें सपा, बसपा और कांग्रेस सहित कई छोटे मगर महत्वपूर्ण दलों के नेता भी शामिल हैं।
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इन दलों के पूर्व मंत्री व विधायक से लेकर स्थानीय पदाधिकारी तक समारोहपूर्वक भाजपा का हिस्सा बने हैं। पार्टी अब उन्हीं दलों के विरुद्ध इन नेताओं को अपने पक्ष में लगा रही है, जहां से वह आए हैं। यह जिम्मेदारी नेताओं के कद के मुताबिक तय हो रही है। गांव स्तर के नेता गांव में ही लगाए जा रहे हैं, ब्लाक स्तर के नेता क्षेत्र में। बड़े कद के नेताओं का इस्तेमाल विधानसभा क्षेत्र स्तर पर किया जा रहा है।
उपयोगिता को देखते हुए उन्हें अन्य जिलों में विपक्षी दलों के काट के रूप में विशेष तौर पर दिया जा रहा। दूसरे दलों से आए नेताओं की जिम्मेदारी तय करने में भाजपा नेतृत्व सामाजिक समीकरण का भी ध्यान रख रहा है। जो जिस समाज का है, उसे उसी के समाज के लोगों को साधने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
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अपने बूथ पर 370 मत बढ़ाने की है जिम्मेदारी
जिन विपक्षी दलों के नेताओं ने बीते दिनों भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है, उन्हें पार्टी नेतृत्व की ओर से अपने बूथ पर 370 मत बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। उनकी यह जिम्मेदारी अनुच्छेद 370 से जोड़कर तय की गई है, जिसे भाजपा ने अपने कार्यकाल में हटाने में सफलता पाई है।
पार्टी का लक्ष्य उनके जरिये उन मतों का साधना है, जो अब तक विपक्ष के पाले में जाते रहे हैं। विपक्षी दलों से आए नेताओं के जरिये बूथवार जीत का लक्ष्य साधने को लेकर जिलाध्यक्षों को लगाया गया है। उन्हें दूसरे दलों से आए नेताओं को चुनाव की दृष्टि से इस्तेमाल का तरीका बताया गया है।
गोरखपुर भाजपा के क्षेत्रीय समन्वयक ज्वाइनिंग कमेटी छट्ठे लाल निगम ने कहा कि विपक्षी दलों की कार्यशैली से असंतुष्ट होकर बड़ी संख्या में उनके नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। इनमें पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, ब्लाक प्रमुख, पूर्व ब्लाक प्रमुख स्तर के नेता भी शामिल हैं। सभी को पार्टी की ओर से उनकी चुनावी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। भाजपा के प्रत्याशी के जीत का अंतर पार्टी की इस रणनीति से बढ़ेगा।