Bihar Politics: 'झूठ बोलने की मशीन हैं Lalu Yadav', राजद सुप्रीमो पर भड़की JDU; याद दिलाई ये पुरानी बात
जदयू प्रवक्ताओं ने बुधवार को कहा कि मंडल कमीशन की बैठक तक में शामिल नहीं होने वाले लालू यादव आज लोगों में भ्रम फैला रहे हैं। जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि लालू यादव झूठ बोलने की मशीन हैं। मंडल कमीशन की रिपोर्ट केंद्रीय स्तर पर लागू करने का दावा करने वाले लालू यादव मंडल कमीशन को लेकर हुई बैठक तक में कभी शामिल ही नहीं हुए।
राज्य ब्यूराे, पटना। जदयू के प्रवक्ताओं ने बुधवार को कहा कि मंडल कमीशन की बैठक तक में शामिल नहीं होने वाले लालू प्रसाद आज लोगों के बीच भ्रम फैला रहे हैं। जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जदयू के प्रदेश प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव, अरविंद निषाद व धीरज कुशवाहा ने यह बात कही।
जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि लालू प्रसाद असल में झूठ बोलने की मशीन हैं। इस चुनाव में वह मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लेकर जनता का भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। लालू प्रसाद मंडल कमीशन की रिपोर्ट केंद्रीय स्तर पर लागू करने का दावा कर रहे पर वह मंडल कमीशन को लेकर हुई बैठक में कभी शामिल ही नहीं हुए।
जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि जिस कांग्रेस की गोद में बैठकर वह राजनीति कर रहे उस कांग्रेस से उन्हें यह पूछना चाहिए कि कांग्रेस ने आखिर केंद्र की नौकरियों में आरक्षण क्यों नहीं दिया? हकीकत है कि आजादी के बाद 50 सालों तक वंचित समुदाय का बेटा केंद्र की नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं ले सका।
राजद का आरक्षण छीनने का सपना पूरा नहीं होने देगा अति पिछड़ा: राजीव रंजन
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने बुधवार को कहा कि राजद के आरक्षण छीनने का सपना अति पिछड़ा समाज पूरा नहीं होने देगा। तेजस्वी के बाद अब लालू प्रसाद धर्म के आधार पर आरक्षण देने की बात कर रहे। इससे यह साफ है कि ये लोग वंचितों, पिछड़ाें तथा अति पिछड़ों के आरक्षण काे खत्म करना चाह रहे।
राजीव रंजन ने कहा कि राजद के नेताओं को यह समझ लेना चाहिए कि उन्हें जिसे आरक्षण देने का वादा करना है करें लेकिन वंचित, पिछड़ा और अति पिछड़ा के आरक्षण में कटौती करने के उनका कोई भी प्रयास जनता बर्दाश्त नहीं करने वाली है। एक की थाली से निवाला छीनकर दूसरे को देना सही नहीं कहा जा सकता है।
राजीव रंजन ने कहा कि हकीकत यह है कि राजद की निगाह में वंचित, पिछड़ों और अति पिछड़ों की औकात गुलामों से अधिक नहीं है। नीतीश कुमार के राज में गरीब तबकों का सशक्तिकरण उन्हें नहीं सुहाता।
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