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'लगता है सरकारी मशीनरी को अदालत के आदेश की परवाह नहीं', राजस्थान सरकार के रवैये से हाई कोर्ट खफा

राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर मुकदमों में सरकारी वकीलों के पेश नहीं होने और समय पर जवाब नहीं देने पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने मुख्य सचिव एवं विधि विभाग के प्रमुख सचिव को तलब किया है। न्यायाधीश गणेश राम मीणा ने मुख्य सचिव और प्रमुख विधि सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर शपथ पत्र देकर बताने को कहा है कि कब तक न्यायालयों में यही हालत बने रहेंगे।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Published: Tue, 30 Apr 2024 10:30 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 10:30 PM (IST)
सरकार के पास दो मई तक मामले में जवाब देने का अंतिम अवसर। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर मुकदमों में सरकारी वकीलों के पेश नहीं होने और समय पर जवाब नहीं देने पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने मुख्य सचिव एवं विधि विभाग के प्रमुख सचिव को तलब किया है।

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न्यायाधीश गणेश राम मीणा ने मुख्य सचिव और प्रमुख विधि सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर शपथ पत्र देकर यह बताने को कहा है कि कब तक न्यायालयों में यही हालत बने रहेंगे। दरअसल, उच्च न्यायालय में मुकेश कुमार मीणा की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इस दौरान न्यायालय के सामने आया कि इस मामले में चिकित्सा विभाग ने पिछले पांच साल से जवाब पेश नहीं किया है। इस पर न्यायाधीश ने नाराजगी जताई।

सरकार ने कामकाज सुधारने को लेकर कदम नहीं उठाए

न्यायाधीश ने कहा, "कई बार समय पर जवाब पेश नहीं करने को लेकर सरकार पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है। लेकिन उसके बाद भी सरकार ने कामकाज सुधारने को लेकर कोई कदम नहीं उठाए हैं।" न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि हमने सरकार के इस तरह के रवैये को लेकर पहले भी एक मामले में राज्यपाल को पत्र लिखा था। हो सकता है राजभवन से स्पष्टीकरण मांगते हुए हालात सुधारने के निर्देश दिए गए हों, लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि सरकारी मशीनरी को न्यायालय के आदेश की परवाह हो।

दो मई तक मामले में जवाब देने का अंतिम अवसर

याचिकाकर्ता के वकील तनवीर अहमद ने बताया कि न्यायालय ने 25 हजार का जुर्माना लगाने के साथ ही राज्य सरकार को दो मई तक मामले में जवाब देने का अंतिम अवसर दिया है। याचिकाकर्ता ने साल,2018 में याचिका दायर कर कहा था कि उसे मेरिट में होने के बावजूद सहायक रेडियोग्राफर के पद पर नियुक्ति नहीं दी गई।

2018 में ही कोर्ट से जवाब पेश करने के लिए मांगा था समय

न्यायालय में सुनवाई के दौरान अक्टूबर,2018 में अतिरिक्त महाधिवक्त ने न्यायालय से जवाब पेश करने के लिए समय मांगा था, लेकिन अब तब न्यायालय में जवाब पेश नहीं किया गया।

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