केजरीवाल के खिलाफ एलजी की NIA जांच की सिफारिश पर गरमाई सियासत, सीएम आतंकी संगठन से फंडिंग लेने का आरोप
दिल्ली के आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस मामले में जहां मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है वहीं इससे एक दिन पहले उपराज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख उनके खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस मामले में जहां मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है, वहीं इससे एक दिन पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख उनके खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है।
जांच की यह सिफारिश प्रतिबंधित आतंकी संगठन 'सिख फार जस्टिस' से आप को कथित तौर पर राजनीतिक चंदा दिए जाने को लेकर एलजी को मिली एक शिकायत के आधार पर की गई है।
एलजी को मिली थी शिकायत
एलजी को शिकायत मिली थी कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप को 1993 में हुए दिल्ली बम धमाके के दोषी आतंकी देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर की रिहाई में सहायता करने और खालिस्तान समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए चरमपंथी खालिस्तानी समूहों से कथित तौर पर 16 मिलियन अमेरिकी डालर यानी 134 करोड़ रुपये मिले थे।
एलजी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है कि चूंकि आरोप सीधे मुख्यमंत्री के खिलाफ हैं और देश में प्रतिबंधित आतंकी संगठन से किसी राजनीतिक दल को लाखों डालर की कथित फंडिंग से संबंधित हैं। ऐसे में शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत इलेक्ट्रानिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच कराए जाने की जरूरत है।
एलजी के पत्र के अनुसार, उन्हें यह शिकायत विश्व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव आशु मोंगिया की ओर से मिली थी। अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता ने एक वीडियो सामग्री का हवाला दिया है, जो पत्र के साथ वीडियो सुबूत के तौर पर पेन ड्राइव में गृह मंत्रालय को भेजी गई है। इसमें खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप को वर्ष 2014 से 2022 के दौरान खालिस्तानी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डालर की फंडिंग मिली।
केजरीवाल के एक पत्र का भी दिया हवाला
एलजी ने गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में केजरीवाल द्वारा जनवरी 2014 में लिखे गए एक पत्र का भी हवाला दिया है, जो उन्होंने भुल्लर की रिहाई के लिए लिखित आश्वासन की मांग को लेकर जंतर मंतर पर अनशन पर बैठे इकबाल सिंह को लिखा था। इसमें केजरीवाल ने इकबाल सिंह को लिखा है कि आप सरकार पहले ही राष्ट्रपति को भुल्लर की रिहाई की सिफारिश कर चुकी है और अन्य मुद्दों पर काम करेगी, जिसमें सहानुभूतिपूर्वक और समयबद्ध तरीके से एसआइटी का गठन भी शामिल है। केजरीवाल का पत्र मिलने के बाद इकबाल सिंह ने अपना अनशन खत्म कर दिया था।
खालिस्तान समर्थक नेताओं के साथ फोटो का भी जिक्र
केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में एलजी ने यह भी कहा है कि इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट की एक श्रृंखला में आप के एक पूर्व कार्यकर्ता मुनीश कुमार रायजादा ने खालिस्तान समर्थक नेताओं के साथ केजरीवाल की मुलाकात की कथित तस्वीरें भी साझा की थीं।
कौन है देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर
वर्ष 1993 में दिल्ली में रायसीना रोड पर भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यालय के बाहर एक कार में धमाका हुआ था। इस धमाके में रिमोट कंट्रोल आरडीएक्स बम का इस्तेमाल किया गया था। यह हमला खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ खुलकर बोलने वाले मनिंदर सिंह बिट्टा को निशाना बनाते हुए किया गया था, हमले के समय वह अपनी कार से कार्यालय से बाहर निकल रहे थे। धमाके में वह घायल हुए थे, लेकिन उनकी जान बच गई थी, जबकि उनके दो सुरक्षा गार्डों समेत नौ लोगों की मौत हुई थी और 31 अन्य घायल हुए थे। इस धमाके के लिए भुल्लर को पहले मृत्युदंड दिया गया था, लेकिन बाद में उसकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया और वह जेल में बंद है। आतंकी भुल्लर इस हमले से पूर्व लुधियाना में केमिकल इंजीनियरिंग का प्रोफेसर था।
दिल्ली की सियासत गरमाई
एलजी के इस कदम से दिल्ली की सियासत गरमा गई है। आप नेताओं ने एलजी पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह केजरीवाल के खिलाफ एक बड़ी साजिश है। एलजी भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। भाजपा दिल्ली की सभी सीटें हार रही है, इसीलिए बौखलाहट में यह कदम उठाया गया है। आप सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज का आरोप है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत करने वाला आशू मोंगिया भाजपा का पदाधिकारी है। लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा पदाधिकारी द्वारा इस तरह का आरोप लगाने का उद्देश्य साफ दिखाता है कि इसके पीछे बड़ी साजिश है।
उल्लेखनीय है कि तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल को विगत 21 मार्च को ईडी ने आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उसके बाद कुछ दिन ईडी रिमांड में रखे जाने के बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था, तभी से वह जेल में हैं। केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में प्रचार का हवाला देते हुए जमानत की मांग की है, उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी है।