Move to Jagran APP

'कभी नहीं सोचा था एक दिन भगवान मेरे सामने...', दिल्ली हाईकोर्ट ने क्यों की ऐसी टिप्पणी

एक निजी भूमि पर बने मंदिर के विवाद और उसमें पूजा करने के अधिकार का दावा करने से संबंधित अपील याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन भगवान ही मेरे सामने वादी होंगे। अपील याचिका में भगवान हनुमान को पक्षकार बनाने पर अदालत ने अपीलकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए उक्त टिप्पणी की।

By Vineet Tripathi Edited By: Pooja Tripathi Published: Tue, 07 May 2024 05:36 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2024 05:36 PM (IST)
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक केस के दौरान की टिप्पणी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एक निजी भूमि पर बने मंदिर के विवाद और उसमें पूजा करने के अधिकार का दावा करने से संबंधित अपील याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन भगवान ही मेरे सामने वादी होंगे।

loksabha election banner

अपील याचिका में भगवान हनुमान को पक्षकार बनाने पर अदालत ने अपीलकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए उक्त टिप्पणी की।

भूखंड को बताया भगवान हनुमान

अपीलकर्ता अंकित मिश्रा ने किसी अन्य पक्ष को भूमि के हस्तांतरण के संबंध में आपत्ति याचिका को खारिज करने वाले निचली अदालत के आदेश के अपीलकर्ता ने याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि अपीलकर्ता के पास मुकदमे की संपत्ति में कोई अधिकार, टाइटल या हित नहीं था।

इसमें दावा किया गया था कि संपत्ति पर एक सार्वजनिक मंदिर था, इसलिए भूखंड भगवान हनुमान है और अपीलकर्ता व्यक्ति अदालत के समक्ष उसके उपासक के रूप में पेश हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.