लोकसभा चुनाव के बीच राजेशपति त्रिपाठी के बदले सुर, सोनिया-राहुल की तारीफ में पढ़े कसीदे; कही ये बात
पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पौत्र पूर्व एमएलसी राजेश पति त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस छोड़ना हमारी भूल थी। हालांकि हम कांग्रेस से कभी अलग नहीं हुए। गांधी परिवार से राजनीति ही नहीं पारिवारिक रिश्ता है। आज भी हमारी नेता सोनिया व राहुल गांधी हैं। तीन साल पहले पुत्र ललितेश त्रिपाठी संग तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए राजेशपति ने औरंगाबाद हाउस में प्रेसवार्ता की।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पौत्र पूर्व एमएलसी राजेश पति त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस छोड़ना हमारी भूल थी। हालांकि हम कांग्रेस से कभी अलग नहीं हुए। गांधी परिवार से राजनीति ही नहीं पारिवारिक रिश्ता है। आज भी हमारी नेता सोनिया व राहुल गांधी हैं। तीन साल पहले पुत्र ललितेश त्रिपाठी संग तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए राजेशपति ने औरंगाबाद हाउस में प्रेसवार्ता की।
कहा कि छोटी-छोटी कुछ बातें व व्यक्तिगत कारणों से हम कांग्रेस से अलग होकर एक समान विचारधारा से जुड़ी पार्टी का हिस्सा बन गए। ममता बनर्जी ने बहुत सम्मान दिया लेकिन कांग्रेस हमारे मूल में हैं। हम कमलापति त्रिपाठी के वंश के वारिस हैं, उस नाते हम उनकी राजनीतिक विचारधारा के विरुद्ध राजनीति नहीं कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह भी नहीं कि हम कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। लेकिन यह भी तय है कि हम कांग्रेस से अलग नहीं हैं।
सोमेश त्रिपाठी ने हाल ही में थाम भाजपा का दामन
कांग्रेस की कभी धुरी रहे इस परिवार के भवन पर दो दिन पूर्व हाल ही मेंं भाजपा का दामन थामे सोमेश त्रिपाठी ने लहराते भगवा झंडे तले पत्रकरों से बात की थी। अगले दिन इसी भवन में ड्राइंग रूप में इंदिर गांधी की गोद में खेलते ललितेश त्रिपाठी (राजेशपति त्रिपाठी के पुत्र ) व सोनिया गांधी की तस्वीर के बीच पूर्व एमएलसी राजेश पति त्रिपाठी ने पत्रकारों से बात की।
कहा, सोमेश का मामला घर का है। आज भी समझाएंगे, कल भी समझाएंगे। उम्मीद है वह घर लौट आएंगे। हम सब पंडित कमलापति त्रिपाठी की वैचारिक विरासत के विरुद्ध राजनीति की नहीं सोच सकते हैं। निजी वजहों से मैं और मेरे पुत्र ललितेश पति त्रिपाठी तीन वर्ष पूर्व कांग्रेस से अलग हुए थे लेकिन हम दादा एवं पिता की वैचारिक विरासत से अलग नहीं हो सकते थे। इसलिए 1980 से पंडित कमलापति त्रिपाठी से अनन्य भाव से जुड़ी रही ममता बनर्जी के आग्रह पर हम उनसे जुड़े, पर शांत घर बैठे रहे।
विगत विधानसभा चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मड़िहान सीट ललितेशपति के पक्ष में तृणमूल कांग्रेस के लिए छोड़ी पर हम चुनाव से पृथक रहे। पंडित कमलापति त्रिपाठी के विचारों की विरासत के तकाजों पर जब इंडिया गठबंधन बना, ममता एवं अखिलेश यादव ने ललितेश को भदोही से चुनाव लड़ने को कहा और उसके साथ सोनिया व राहुल गांधी का आशीर्वाद भी जुड़ा, तब चुनाव में ललितेश भदोही से उतरे हैं।
उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर राहुल गांधी ने न्याय यात्रा के जरिए कांग्रेस को जनता से जोड़ने के लिए निडर होकर बहुत मेहनत की है। जनता आज महंगाई, बेरोजगारी काे महसूस कर रही है। भाजपा के खिलाफ खुलकर बोल रही है। इसलिए आइएनडीआइए गठबंधन इतिहास लिखने जा रहा है।