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25 साल में पहली बार… अमेठी से चुनाव नहीं लड़ेगा गांधी परिवार, राहुल ने रायबरेली से भरा पर्चा, बोले- मां ने सौंपी परिवार की कर्मभूमि

रायबरेली से राहुल गांधी के नाम की घोषणा हुई और उन्होंने गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले अमेठी निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर रायबरेली को चुना। ऐसा 25 वर्षों बाद हो रहा है जब गांधी परिवार का कोई सदस्य अमेठी से इस चुनावी रण में नहीं उतरा है। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण की नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायबरेली से पर्चा दाखिल किया।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Fri, 03 May 2024 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2024 10:05 PM (IST)
25 साल में पहली बार… अमेठी से चुनाव नहीं लड़ेगा गांधी परिवार।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। तमाम कौतूहल और कयासों के बाद शुक्रवार सुबह रायबरेली से राहुल गांधी के नाम की घोषणा हुई और उन्होंने गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले अमेठी निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर रायबरेली को चुना। ऐसा 25 वर्षों बाद हो रहा है जब गांधी परिवार का कोई सदस्य अमेठी से इस चुनावी रण में नहीं उतरा है। 

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लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण की नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायबरेली से पर्चा दाखिल किया। इसी दिन भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने भी रायबरेली से नामांकन किया। 

उधर, अमेठी से कांग्रेस ने सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा को शुक्रवार सुबह अमेठी लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया। उनके सामना भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी होगा। 

अजेय रही हैं सोनिया 

सोनिया गांधी ने रायबरेली से वर्ष 2004 में चुनाव लड़ा और जीता। उसके बाद 2006 के उपचुनाव, 2009, 2014 और फिर 2019 में विजयी हुईं। सोनिया हर बार रायबरेली से अजेय रहीं। इससे पहले 1967 में इंदिरा गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ा और जीतीं। फिर 1971 में विजयी हुईं, लेकिन 1977 में हार गईं। 1980 में फिर रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ा और विजयी हुईं।

दोपहर 12 बजे के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह समेत अन्य लोग नामांकन के लिए निकले। सबसे पहले उन्होंने जगमोहनेश्वर मंदिर में पूजन किया। फिर कलेक्ट्रेट में चार सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया। 

वहीं, करीब दो बजे राहुल नामांकन करने पहुंचे। वह करीब एक घंटे तक कलेक्ट्रेट में रहे। राहुल ने चार सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मोहम्मद इलियास, पूर्व विधायक अजयपाल सिंह और कांग्रेस जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी तथा सुशील पासी प्रस्तावक बने। 

नामांकन से लौटकर की पारंपरिक पूजा

गांधी परिवार से जब किसी ने लोकसभा के लिए नामांकन किया तो पहले केंद्रीय कार्यालय पहुंचकर पूजन किया। उसी परंपरा को निभाने के लिए राहुल के नामांकन के लिए पूजन कार्यक्रम केंद्रीय कार्यालय में रखा गया, लेकिन जाम के कारण उन्होंने नामांकन करने के बाद पूजा की। 

नामांकन करके लौटे राहुल ने केवल इतना कहा कि जब दोबारा आऊंगा तो बात करूंगा। राहुल और प्रियंका एक गाड़ी में थे तो सोनिया, मल्लिकार्जुन खरगे और रॉबर्ट वाड्रा दूसरी गाड़ी में एक साथ थे। 

अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं

राहुल गांधी ने नामांकन के बाद एक्स पर लिखा कि 'रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था। मेरी मां ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है। अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही मेरा परिवार हैं और मुझे खुशी है कि 40 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे किशोरी लाल जी अमेठी से पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। अन्याय के खिलाफ चल रही न्याय की जंग में, मैं मेरे अपनों की मोहब्बत और उनका आशीर्वाद मांगता हूं। मुझे विश्वास है कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आप सभी मेरे साथ खड़े हैं।

अमेठी से किशोरी लाल को उतारा

कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा ने नामांकन पत्र चार सेट में दाखिल किया। इससे पहले प्रियंका रोड शो के लिए रथ पर सवार हुईं और कहा कि किशोरी लाल बीते 40 वर्ष से अमेठी की गली-गली गांव-गांव की जो समस्याएं और मुश्किलें हैं, उसे जानते हैं। इन्होंने लगातार 40 वर्ष तक अमेठी की सेवा की है। इसी विश्वास के साथ इन्हें लोकसभा का प्रत्याशी घोषित किया गया है। 

हार के बाद कम हुआ राहुल का अमेठी से लगाव

जानकारों का मानना है कि 2019 में स्मृति ईरानी से मिली शिकस्त के बाद अमेठी से राहुल का लगाव कम हुआ, लेकिन पिता राजीव व ताऊ संजय गांधी की यादों को अपने आंचल में समेटे होने व पुराने रिश्ते को अटूट बनाते के लिए परिवार के भरोसेमंद सिपहसालार केएल शर्मा को मैदान में उतार कर जनता को अपना भरोसा मजबूत करने का एक अवसर दिया है। रायबरेली की सलोन तहसील का एक हिस्सा अमेठी में है, लेकिन इस क्षेत्र पर रायबरेली की पकड़ मजबूत मानी जाती है।


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