इधर संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान, उधर घरों में बुखार से तड़पते मिले 1200 से अधिक मरीज
घरों में बुखार से तड़पते मिले 1200 से अधिक मरीज। मंगलवार को दस्तक अभियान का हो गया समापन उसी में सामने आए ये मरीज। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. अजय मोहन अग्रवाल बताते हैं कि गर्मी की वजह से लोगों में डिहाइड्रेशन हो रहा है। बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की वजह से टाइफायड आदि के मरीज भी बढ़ गए हैं। जिसकी वजह से ओपीडी में लगातार भीड़ बड़ रही है।
जागरण संवाददाता, बरेली। अस्पताल तो डायरिया और बुखार के मरीजों से भरा होना तो दूर की बात है। जिले में घरों में भी लोग बुखार से तड़प रहे हैं। यह ऐसे मरीज हैं जिन्होंने अभी तक किसी डाक्टर को दिखाया तक नहीं हैं। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर सर्वे किया तो पता चला कि 1200 से अधिक लोग ऐसे हैं जो बुखार से तड़प रहे हैं। फिलहाल सभी की मलेरिया की जांच कराई गई है।
एक अप्रैल से शुरू हुए संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान का मंगलवार को समापन हो गया। इस अभियान के दौरान आशाओं को जिम्मेदारी दी गई थी कि जिले में बुखार के मरीजों का सर्वें करें। ऐसे लोगों को चिन्हित करे जो बुखार पीड़ित हो और अपना कहीं भी इलाज नहीं करा रहे हो।
आशाओं ने किया गांव में सर्वे
आशाओं ने अपने-अपने गांव में सर्वे किया तो पता चला कि पूरे जिले में करीब 1254 मरीज ऐसे हैं जो बुखार से पीड़ित हैं। हालांकि अभी अंतिम दिन तक कुल कितने मरीज और मिले हैं इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी। मगर इन मरीजों का मलेरिया का सैंपल लेकर जांच कराई जा रही है। कुछ की रिपोर्ट अभी तक निगेटिव आई है।
जिला मलेरिया अधिकारी सतेंद्र कुमार का कहना हैं कि, लगातार टीमों को सक्रिय किया गया है। जहां भी इस तरह के मरीज मिल रहे हैं। वहां पर तुंरत टीम भेजकर जांच करा रहे हैं। साथ ही वहां की साफ-सफाई और छिड़काव भी कराया जा रहा है।
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उधर, दूसरी ओर जिला अस्पताल में भी मरीजों की लंबी कतार लगना शुरू हो गई है। जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों का तापमान काफी अधिक मिल रहा है।
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बच्चों में डायरिया सबसे ज्यादा
ऐसा नहीं है कि बीमार सिर्फ बड़े लोग ही हो रहे हैं। बड़े लोगों से ज्यादा डायरिया की चपेट में छोटे बच्चे आ रहे हैं। डायरिया और बुखार पीड़ित बच्चों की वजह से जिला अस्पतला का बच्चा वार्ड भर चुका है। एक बेड पर दो-दो बच्चे भर्ती करने की नौबत आ चुकी है।