डीपफेक के मामले पर अब तक कार्रवाई करने में विफल रही केंद्र सरकार: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि अब तक इस मुद्दे पर केंद्र सरकार कार्रवाई करने में विफल रही है जबकि उसे इस मुद्दे पर विचार करने के साथ ही कार्रवाई करनी चाहिए। अदालत ने पूछा कि क्या आप कार्रवाई करने को तैयार हैं और कार्रवाई करने जा रहे हैं? अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। डीपफेक वीडियो (Deepfake Video) को लेकर एक वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जवाब मांगते हुए अहम टिप्पणी की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने टिप्पणी की कि अब तक इस मुद्दे पर केंद्र सरकार कार्रवाई करने में विफल रही है, जबकि उसे इस मुद्दे पर विचार करने के साथ ही कार्रवाई करनी चाहिए।
अदालत ने कहा कि राजनीतिक दल भी अब चुनाव के दौरान इस तरह के डीपफेक के दुरुपयोग की शिकायत कर रहे हैं। मुख्य पीठ ने कहा कि अदालत कई महीने से केंद्र सरकार को बता रही है कि सरकार को विचार करना होगा।
चार सप्ताह के अंदर मांगा जवाब
अदालत ने पूछा कि क्या आप कार्रवाई करने को तैयार हैं और कार्रवाई करने जा रहे हैं? अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
याचिका में क्या की गई मांग
वरिष्ठ पत्रकार ने याचिका दायर कर डीपफेक के निर्माण को सक्षम करने वाले प्लेटफॉर्म्स और मोबाइल ऐप की पहचान करने और उन तक पहुंच को बाधित करने का निर्देश देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उन्हें डीपफेक के खतरों के बारे में तब पता चला जब उन्हें इंटरनेट मीडिया पर उनके चेहरे और आवाज का उपयोग करते हुए मधुमेह और वजन घटाने के उपचार की सिफारिश करने वाले एक फर्जी वीडियो की जानकारी हुई।
यह भी कहा कि उन्होंने फर्जी वीडियो को हटाने का प्रयास किया, लेकिन पाया कि ऐसे वीडियो को पहचानने और हटाने के लिए कोई तंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में नोएडा पुलिस के साइबर सेल में शिकायत दर्ज की, लेकिन किसी भी अपराधी को पकड़ा नहीं गया है।
उन्होंने कहा कि डीपफेक के संबंध में शिकायत मिलने के 12 घंटे के भीतर कार्रवाई व सामग्री के संबंध में छह घंटे के भीतर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश देने की मांग की कि इंटरनेट मीडिया कंपनियों को संबंधित व्यक्ति से शिकायत मिलने पर डीपफेक को हटाने का निर्देश दिया जाए।